जमशेदपुर: आरआर केबुल की पुनर्समीक्षा याचिका के कारण केबुल कंपनी पर फैसला मंगलवार को नहीं आया. दिल्ली हाइकोर्ट में इस मामले में सुनवाई हुई. हाइकोर्ट के बदल दुरेज और सिद्धार्थ मृदुल के डबल बेंच में सुनवाई हुई.
इसमें सबसे पहले 24 अप्रैल को हुई प्रारंभिक सुनवाई, जिसमें आरआर केबुल की याचिका को खारिज कर दिया गया था, इसको लेकर पुनर्विचार याचिका आरआर केबुल की ओर से दायर की गयी थी. इस याचिका को लेकर फिर से सुनवाई की गयी, जिसमें न्यायाधीश ने कहा कि इस मामले में अंतिम मौका आरआर केबुल को 21 जुलाई तक दिया जायेगा. इसके बाद फैसला लिया जायेगा. वृहद याचिका दी गयी थी, जिसको छोटा करने के बाद दो पन्नों में फिर से याचिका दायर करने को कहा गया है.
लेकिन किसी तरह की कोई सुनवाई इस मामले में नहीं होगी. याचिका को पढ़ने के बाद इस पर फैसला सुनाने की बात कही गयी है. दूसरी ओर, पेगासस कंपनी द्वारा अपने बिडिंग को वापस लिये जाने पर दिल्ली हाइकोर्ट ने बायफर (बीएफआइआर) को कहा गया है कि पेगासस कंपनी को तत्काल 25 करोड़ रुपये की प्रतिभूति राशि को लौटा दी जाये. पेगासस कंपनी को कहा गया है कि जितनी भी याचिका है, उसको तत्काल वापस ले. सारे कोर्ट केस को वापस ले लिया जाये. इस दौरान यह भी कहा गया कि फाइनल हियरिंग की जायेगी, इसके बाद इस पर फैसला लिया जायेगा. अब यह संभावना जतायी जा रही है कि 21 जुलाई को फिर से पूरे मामले की सुनवाई होगी.
केबुल कंपनी का मालिक बनने की कोशिश
केबुल यूनियन के पदाधिकारी रामबिनोद सिंह ने कहा कि प्रेमसागर सिंह समेत कई अन्य लोग गलत तरीके से कंपनी पर काबिज हो गये हैं. कंपनी का मालिक बनने का ख्वाब देखा जा रहा है. यह गलत है.
– रामविनोद सिंह, पदाधिकारी, केबुल यूनियन
बायफर में 21 अगस्त को सुनवाई होगी
बायफर में 21 अगस्त को सुनवाई होगी. इस बीच उम्मीद जतायी जा रही है कि हाइकोर्ट में फैसला आ जायेगा, जिसके बाद बायफर में कोई न कोई फैसला लिया जायेगा.