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गुरु गोमके का जयंती समारोह 4 व 5 को फोटो डीएस 1

पंचांग के आधार पर बुद्ध पूर्णिमा के दिन ही जन्म दिवस मनाना उचित: भीमवार मुर्मू लाइफ रिपोर्टर@जमशेदपुरओलचिकि लिपि के जन्मदाता पंडित रघुनाथ मुर्मू का जयंती हर साल एक महीने में दो बार मनायी जाती है. संताल समाज के कुछ लोग पंचांग के आधार पर मनाते हैं. वहीं कुछ तिथि के आधार पर मनाते हैं. 1905 […]

पंचांग के आधार पर बुद्ध पूर्णिमा के दिन ही जन्म दिवस मनाना उचित: भीमवार मुर्मू लाइफ रिपोर्टर@जमशेदपुरओलचिकि लिपि के जन्मदाता पंडित रघुनाथ मुर्मू का जयंती हर साल एक महीने में दो बार मनायी जाती है. संताल समाज के कुछ लोग पंचांग के आधार पर मनाते हैं. वहीं कुछ तिथि के आधार पर मनाते हैं. 1905 में गुरु गोमके का जन्म बुद्ध पूर्णिमा (5 मई) को हुआ था. इस बार दोनों आधार पर गुरु गोमके की जयंती लगातार पड़ रही है. पंचांग के आधार पर बुद्ध पूर्णिमा को यानी 4 मई को उनका जन्म दिवस मनायेंगे. तारीख के आधार पर 5 मई को मनाया जायेगा. पंडित रघुनाथ मुर्मू के पोते भीमवार मुर्मू बताते हैं कि वे अपने दादाजी का जयंती समारोह पंचांग के आधार पर यानी बुद्ध पूर्णिमा के दिन मनाते हैं. गुरु गोमके पंडित रघुनाथ मुर्मू की भी यही इच्छा थी. संताल समाज के लोगों को गुरु गोमके का जयंती समारोह बुद्ध पूर्णिमा के दिन ही मनाना चाहिये. ओडिशा के डांडबुश-डाहारडीह उनके पैतृक स्थल में बुद्ध पूर्णिमा के दिन ही मनाया जाता है. परसी सीञ चांदो गुरु गोमके महाल माडवा उनके आदर्शों को जन-जन तक पहुंचाने का कार्य कर रही है.

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