जमशेदपुर: करिश्माई रात, इबादत वाली रात, अपनों से बिछड़ों को याद करनेवाली रात के अलावा न जाने कितने व्यावहारिक नामों से मुसलिम समुदाय में पुकारे जानेवाली रात शब-ए-बरात सोमवार को मनायी जायेगी. जमशेदपुर और इसके आस-पास से सटे हुए 12 कब्रिस्तानों में शब-ए-बरात की तैयारियों में कब्रिस्तान कमेटियां पूरी तरह से लग गयी हैं. बारिश का मौसम होने के कारण कब्रिस्तान में विशेष इंतजाम किये जाने की योजना बनायी गयी है.
कब्रों तक लोग पहुंच सकें, इसके लिए पहुंच पथों को बेहतर बनाया जा रहा है. शब-ए-बरात के एक दिन पहले रविवार को आरफा होगा. आरफा उस परिवार में होता है, जिनके यहां मौत की बरसी नहीं हुई होती. इसलिए वे लोग एक दिन पहले ही कब्रिस्तान जाकर आरफा में शामिल होते हैं. उनके यहां शब ए बरात का आयोजन नहीं होता है. मंगलवार को शब ए बरात पर लोग रोजा रखेंगे.
उस दिन कब्रिस्तान में लोग अपने पूर्वजों के नाम को याद करने के लिए पहुंचेंगे, यह सिलसिला देर रात तक जारी रहेगा. शब ए बरात में उन लोगों के लिए दुआ की जाती है, जो अब इस दुनिया में नहीं हैं. उनके लिए जन्नत मांगी जाती है, अल्लाह से उनके गुनाहों को माफ करने की अपील की जाती है. उनके लिए फातिहा कराया जाता है. मसजिदें भी रात भर इबादत के लिए खुली रहेंगी.