नाम- डॉ देवेन्द्र जी, इएनटी स्पेशलिस्ट ऑपरेशन से सायनोसाइटिस का इलाज संभव भ्रांति है कि सायनस जिंदगी भर रहता है. इस बीमारी का दवाई व ऑपरेशन से इलाज संभव है. दिमाग की हड्डी में प्री फॉर्म एयर कैविटी होती है, जिसका रास्ता नाक से खुलता है. सायनस का ऑक्सीजन को एयर कंडीशन कर फेफड़ों में भेजना काम है. सायनस हर इंसान में होता है. जब किसी कारण से सायनस बंद हो जाता है तो उस स्थिति में साइनोसाइटिस की बीमारी होती है. सायनस के छेद बंद होने के कई कारण हो सकते हैं. पहला, एलर्जी के कारण, दूसरा, इन्फेक्शन के कारण, नाक की संरचना ठीक नहीं रहने के चलते, हड्डी टेढ़ी होने से हवा का प्रवाह अच्छी तरह से नहीं हो पाता. जिसके कारण यह बीमारी होती है. माथे में दर्द रहना, सर में भारीपन का एहसास, हमेशा नाक के पीछे कफ, नाक से कफ निकलना, कान में भी दर्द हो सकता है, एलर्जी होने के कारण छींक आना इसके सामान्य लक्षण हैं. इससे बचने के लिये एलर्जी वाली चीजों से दूर रहना चाहिए. ऐसे हाल में एंटीबायोटिक दवा, पेन किलर, बंद नाक को खोलने के लिये नोजल ड्रॉप और मरीज को ज्यादा-से-ज्यादा पानी पीने की सलाह दी जाती है. इससे अंदर का कफ पतला हो जाता है. यदि इससे भी बीमारी ठीक नहीं होती है तो ऑपरेशन कर इसका इलाज किया जाता है. बीमारी- सायनोसाइटिसलक्षण- सर दर्द, सर में भारीपन, नाक के पीछे कफ, नाक से कफ निकलता है, कान में दर्द, एलर्जी से छींक आना. उपाय- डॉक्टर की सलाह लें.
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हेल्थ बुलेटिन – डॉ देवेन्द्र जी
नाम- डॉ देवेन्द्र जी, इएनटी स्पेशलिस्ट ऑपरेशन से सायनोसाइटिस का इलाज संभव भ्रांति है कि सायनस जिंदगी भर रहता है. इस बीमारी का दवाई व ऑपरेशन से इलाज संभव है. दिमाग की हड्डी में प्री फॉर्म एयर कैविटी होती है, जिसका रास्ता नाक से खुलता है. सायनस का ऑक्सीजन को एयर कंडीशन कर फेफड़ों में […]
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