जमशेदपुर : शहर में पिछले पांच वर्षों में ऐसी दर्जनों हत्याएं हुई हैं, जिसमें पुलिस ने शव बरामद करने के अलावा कोई खुलासा नहीं कर पायी है. हत्या के कारण, तो दूर पुलिस शव की पहचान तक नहीं कर पायी है. इसमें शहर की चार हत्या की घटनायें, जो सबसे अधिक चर्चित रही, लेकिन अभी तक शव मिलने के अलावा उसमें किसी तरह की सफलता पुलिस को नहीं मिली. पुलिस भी इन मामले को ठंडे बस्ते में डालकर भूल गयी है.
इन मामलों का भी नहीं हुआ खुलासा
12 जून 2016 : परसुडीह थाना के कीताडीह में 60 वर्षीय सोनामुनी सामद की चाकुओं से गोदकर हत्या कर दी गयी थी. हत्या से पहले महिला के साथ दुष्कर्म किया गया था. इस मामले में भी पुलिस को अभी तक कोई सुराग नहीं मिला है.
15 जून 2016 : बिरसानगर जोन नंबर तीन की 35 वर्षीय डॉली सामद की घर में घुस कर तीन युवकों ने हत्या कर दी थी. उस पर भी चाकू से कई वार किये गये थे. इस मामले में पुलिस न तो अपराधी तक पहुंच पायी है और न ही हत्या के कारणों का पता लगा पायी है.
शहर में हुई अधिकतर हत्याओं का खुलासा पुलिस ने किया है और अपराधी पकड़े भी हैं. दूसरे जिलों से लाकर शव को फेंक देने के मामले में पुलिस को समस्या होती है. शव की पहचान के लिए हर स्तर से प्रयास किया जाता है. जब तक शव की पहचान नहीं हो पायेगी, तब तक घटना का खुलासा होना थोड़ा मुश्किल है.
पुलिस ने कई ब्लाइंड मर्डर केस में भी सफलता हासिल की है. जिन मामलों का उद्भेदन नहीं हुआ है, ऐसा नहीं है कि वह फाइल बंद हो जायेगा. वैसे मामले में छोटी सी भी क्लू मिलने पर मामले को सुलझा लिया जायेगा.
अनूप बिरथरे, एसएसपी पूर्वी सिंहभूम
कदमा थाना क्षेत्र के रामनगर रोड नंबर छह स्थित सहारा कॉम्प्लेक्स के डीजी/3 फ्लैट में झरना मैथी (38) की हत्या कर दी गयी थी. महिला की हत्या किसने और क्यों कि, इसका खुलासा पुलिस अभी तक नहीं कर पायी है.
घटना के बाद पुलिस टीम ने हत्यारों तक पहुंचने के लिए झरना मैथी के पति समेत कुल नौ लोगों की डीएनए जांच एमजीएम में करायी थी. इसके तहत नाखून, बाल और खून के नमूने लिए गये थे
. लेकिन डीएनए जांच भी पुलिस को हत्यारों तक नही पहुंचा पायी. महिला की हत्या की प्राथमिकी उसके पति किंसुख मैथी की शिकायत पर दर्ज की गयी थी.
16 सितंबर 2015 को डिमना लेक के किनारे एक युवती की अधजली लाश पुलिस को मिली थी. पुलिस ने आशंका जतायी थी कि हत्या के बाद शव को यहां लाकर जलाया गया होगा. मामले को पटमदा पुलिस देख रही थी. वहीं, पुलिस अभी तक युवती का शिनाख्त नहीं कर पायी है. युवती कौन थी, कहां से आयी थी और हत्या क्यों की गयी? अभी तक ये सभी सवाल अनसुलझे हैं.
घटना के दिन डिमना लेक के किनारे मॉर्निंग वॉक कर रहे लोगों ने देखा था कि पटमदा जाने वाले रास्ते के समीप युवती की लाश पड़ी थी और उससे धुआं उठ रहा था. युवती का शव ट्रॉली सूटकेस में लाकर पेट्रोल छिड़ककर जला दिया गया था. पास में ही ट्रॉली के पहिये पड़े होने से से ऐसी आशंका पुलिस ने जतायी थी.
मानगो ईदगाह मैदान बड़ा नाला के पास से पुलिस ने एक महिला की सिर कटी लाश बरामद की थी. लाश मिलने के तीन दिन बाद पुलिस ने एक किलोमीटर दूर से हाथ और पैर भी बरामद किया था. शरीर के अवशेष उर्दू अखबार में लिपटे मिले थे. उस समय पुलिस ने यह आशंका जतायी थी कि घटना के तार मानगो क्षेत्र से जुड़े हो सकते हैं.
किसी ने महिला की हत्या कर साक्ष्य छिपाने की नीयत से शरीर के टुकड़े-टुकड़े कर फेंक दिये थे. पुलिस इस मामले में अब तक मृत महिला की पहचान नहीं कर पायी है. मामले में महिला के फिंगर प्रिंट के आधार पर पहचान करने की बात कही गयी थी, लेकिन उसमें भी पुलिस ने कोई कदम नहीं उठाया है.
पोटका में एक मासूम के साथ दुष्कर्म करने के बाद बदमाशों ने उसकी सिर कुचल कर बेरहमी से हत्या कर दी थी. नौ वर्षीय मासूम गांव के ही उत्क्रमित मध्य विद्यालय की चौथी की छात्रा थी. बच्ची की हत्या करने वाले पुलिस की पकड़ से अभी भी बाहर हैं.
घटना के दिन मासूम शाम को चरने गयी दो गायों को घर लाने के लिए निकली थी. एक गाय के घर आने के बाद दूसरी गाय व छात्रा जब घर नहीं पहुंची, तो परिजन उसे देर रात तक ढूंढते रहे थे, लेकिन उसका पता नहीं चल सका. घटना के अगले दिन परिजनों को शव होने की सूचना एक युवक ने दी थी.