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हेल्थ बुलेटिन- शलभ रस्तोगी

नाम- शलभ रस्तोगी, इ एन टी स्पेशलिस्ट कान से मवाद दो वजहें से जाते हैं. हड्डी के गलने से और परदे में सुराग होने से. हड्डी गलने से निकलने वाले मवाद सीएसओएम अनसेफ टाइप होते हैं. जिसका इलाज मैस्टोईडेक्टोमी ऑपरेशन कर किया जाता है. परदे में सुराग होने को सीएसओएम कहा जाता है. यह सेफ […]

नाम- शलभ रस्तोगी, इ एन टी स्पेशलिस्ट कान से मवाद दो वजहें से जाते हैं. हड्डी के गलने से और परदे में सुराग होने से. हड्डी गलने से निकलने वाले मवाद सीएसओएम अनसेफ टाइप होते हैं. जिसका इलाज मैस्टोईडेक्टोमी ऑपरेशन कर किया जाता है. परदे में सुराग होने को सीएसओएम कहा जाता है. यह सेफ टाइप है. जिसका इलाज टैमपैनोप्लास्टी ऑपरेशन कर किया जाता है. कान से मवाद आना, खून का रिसाव, पानी निकलना, कानों में दर्द होना इसके सामान्य लक्षण हैं. इससे बचाव के लिए कानों में रूई डालकर नहाना चाहिए. कोशिश करनी चाहिए कि कान के अंदर पानी न जाये. कान में तेल, प्याज, लहसुन आदि नहीं डालना चाहिए. छोटे बच्चे को लेटाकर दूध न पिलायें. इसके अलावा कान को रूई की बत्ती से बराबर साफ करना चाहिए. बीमारी- कान से मवाद आना लक्षण- कान से मवाद, खून, पानी का रिसाव होना, कान दर्द करना. उपाय- कान में रूई डालकर नहायें, तेल आदि कान में न डालें, छोटे बच्चे को लेटाकर दूध न पिलायें, डॉक्टर की सलाह लें.

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