जिला आपूर्ति पदाधिकारी सह नोडल अधिकारी टीडब्लूयू नाम निर्देशन पत्र कोषांग दिलीप कुमार तिवारी द्वारा मंगलवार को टाटा वर्कर्स यूनियन कमेटी मेंबर के सदस्यों के चुनाव की प्रक्रिया का प्रारू प जारी कर दिया. प्रारू प की जानकारी यूनियन के निर्वतमान अध्यक्ष और महासचिव को भेज दी गयी है. जिसमें बताया गया है कि को आप्शन कितने सदस्यों का होगा यह फैसला निवार्चित कमेटी मेंबर की पहली बैठक में मत से तय होगा. कमेटी मेंबर संख्या तय करेंगे. बैठक के हाल में संख्या को टांग दिया जायेगा. जिस संख्या पर ज्यादा मत मिलेंगे. उतने सदस्य को को ऑप्शन के जरिये चुना जायेगा. मतपत्र में एक से लेकर अधिकतम 21 सदस्यों का कॉलम रहेगा.
Advertisement
टाटा वर्कर्स यूनियन चुनाव: वोट से होगा को ऑप्शन पर फैसला
जमशेदपुर: टाटा वर्कर्स यूनियन के निर्वाचित कमेटी मेंबर मत से तय करेंगे कि को- आप्शन होगा या नहीं. कमेटी मेंबर का परिणाम आने के बाद सभी निवार्चित सदस्यों को मतपत्र दिया जायेगा. जिस पक्ष से सबसे अधिक मत होगा वहीं निर्णय लिया जायेगा. जिला प्रशासन ने को – आप्शन के नियम को तैयार कर लिया […]
जमशेदपुर: टाटा वर्कर्स यूनियन के निर्वाचित कमेटी मेंबर मत से तय करेंगे कि को- आप्शन होगा या नहीं. कमेटी मेंबर का परिणाम आने के बाद सभी निवार्चित सदस्यों को मतपत्र दिया जायेगा. जिस पक्ष से सबसे अधिक मत होगा वहीं निर्णय लिया जायेगा. जिला प्रशासन ने को – आप्शन के नियम को तैयार कर लिया है.
जिला प्रशासन से मतदान का समय बढ़ाने की मांग
टाटा वर्कर्स यूनियन के अध्यक्ष पीएन सिंह, डिप्टी प्रेसिडेंट संजीव चौधरी टुन्नू समेत अन्य लोगों ने एडीसी और पर्यवेक्षक सह डीडीसी लाल मोहन महतो से मुलाकात की. इन लोगों ने वोटिंग के समय को बढ़ाने की मांग की. इन लोगों ने दलील दी है कि अगर समय नहीं बढ़ेगा तो बी शिफ्ट के कर्मचारियों को वोट देने में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ेगा और लोकतांत्रिक व्यवस्था में कई कर्मचारी छूट जायेंगे, लिहाजा वोटिंग के समय को बढ़ा दिया जाना चाहिए. इन लोगों ने यह भी मांग की कि चूंकि कंपनी के भीतर में चुनाव होना है, इस कारण वोटिंग का अधिकार बीमार या अनफिट लोगों को भी मिलना चाहिए क्योंकि बीमार या अनफिट लोगों को कंपनी में प्रवेश करने नहीं दिया जाता है. जिला प्रशासन ने इस मामले में विचार करने का आश्वासन दिया है.
मजदूरों की सेवा की है, एक बार फिर मौका देंगे : रघुनाथ
टाटा वर्कर्स यूनियन चुनाव में अध्यक्ष पद के दावेदार तथा यूनियन के पूर्व अध्यक्ष रघुनाथ पांडेय का कहना है कि उन्होंने कर्मचारियों के हितों में काम किया है. काम के जरिये मजदूरों के बीच अपनी पहचान बनायी है. उन्हें उम्मीद है कि इस बार मजदूर उन्हें जरूर सेवा का मौका देंगे और उनकी टीम जीत कर सत्ता में आयेगी. पेश है श्री पांडेय से हुई विस्तृत बातचीत के अंश :
सवाल : इस चुनाव में आपकी स्थिति और रणनीति क्या है ?
रघुनाथ : लोगों का झुकाव मेरे और मेरी टीम के प्रति है. हम ज्यादा से ज्यादा लोगों को जोड़ने का प्रयास कर रहे हैं. लोग हमारे पिछले काम को देख रहे हैं और वर्तमान सत्ता पक्ष में जो काम हुआ है, उसकी तुलना कर खुद आकलन कर रहे हैं.
सवाल : आप रिटायरमेंट के करीब हैं, ऐसे में अगर फिर से अध्यक्ष बन गये तो यूनियन संकट में फंस सकती है ?
रघुनाथ : पीएन सिंह रिटायरमेंट के बाद भी पद पर बने हुए हैं. जितना का कार्यकाल होता है, उससे ज्यादा की सर्विस मेरी है, इस कारण मैं निश्चिंत हूं. मैं तीन साल रहूंगा. नया कानून भी आ गया है, जिसमें सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि जो भी एक बार चुना जायेगा, वह तीन साल तक अपने पद पर बना रहेगा.
सवाल : पीएन सिंह व उनकी टीम का आरोप है कि चुनाव हारने के बाद से आपकी टीम ने काम करने नहीं दिया ?
रघुनाथ : वे यह क्यों नहीं कह रहे हैं कि उन लोगों ने न कुछ काम किया और न काम करने की इच्छाशक्ति दिखायी. ढाई साल से ज्यादा काम करने का मौका मिला. इस दौरान उन्होंने जो ग्रेड रिवीजन कराया, उसमें मजदूरों को नुकसान हुआ. हमने पांच साल का ग्रेड रिवीजन कराया था, उन्होंने छह साल का कराया. हमने 21 फीसदी एमजीबी दिलाया, वे 18.25 फीसदी ही दिला पाये. हमने इंक्रीमेंट दिलाया, चार से पांच सौ रुपये के तोड़ पर पीपी (पर्सनल पे) दिलाया, उन्होंने नहीं दिलाया. यूटिलिटी एलाउंस तीन सौ रुपये दिलाया, वेहिकल मेंटिनेंस 300 रुपये दिलाया, तीन फीसदी इंक्रीमेंट हमने शुरू कराया. पीएन सिंह व उनकी टीम ने चुनाव के पहले 20 फीसदी बोनस दिलाने का वादा किया, लेकिन फीसदी से हटकर प्रोफिट को आधार बनाकर बोनस समझौता कर लिया. हम नौकरी छोड़ो, नौकरी पाओ स्कीम लाये, जिसका लाभ आज तक कर्मचारी उठा रहे हैं. वेहिकल एलाउंस को तीन साल किया था. नाइट एलाउंस को 15 रुपये से बढ़ाकर 95 रुपये कर दिया था, लेकिन पीएन सिंह व उनकी टीम ने सिर्फ 30 रुपये ही बढ़ोतरी की. हमने चार से पांच हजार लोगों को नौकरी दिलायी, वे एक भी नहीं दिला पाये. उनको काम करने के लिए किसी ने कहां रोका था? जो समझौता किया उसमें भी घाटा कराया. सारी विफलता उनकी है. जिसका ठीकरा मेरे माथे फोड़ने की कोशिश कर रहे हैं.
सवाल : किन मुद्दों को लेकर आप चुनाव मैदान में हैं ?
रघुनाथ : हम कर्मचारी पुत्रों को नौकरी दिलायेंगे. कर्मचारियों को अपना घर मिले, इसका प्रयास हमने किया था, उसे पूरा करने का संकल्प लिया है. सुपरवाइजरी ग्रोथ 1700 लोगों को दिलायी थी, जो बचे थे, उनको दिलायेंगे. सुपरवाइजरों को कलस्टर का लाभ दिलायेंगे. एनएस ग्रेड का विकास और उनके डीए में भी बढ़ोतरी के लिए बातचीत कर रास्ता निकालेंगे. आइबी पूरे प्लांट का बेहतर करेंगे. एसोसिएट्स कल्चर में भी चार साल के इंक्रीमेंट की डिमांड को पूरा करायेंगे. जितने गलत कार्य या समझौते पीएन सिंह व टीम ने किये हैं, उसका रिव्यू करायेंगे. टेक्निकल क्वालिफिकेशन और री-ऑर्गेनाइजेशन के इंक्रीमेंट को घटाकर जो दस साल का किया है, उससे नुकसान हुआ है, उसको रोकेंगे.
सवाल : आप चुनाव में जीत के प्रति कितने आश्वस्त हैं?
रघुनाथ : शत-प्रतिशत आश्वस्त हूं. मेरे काम को वर्तमान कमेटी के साथ तुलना कर लोग देख रहे हैं, जिससे महसूस हो रहा है कि हमारी पूरी टीम चुनाव में जीतकर आयेगी. हर तरफ से सकारात्मक संकेत मिल रहे हैं.
सवाल : कितनी सीटें मिलेंगी ?
रघुनाथ : हर सीट पर हमारी टीम के कमेटी मेंबरों की स्थिति मजबूत है. उम्मीद है कि हमारी टीम 175 सीटें जीतकर आयेगी.
सवाल : आरोप लगता रहा है कि आपके कार्यकाल में कंपनी एनजेसीएस से बाहर हुई, एनएस ग्रेड बनाया गया, कई मजदूर विरोधी फैसले लिये गये ?
रघुनाथ : एनजेसीएस में हमसे पहले ही लोग हट गये थे. एनजेसीएस में रहते हुए जब एरियर नहीं दिला पाये थे, नया ग्रेड टी बन गया था. उसी समय यह तय हो गया था कि एनजेसीएस से कंपनी बाहर जायेगी. लेकिन इसके बावजूद हम लोग तीन बार दिल्ली गये, लेकिन प्रबंधन नहीं गया. जी संजीवा रेड्डी ने भी मैनेजमेंट से बातचीत की, लेकिन दिल्ली में एनजेसीएस की मीटिंग में शामिल होने के लिए प्रबंधन नहीं गया. इसके बाद हमने ऑफिस बियरर और फिर हाउस में लेकर गये कि मैनेजमेंट कह रहा है कि बेहतर ग्रेड करेंगे. इसके बाद सभी ने हरी झंडी दे दी, तब हम एनजेसीएस से बाहर होकर समझौता करने को तैयार हुये. सर्वसम्मति से पारित हुआ, जिसके बाद हमने इसका समझौता किया. मैनेजमेंट ने उससे बेहतर ग्रेड जरूर दिया.
सवाल : एनएस ग्रेड नहीं बना होता तो बहाली स्टील वेज में ही होती क्योंकि कंपनी को जरूरत थी, यह आरोप पीएन सिंह ने ही लगाया है, क्या कहना चाहेंगे ?
रघुनाथ : कंपनी में 22 साल से नौकरी के रास्ते बंद थे. हमने पांच हजार लोगों की नौकरी का रास्ता खोला. हमारे अध्यक्ष पद से हटने के बाद एक भी नौकरी सत्ता पक्ष नहीं दिला पाया. जब सब कुछ कंपनी प्रबंधन पर ही है तो हमारी या यूनियन की क्या जरूरत है. रास्ता निकालना यूनियन का काम है. अभी क्या विभागों में वैकेंसी नहीं है, स्थायी काम में कांट्रैक्टर्स को रखा गया, लेकिन पीएन सिंह व उनकी टीम ने कुछ नहीं किया.
सवाल : पिछली बार किस तरह की गलती हुई जिसके चलते आप हार गये ?
रघुनाथ : गलतियां हुई थीं. उसको हमने सुधारा है. मजदूर भाइयों ने हमें जिताया था लेकिन कुछ लोगों ने बरगलाकर हमें हराने का काम किया था. जो पिछली गलतियां हुई थी, इस बार उसे नहीं दोहरायेंगे.
Prabhat Khabar App :
देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए
Advertisement