डॉ ममता रथ दत्ता गायनोकोलॉजिस्टपीसीओडी यानी पॉलिसिएस्टिक ओवेरियन सिंड्रॉम एंड डिजिज हार्मोनल असंतुलन के कारण भी होती है. खासतौर पर किशोरावस्था में लड़कियों को इस प्रकार की बीमारी काफी होती है. इस बीमारी से पीडि़तों को पीरियड साइकिल में देरी होती है. इनफर्टेलिटी भी हो जाती है. पीरियड्स के समय कभी-कभार ज्यादा खून का रिसाव भी हो सकता है. सामान्यतौर पर इस बीमारी से पीडि़त मरीज में इसी प्रकार के लक्षण दिखायी देते हैं. इस प्रकार के कोई लक्षण दिखायी दे तो तुरंत डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिये. यह बीमारी सिर्फ किशोरावस्था में ही नहीं, बल्कि व्यस्कों को भी हो सकती है. इस बीमारी के निदान के बाद गर्भधारण भी संभव है. इससे बचने के लिए लाइफस्टाइल में थोड़ा बदलाव करने की जरूरत है. रेगुलर एक्सरसाइज, वेट कंट्रोल, तनाव से दूर रहने के साथ-साथ फास्ट फूड से परहेज बेहतर होता है. बीमारी : पीसीओडी. लक्षण : पीरियड साइकिल में देरी, इनफर्टेलिटी, कभी-कभार खून का ज्यादा रिसाव. बचाव : रेगुलर एक्सरसाइज, वेट कंट्रोल, टेंशन फ्री रहना व फास्ट फूड से परहेज.
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हार्मोनल असंतुलन पीसीओडी का प्रमुख कारण
डॉ ममता रथ दत्ता गायनोकोलॉजिस्टपीसीओडी यानी पॉलिसिएस्टिक ओवेरियन सिंड्रॉम एंड डिजिज हार्मोनल असंतुलन के कारण भी होती है. खासतौर पर किशोरावस्था में लड़कियों को इस प्रकार की बीमारी काफी होती है. इस बीमारी से पीडि़तों को पीरियड साइकिल में देरी होती है. इनफर्टेलिटी भी हो जाती है. पीरियड्स के समय कभी-कभार ज्यादा खून का रिसाव […]
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