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नैक के निरीक्षण के पहले जीसी जैन कॉलेज का दौरा रोकने की सिफारिश
ब्रजेश मिश्रा, जमशेदपुर : कोल्हान विवि में एक बार फिर फर्जी लेटर बम का मामला सामने आया है. पत्र के जरिये विवि के एक अंगीभूत उच्च शैक्षणिक संस्थान के विकास को बाधित करने की कोशिश हुई है. पता चला है कि चाईबासा स्थित जीसी जैन कॉलेज प्रशासन के नाम से एक फर्जी पत्र राष्ट्रीय मूल्यांकन […]
ब्रजेश मिश्रा, जमशेदपुर : कोल्हान विवि में एक बार फिर फर्जी लेटर बम का मामला सामने आया है. पत्र के जरिये विवि के एक अंगीभूत उच्च शैक्षणिक संस्थान के विकास को बाधित करने की कोशिश हुई है. पता चला है कि चाईबासा स्थित जीसी जैन कॉलेज प्रशासन के नाम से एक फर्जी पत्र राष्ट्रीय मूल्यांकन एवं प्रत्यायन परिषद को भेजा गया है.
इसमें कहा गया है कि कॉलेज नैक के निरीक्षण के लिए कॉलेज में अभी तैयार पूरी नहीं हुई है. लिहाजा टीम को अपना कार्यक्रम रद्द करने पर विचार करना चाहिये. नैक की टीम का दौरा नवंबर में ही प्रस्तावित है. कॉलेज को टीम के आगमन का विधिवत कार्यक्रम प्राप्त हो गया है. हकीकत में कॉलेज की तरफ से इस तरह का कोई पत्र नैक को नहीं भेजा गया है.
कॉलेज प्रशासन की ओर से अपने आधिकारिक बयान में कहा गया है कि वह नवंबर में अंतिम सप्ताह में टीम के दौरे के लिए पूरी तरह तैयार है. कॉलेज अपने संसाधनों के दम पर राज्य के उच्च शिक्षण संस्थानों के बीच अपनी नयी पहचान कायम करने के लिए प्रयत्नशील है. कोल्हान विवि का इतिहास फर्जी पत्र के लिए चर्चित रहा है.
विवि की स्थापना से अब तक करीब आधे दर्जन फर्जी लेटर पीएम से लेकर राज्यपाल और यूजीसी से लेकर नैक तक को भेजे जाने के मामले प्रकाश में आते रहे हैं. बावजूद अब तक किसी मामले में दोषियों की पहचान तक संभव नहीं हो सकी है. जीसी जैन कॉलेज में चल रही नैक के निरीक्षण तैयारियों के बीच पत्र भेजने के संबंध में पूछे जाने पर प्रभारी प्राचार्य डॉ रामप्रवेश प्रसाद ने कहा कि ऐसे मामले होते रहते हैं.
इन बातों पर ध्यान देने की बजाय कॉलेज प्रशासन तैयारियों पर फोकस कर रहा है. संबंधित फर्जी पत्र नैक को भेजने के संबंध में विवि के प्रवक्ता डॉ एके झा ने बताया कि कॉलेज की तरफ से आधिकारिक तौर पर विवि प्रशासन को ऐसी किसी घटना के बारे में जानकारी नहीं दी गयी है.
कोल्हान विवि में अब तक भेजे गये फर्जी पत्र
विवि के पहले कुलपति डॉ बेनी एक्का का एक मेल सामने आया. इसमें उनके जरिये अपने को विदेश में रहने के दौरान एक दुर्घटना का हवाला देते हुए पैसे भेजने की मांग अधीनस्थ अधिकारी से की गयी थी. तत्कालीन वीसी ने मेल को फर्जी करार दिया.
दूसरी बार विवि की पूर्व पदाधिकारी ने राजभवन में अपने नाम से भेजे गये एक पत्र को फर्जी बताया. इसमें महिला अधिकारी ने आरोप लगाये गये थे.
वर्ष 2017 में जमशेदपुर वीमेंस कॉलेज के नैक निरीक्षण के तत्काल बाद इसी तरह का एक पत्र नैक को भेजा गया. इसमें काॅलेज की ओर से टीम के दौरे के समय दी गयी जानकारियों को भ्रामक करार दिया गया.
जमशेदपुर वीमेंस कॉलेज के छात्रावास में रहने वाली एक लड़की के नाम से पुलिस प्रशासन को पत्र भेजा गया था.जमशेदपुर वीमेंस कॉलेज को ऑटोनामस दर्जा प्राप्त होने के बाद यूजीसी के क्षेत्रीय कार्यालय कोलकाता को फर्जी छात्रा के नाम से पत्र भेजा गया था.
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