बेमौसम बारिश के बाद देश भर से आ रही हताशा की खबरों के बीच इस इलाके के किसानों का जज्बा नयी उम्मीद जगाती है. ‘प्रभात खबर’ की टीम ने गुरुवार को ऐसे ही कुछ गांवों का दौरा किया, जहां कुछ दिनों पहले फसलें तबाह हो गयी थी. बारिश के बाद अधिकांश फसलों के समूल बर्बाद होने के बाद किसान काफी मायूस हैं. हालांकि, उन्होंने इस मायूसी के बीच जीने का रास्ता निकाल लिया है.
किसानों ने बताया कि उनकी घरों का सव्रे तो प्रशासन के लोग कर चुके हैं, लेकिन फसल का सव्रे अभी तक नहीं किया गया. आपदा के बाद किसानों ने खुद अपनी फसलों का जायजा लिया और यह देखा कि किन फसलों को फिर से जिंदा किया जा सकता है. किसान बताते हैं कि लौकी, बैंगन, खीरा, ककड़ी व भिंडी जैसी फसलें तो लगभग पूरी तरह खत्म हो चुकी थीं, लेकिन नेनुआ, झिंगा, करेला आदि कुछ फसलों में उम्मीद बाकी थी. ऐसे में उन्होंने खुद से खेतों में लगे पानी को निकाला और लताओं को खाद तथा दवाएं देकर फिर से जिंदा करने की कोशिश शुरू कर दी. कोशिश रंग लायी और ये फसलें अब फिर से खड़ी हो चुकी हैं. हालांकि, इनमें फल आने में अभी थोड़ा वक्त लगेगा.