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टाटा जू का मेन गेट होगा बंद, डीसी अॉफिस के पीछे से होगी इंट्री

जमशेदपुर : टाटा स्टील जूलॉजिकल पार्क के वर्तमान इंट्री गेट को आने वाले दिनों में हमेशा के लिए बंद कर दिया जायेगा. इसको लेकर टाटा स्टील प्रबंधन ने तैयारी की है कि जुबिली पार्क के मेन गेट में इंट्री करने के साथ ही एक रास्ता डीसी अॉफिस के पीछे की तरफ से होते हुए लेजर […]

जमशेदपुर : टाटा स्टील जूलॉजिकल पार्क के वर्तमान इंट्री गेट को आने वाले दिनों में हमेशा के लिए बंद कर दिया जायेगा. इसको लेकर टाटा स्टील प्रबंधन ने तैयारी की है कि जुबिली पार्क के मेन गेट में इंट्री करने के साथ ही एक रास्ता डीसी अॉफिस के पीछे की तरफ से होते हुए लेजर शो के पास निकलेगा. उसी रास्ते की बायीं तरफ लेजर शो, जबकि दायीं ओर टाटा जू का इंट्री प्वाइंट होगा. जिस गेट से पर्यटक इंट्री करेंगे, उस गेट के पास एक प्लाजा बनाया जायेगा, जहां पार्किंग के साथ ही खाने-पीने के अलावा बेबी केयर सेंटर भी होगा. यहां पर्यटक अपने बच्चे को रखकर चिड़ियाघर या फिर जुबिली पार्क व निक्को पार्क घूम सकेंगे.

इसके लिए एक मास्टर प्लान तैयार किया गया है. मास्टर प्लान के अनुसार चिड़ियाघर में मौजूद सभी जानवरों के बाड़े की साइज को भी बढ़ाया जा रहा है, ताकि सेंट्रल जू अथॉरिटी के मानक के अनुसार जानवरों का रख-रखाव हो सके. गौरतलब है कि टाटा स्टील जूलॉजिकल पार्क का विस्तार किया जा रहा है. टाटा स्टील ने चिड़ियाघर प्रबंधन को इसके लिए 15 एकड़ जमीन दी है. इस जमीन मिलने के बाद अब कुल 25 हेक्टेयर जमीन पर चिड़ियाघर बनेगा. अतिरिक्त दी गयी 10 एकड़ जमीन पर घेराबंदी कर दी गयी है, जबकि पांच एकड़ की घेराबंदी का काम चल रहा है. टाटा स्टील जूलॉजिकल पार्क की स्थापना तीन मार्च 1994 को हुई थी. इसके विस्तार को लेकर अगले 50 साल का मास्टर प्लान तैयार किया जा रहा है.

लेजर शो की तरफ भी रहेंगे जानवर. जुस्को की अोर से तैयार किये गये मास्टर प्लान के अनुसार लेजर शो की तरफ मिली जमीन पर भी चिड़ियाघर का निर्माण होगा. यहां भी जानवरों को रखा जायेगा. बंदर समेत इस तरह के जानवरों को यहां रखने की योजना है, जो एक जगह नहीं टिकते.
सेंट्रल जू अथॉरिटी के नोटिस के बाद हो रहा है विस्तार. टाटा स्टील जूलॉजिकल पार्क प्रबंधन को सेंट्रल जू अथॉरिटी ने एक नोटिस भेजा था. इसमें कहा गया था कि जू में जानवरों की संख्या बढ़ रही है, लेकिन उनके बाड़े की साइज काफी कम है. इसके कारण जानवर स्वच्छंद रूप से विचरण नहीं कर पा रहे हैं. यह चिड़ियाघर संचालन एक्ट का उल्लंघन है. वहीं मरीन ड्राइव की तरफ से धूल उड़ने की वजह से बारिश के दिनों में जानवरों को काफी परेशानी हो रही थी. इसे लेकर भी सेंट्रल जू अथॉरिटी ने एक नोटिस दिया था.
21 मार्च 2020 तक के लिए मिली है मान्यता. केंद्रीय पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय के अधीन संचालित सेंट्रल जू अथॉरिटी ने वन्यजीव सुरक्षा अधिनियम 1972 की धारा 38 एच के तहत टाटा स्टील जूलॉजिकल पार्क की मान्यता को 21 मार्च 2020 तक के लिए रिन्युअल कर दिया है.
चिड़ियाघर में रखे जायेंगे सांप मेंढकों का खुलेगा प्रजनन केंद्र
चिड़ियाघर में एक रेप्टाइल हाउस का भी निर्माण किया जायेगा, जहां अलग-अलग प्रजाति के सांपों को रखा जायेगा. इसके साथ ही सेंट्रल जू अथॉरिटी के आदेशों के आलोक में चिड़ियाघर में मेंढक का प्रजनन केंद्र भी खुलेगा. यहां खास तौर पर मेढकों को प्रजनन के लिए रखा जायेगा. चिड़ियाघर के निदेशक विपुल चक्रवर्ती के अनुसार इसके लिए कुल चार प्रजाति के मेढकों का चयन किया गया है.

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