जमशेदपुर: डुमरिया की सुनीता पढ़ने में तेज है, लेकिन उसके पास संसाधन (किताब) नहीं है. पिता की आमदनी कम है. वह किताब खरीदने में सक्षम नहीं हैं. ऐसे बच्चों की मदद के लिए पूरे देश में रोटरी इंटरनेशनल इंडिया की ओर से लिट्रेसी मिशन-2017 चलाया जा रहा है.
इसके तहत पूरे देश में 10 लाख पुरानी किताबें संग्रह करने की योजना है. वन मिलियन बुक फॉर वन मिलियन स्माइल की थीम पर पूरे देश में काम किया जा रहा है.
इस दिशा में एक्सएलआरआइ के सीनियर प्रोफेसर शरद सरीन अहम भूमिका निभा रहे हैं. वे शहर सहित राज्य के अन्य क्षेत्रों में बच्चों से पुरानी किताबें संग्रह कर रहे हैं. संग्रह की गयीं किताबों से पूरे झारखंड के ग्रामीण इलाकों में करीब 28 लाइब्रेरी बनाये जायेंगे. जहां गरीब बच्चे किताबें पढ़ सकेंगे. अगर लक्ष्य से अधिक किताबें जमा हुई, तो आदिवासी छात्र-छात्रओं को पुरानी किताबें घर ले जाने दिया जायेगा. ज्ञात हो कि पूरे देश में इस तरह का कुल 1500 लाइब्रेरी बनाया जाना है.
शहर के स्कूलों से बेहतर रिस्पांस
जमशेदुपर में अभियान का प्रमुख शरद सरीन ने कहा कि उन्होंने करीब 60 स्कूलों को पत्र लिखा है. इस पत्र के आलोक में स्कूल प्रबंधन की ओर से पॉजिटिव रिस्पांस मिल रहा है. उम्मीद है कि जमशेदपुर से करीब 20,000 किताबें जमा होंगी.