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जेल से छापेमारी कर टीम के निकलते ही सेल में बंद शूटर हरीश ने ब्लेड से काटा हाथ, फांसी की कोशिश
जमशेदपुर : गैंगस्टर अखिलेश सिंह के गिरोह का घाघीडीह सेंट्रल जेल में बंद मुख्य शूटर हरीश उर्फ छोटू सिंह ने सोमवार को जेल में हाथ काटने के बाद चादर से फांसी लगाने की कोशिश की. कुछ महीने पूर्व तलाशी के दौरान हरीश के पास से मोबाइल बरामद होने पर उसे सेल में रख दिया गया […]
जमशेदपुर : गैंगस्टर अखिलेश सिंह के गिरोह का घाघीडीह सेंट्रल जेल में बंद मुख्य शूटर हरीश उर्फ छोटू सिंह ने सोमवार को जेल में हाथ काटने के बाद चादर से फांसी लगाने की कोशिश की. कुछ महीने पूर्व तलाशी के दौरान हरीश के पास से मोबाइल बरामद होने पर उसे सेल में रख दिया गया था.
सोमवार सुबह जिला प्रशासन की टीम जेल में छापेमारी कर आठ बजे लौटी ही थी कि आधे घंटे बाद करीब साढ़े आठ बजे हरीश सिंह ने ब्लेड से हाथ काटने के बाद फांसी लगाने की कोशिश की. सेल में तैनात जवान की सूचना पर हरीश को तत्काल इलाज के लिए जेल के अस्पताल में ले जाया गया, जहां प्राथमिक उपचार के बाद उसे फिर से सेल में बंद कर दिया गया.
वहीं, दूसरी और हाथ काटने की सूचना से जेल में अफरा-तफरी मच गयी. इसके बाद दोपहर एक बजे परसुडीह इंस्पेक्टर अनिमेष गुप्ता ने जेल जाकर हरीश से पूछताछ की. जेल प्रशासन ने पूरे मामले की जानकारी डीसी और एसएसपी को भेज दी है.
वेश बदलने में माहिर है हरीश. हरीश वेश बदलने में माहिर है. हमेशा टोपी पहने वाला हरीश हुलिया बदल लेता है. पुलिस रिमांड के बाद जेल में टोपी पहन जेल में प्रवेश कर रहा था. तलाशी लेने पर टोपी के अंदर से मोबाइल मिला था.
पटना से पकड़ा गया था. हरीश सिंह को जमशेदपुर पुलिस ने पटना एसटीएफ के मदद से सात मार्च 2018 को पटना के पाटलिपुत्र थाना क्षेत्र के एक फ्लैट से गिरफ्तार किया था. पटना में वह रेहान के नाम से रह रहा था. इससे पूर्व हरीश का पूरा परिवार बाराद्वारी में टाटा स्टील के क्वार्टर में रहता था. पिता के टाटा स्टील से रिटायर होने के बाद पूरा परिवार बिहार के भोजपुर जिला स्थित अपने पैतृक गांव चला गया, लेकिन हरीश कुछ दिन बाद ही शहर वापस आ गया और अलग-अलग जगहों पर रहने लगा.
इसी दौरान वह अखिलेश सिंह के संपर्क में आया. परसुडीह पुलिस ने कहा कि हरीश सिंह ने सेल में नहीं रहने के कारण हाथ की नस काटी और फिर फंदे से लटकने का ड्रामा किया. घटना की तस्वीरें जेल में लगे सीसीटीवी कैमरे में कैद हुईं. पुलिस ने रिकॉर्डिंग खंगाला, जिसमें हरीश द्वारा चादर से लटकने, दोनों पैर ग्रिल पर रखने और फिर साथियों द्वारा कुछ देरी में जाकर उसका पैर पकड़कर उसे बचाने आदि की तस्वीर कैद है. पुलिस के अनुसार उसने सेल से बाहर निकलने के लिए ड्रामा किया है.
सेल में विशेष निगरानी में रखा गया है हरीश
घटना के बाद हरीश पर जेल में विशेष निगरानी रखी जा रही है. आम बंदियों के उससे मिलने-जुलने पर रोक लगा दी गयी है. आम तौर पर सेल में बंद कैदियों को आम बंदियों से दूर रखा जाता है.
पहले भी जेल जा चुका है हरीश. हरीश गाड़ी चोरी, आर्म्स एक्ट, रंगदारी सहित कई मामलों में पहले भी जेल जा चुका है. जेल में रहने के दौरान पहले अमलेश सिंह फिर अखिलेश सिंह से उसकी दोस्ती हुई थी. झामुमो नेता सह ट्रांसपोर्टर उपेंद्र सिंह की कोर्ट परिसर में हत्या सहित लूट, आर्म्स एक्ट के तहत 12 मामले उस पर दर्ज हैं.
बंदी पटपट ने जेल में पी ली फिनाइल
जमशेदपुर. जुगसलाई सफीगंज मोहल्ला के निरंजन सिंह की हत्या मामले में घाघीडीह सेंट्रल जेल में बंद विचाराधीन कैदी रोहित सिंह उर्फ पटपट ने रविवार को फिनाइल पी लिया. घटना की सूचना मिलते ही जेल के डॉक्टर को बुलाकर रोहित का जेल के अस्पताल में इलाज कराया गया. इलाज के बाद स्थिति सामान्य होने पर उसे वार्ड में भेज दिया गया.
घटना रविवार की सुबह आठ बजे की है. आम दिनों की तरह ही रोहित सुबह उठा और नाश्ता किया. इसके बाद वह वार्ड संख्या ए टू में सफाई के क्रम में इस्तेमाल होने वाले फिनाइल को पी लिया.
डीसी व एसएसपी को जेल प्रशासन ने भेजी रिपोर्ट. रोहित सिंह के फिनाइल पीने की घटना की जानकारी जेल प्रशासन ने सोमवार को जिले के डीसी और एसएसपी को भेजी दी है.
जेल से एमजीएम जाना चाह रहा था पटपट!
सूत्रों के अनुसार रोहित सिंह जेल से इलाज के नाम पर एमजीएम अस्पताल जाना चाह रहा था. जेल से उसका भगाना मुश्किल था, जिसके कारण वह एमजीएम से भागने की फिराक में था, लेकिन जेल प्रशासन उसे एमजीएम नहीं भेज रहा था. इसलिए उसने फिनाइल का सहारा लिया. हालांकि पूरे मामले की जांच चल रही है.
घाघीडीह जेल में छापेमारी
जमशेदपुर : घाघीडीह सेंट्रल जेल में पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों की संयुक्त टीम ने सोमवार की सुबह चार बजे औचक छापेमारी की. वहीं छापेमारी करने गये पुलिस के जवानों के पास मोबाइल होने से पुलिस अधिकारियों को बंदियों के आक्रोश का समाना करना पड़ा. मामला अफसरों तक पहुंचने पर सभी जवानों ने मोबाइल गुमटी (टावर)के पास जमा कर दिया, जबकि कई जवान मोबाइल बाहर रखने को विवश हुए. बंदियों का कहना था कि वे मोबाइल लेकर आते हैं और बाद में जेल से मोबाइल बरामदगी बताकर चले जाते हैं और सजा उन्हें मिलती है.
सुबह 4:30 बजे पहुंंची टीम. साेमवार सुबह 4:30 बजे से लेकर सुबह सात बजे तक घाघीडीह सेंट्रल जेल में जांच अभियान चलाया गया, जिस समय टीम पहुंची, उस वक्त ज्यादातर बंदी अपने-अपने वार्डों में बंद थे. अचानक जेल में छापेमारी करने की सूचना मिलने पर जेल अधीक्षक, जेलर सहित जेल में तमाम अधिकारी पहुंंचे.
प्रशासनिक और पुलिस अधिकारियों द्वारा जेल में की गयी छापेमारी के दौरान जेल के विभिन्न वार्डों में बंद सजायाफ्ता और विचाराधीन बंदियों में हड़कंप मच गया. इस दौरान वार्ड, शौचालय सहित सभी जगहों की गहनता से तलाशी ली गयी. छापेमारी दल में सिटी एसपी प्रभात कुमार, एसडीओ चंदन कुमार, एडीएम सुबोध कुमार आदि शामिल थे.
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