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पांच दिसंबर के बाद ही बजेगी शहनाई

विवाहादि के शुभ मुहूर्त 5 के बाद हीइससे पूर्व शुक्र अस्त होने के कारण लग्न नहींवरीय संवाददाता, जमशेदपुर सोमवार, 3 नवंबर को देवोत्थान एकादशी होने के बावजूद विवाहादि के शुभ मुहूर्त अभी शुरू नहीं हो सकेंगे. पं एके मिश्रा ने बताया कि विवाहादि शुभ कायोंर् के लिए गुरु एवं शुक्र दोनों ग्रहों का बल देखा […]

विवाहादि के शुभ मुहूर्त 5 के बाद हीइससे पूर्व शुक्र अस्त होने के कारण लग्न नहींवरीय संवाददाता, जमशेदपुर सोमवार, 3 नवंबर को देवोत्थान एकादशी होने के बावजूद विवाहादि के शुभ मुहूर्त अभी शुरू नहीं हो सकेंगे. पं एके मिश्रा ने बताया कि विवाहादि शुभ कायोंर् के लिए गुरु एवं शुक्र दोनों ग्रहों का बल देखा जाता है. इनमें से कोई अस्त हों तो विवाह आदि शुभ कार्य संपन्न नहीं किये जाते. शुक्र अभी अस्त चल रहे हैं. वैसे तो आगामी 26 नवंबर को शुक्र उदित हो रहे हैं, किन्तु इसके बाद भी नव बालत्व दोष (बहुत क्षीण होने) के कारण विवाहादि मुहूर्त का उक्त समय अभाव है. श्री मिश्रा ने बताया कि 29 नवंबर के पश्चात विवाह के मुहूर्त बन तो सकते हैं, किन्तु ज्योतिषीय दृष्टिकोण से देखने से विवाह के शुभ मुहूर्त आगामी 5 दिसंबर से ही आरंभ हो रहे हैं, जो निम्न प्रकार हैं – 5, 6, 7, 12, 13, 14, 15 एवं 16 दिसंबर. इसमें भी 16 दिसंबर को भी सिर्फ दिवा लग्न ही होने के कारण इस दिन विवाह की तिथि तय करने से बचना चाहिए. 16 दिसंबर के बाद धनु खरमास आरंभ हो जायेगा, जो आगामी 14 जनवरी (2015) तक रहेगा. इस दौरान विवाहादि ऐसे ही वर्जित हो जाते हैं. ऐसे 5 दिसंबर से पूर्व 30 नवंबर के अलावा 1, 2, 3 एवं 4 दिसंबर को भी विशेष परिस्थितियों में विवाहादि के लग्न बन सकते हैं, यद्यपि इस दौरान शुक्र के बालत्व दोष के कारण यथा संभव शुभ कार्य करने से बचना ही चाहिए.

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