जमशेदपुर: फीफा विश्वकप फुटबॉल के खुमार में डूबे जमशेदपुर के फुटबॉल प्रेमियों के लिए एक निराशाजनक खबर है. अब जमशेदपुर को अंडर-17 फीफा विश्वकप मेजबानी की होड़ से वंचित कर दिया गया है.
दरअसल, वर्ष 2017 में भारत में होनेवाले अंडर-17 फीफा विश्वकप के लिए जमशेदपुर भी मेजबानी की होड़ में शामिल था. जमशेदपुर के खेल प्रेमी दर्शकों में उम्मीद जगी थी कि भले ही उनका शहर अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट मैचों के आयोजन से दूर हो गया हो. लेकिन उन्हें अब विश्वकप जैसे प्रतिष्ठित फुटबॉल मुकाबले को अपने स्टेडियम में देखने का मौका मिलेगा. लेकिन अब खबर यह है कि झारखंड अंडर 17 फीफा विश्व कप के किसी मैच की मेजबानी नहीं कर पाएगा क्योंकि राज्य के स्टेडियमों में इस स्तर के मैचों की मेजबानी के लिए उपयुक्त बुनियादी ढांचा मौजूद नहीं है. झारखंड फुटबाल संघ के सचिव गुलाम रब्बानी ने यह बात कही. रब्बानी ने कहा, ‘जेएफए ने 2017 में होनेवाले अंडर 17 विश्व कप के कुछ मैचों की मेजबानी का प्रस्ताव रखा था लेकिन एआइएफएफ ने बुनियादी ढांचे के अभाव के कारण इस पर विचार नहीं किया.’ यहां कीनन स्टेडियम और जेआरडी खेल परिसर में दूधिया रोशनी की सुविधा उपलब्ध नहीं है जबकि जमशेदपुर में हवाई अड्डा भी नहीं है जो विश्व कप के मैचों की मेजबानी के लिए अनिवार्य है. यहां स्थित सोनारी हवाई अड्डे का इस्तेमाल मुख्य रुप से टाटा समूह के चार्टर्ड विमानों के लिए किया जाता है.
रब्बानी ने कहा, ‘रांची में हवाई अड्डा है लेकिन यहां मोरहाबादी स्टेडियम के मैदान की हालत उपयुक्त नहीं है. उन्होंने कहा, ‘जेएफएफ ने इस मुद्दे पर एआइएफएफ अध्यक्ष प्रफुल्ल पटेल से चर्चा की जिन्होंने कहा कि मैदान का स्तर जरुरत के मुताबिक नही है और इसमें सिंथेटिक घास भी नहीं है.’
टाटा स्टील के तत्कालिक पूर्व उपाध्यक्ष संजीव पॉल ने उम्मीद जतायी थी कि जमशेदपुर के कीनन स्टेडियम और जेआरडी कांप्लेक्स में विश्वकप मैचों का आयोजन हो सकता है.
क्या कहा था पॉल ने
टाटा स्टील के तत्कालीन उपाध्यक्ष संजीव पॉल ने कहा था कि अंडर-17 फीफा विश्वकप मैचों की मेजबानी के लिए जमशेदपुर में पूरी तैयारी की जायेगी. कीनन स्टेडियम और जेआरडी टाटा स्पोर्ट्स कांप्लेक्स को इसके लिए तैयार किया जायेगा. कीनन और जेआरडी में इसके लिए फ्लड लाइट लगाने की भी योजना थी. लेकिन संजीव पॉल के स्थानांतरण के बाद इस मामले में कंपनी की ओर से कोई पहल नहीं हो सकी. जमशेदपुर को विश्वकप मेजबानी की होड़ से वंचित किये जाने पर टाटा स्टील के अधिकारियों की प्रतिक्रिया लेने की कोशिश की गयी, लेकिन देर रात उनसे बात नहीं हो सकी.