सीएसी नाम के एनजीओ ने पीड़िता के इलाज की जिम्मेदारी ली
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एड्स पीड़िता को लेबर रूम में नहीं ले गये डॉक्टर, घंटों बाहर ही तड़पती रही
सीएसी नाम के एनजीओ ने पीड़िता के इलाज की जिम्मेदारी ली जमशेदपुर : एमजीएम में शुक्रवार को डॉक्टर एड्स पीड़ित गर्भवती का प्रसव नहीं कर रहे थे, जिसके कारण महिला घंटों प्रसव पीड़ा से परेशान रही. बताया जाता है कि बिरसानगर की महिला नौ माह की गर्भवती है. शुक्रवार की सुबह वह प्रसव पीड़ा होने […]
जमशेदपुर : एमजीएम में शुक्रवार को डॉक्टर एड्स पीड़ित गर्भवती का प्रसव नहीं कर रहे थे, जिसके कारण महिला घंटों प्रसव पीड़ा से परेशान रही. बताया जाता है कि बिरसानगर की महिला नौ माह की गर्भवती है. शुक्रवार की सुबह वह प्रसव पीड़ा होने पर एमजीएम पहुंची थी. डॉक्टरों के अनुसार अस्पताल में गायनिक का एक ही ओटी है, ऐसे में अगर किसी एड्स पीड़ित प्रसूता की सर्जरी की जाती है, तो उसके बाद पूरे कक्ष व उपकरणों को आइसोलेट करना पड़ता है.
इसमें काफी वक्त लगता है. इससे दूसरी महिलाओं को इंतजार करना पड़ता. घटना की जानकारी मिलने पर एचआइवी पीड़ितों के लिए काम करने वाली संस्था के सदस्यों ने अस्पताल के उपाधीक्षक डॉ नकुल चौधरी से बात की. इसके बाद महिला को लेबर कक्ष में भर्ती किया गया और डॉक्टरों को उसका सुरक्षित प्रसव करने का निर्देश दिया गया. सीएसी नाम के एनजीओ ने पीड़िता के इलाज की जिम्मेदारी ली. पीड़िता ने बताया कि उसके पति को भी एड्स था, अगस्त में इलाज के दौरान एमजीएम में उसके पति की मौत हो गयी. इसके बाद घर के लोगों ने उसे बाहर निकाल दिया.
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