प्रतिनिधि, राजनगरकिसानों ने अपने खेतों में धन कटनी समाप्त होने के पश्चात खलिहान में धान की फसल झड़ने का काम शुरू कर दिया है. झाड़े गये धान को सुरक्षित रखने के लिए बांस या प्लास्टिक के बोरे से बनाया गया डाला उपयोग किया जा रहा है. 8 पूड़ा धान रखने वाला बांस का डाला इन दिनों 14,000 रुपये में बिक्री किया जा रहा है. वहीं प्लास्टिक का डाला 200 रुपये में मिल रहा है. जिससे किसानों के लिए प्लास्टिक के बोरे से बनाया गया डाला वरदान साबित हो रहा है. प्रखंड क्षेत्र के अधिकतर किसान बांस से बनाये गये डाले काफी महंगा होने के कारण प्लास्टिक के बोरे से बनाया गया डाला का उपयोग किया जा रहा है. किसानों ने बताया कि खेतों से धान कटनी का कार्य समाप्त होने के पश्चात खलिहान में धान की फसल झाड़ने का कार्य शुरू हो गया है. धान की फसल सुरक्षित रखने का भी काम किया जा रहा है. ताकि आवश्यकता पड़ने पर कभी भी निकाला जा सके. धान की फसल को सुरक्षित रखने के लिए बांस से बनाया गया डाला तथा प्लास्टिक के बोरे से बनाये गये डाला का उपयोग किया जाता है. बांस से बनाया गया डाला काफी महंगा होता जा रहा है. जिसके चलते प्लास्टिक के बोरे से बनाया गया डाला का उपयोग किया किया जा रहा है. महंगा होने के बावजूद अधिकतर किसानों द्वारा बांस का डाला इसलिए भी उपयोग किया जाता है, क्योंकि वह ज्यादा टिकाऊ भी है.
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किसानों को वरदान साबित हो रहा प्लास्टिक डाला
प्रतिनिधि, राजनगरकिसानों ने अपने खेतों में धन कटनी समाप्त होने के पश्चात खलिहान में धान की फसल झड़ने का काम शुरू कर दिया है. झाड़े गये धान को सुरक्षित रखने के लिए बांस या प्लास्टिक के बोरे से बनाया गया डाला उपयोग किया जा रहा है. 8 पूड़ा धान रखने वाला बांस का डाला इन […]
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