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जमशेदपुर : गुरुद्वारा कमेटी चुनाव का विवाद पहुंचा थाने
जमशेदपुर : गौरी शंकर रोड गुरुद्वारा के चुनाव के लिए वर्ष 2014 में गठित चुनाव कमेटी ने पहल करते हुए तत्कालीन नामांकन भरने वाले अमरजीत सिंह गांधी और हरदीप सिंह छनिया को वोटर लिस्ट दे दी है. अमरजीत सिंह गांधी ने वोटर लिस्ट रिसीव नहीं की. चुनाव कमेटी के कन्वेनर गुरदयाल सिंह भाटिया ने इस […]
जमशेदपुर : गौरी शंकर रोड गुरुद्वारा के चुनाव के लिए वर्ष 2014 में गठित चुनाव कमेटी ने पहल करते हुए तत्कालीन नामांकन भरने वाले अमरजीत सिंह गांधी और हरदीप सिंह छनिया को वोटर लिस्ट दे दी है. अमरजीत सिंह गांधी ने वोटर लिस्ट रिसीव नहीं की. चुनाव कमेटी के कन्वेनर गुरदयाल सिंह भाटिया ने इस संबंध में एक पत्र रविवार को जुगसलाई थानेदार को सौंपा है, जिसमें कहा है कि चुनाव की प्रक्रिया आरंभ होने पर तीन-चार लोग आपस में बैठक कर एक-दूसरे को प्रधान बनाने का प्रयास कर रहे हैं. इससे स्थिति बिगड़ सकती है और मारपीट की संभावना है.
उन्होंने पुलिस को बताया है कि वर्ष 14 में सात लोगों ने नामांकन पत्र भरा था, लेकिन हरदीप सिंह और अमरजीत सिंह मैदान में थे. कुलदीप सिंह मिंटू द्वारा निशान साहिब पर चढ़ने की घटना के बाद चुनाव रद्द कर दिया गया और छह सदस्यीय चुनाव कमेटी को चुनाव होने तक गुरुद्वारा की देखरेख कार्यभार सौंपा गया था.
वर्तमान में कमेटी चुनाव कराने का कार्य कर रही है कुछ लोगों के साथ चुनाव में बाधा पहुंचाने का काम कर रहे हैं. गुरदयाल सिंह ने इस दिशा में दोषियों पर कार्रवाई करने की मांग की है. अमरजीत सिंह के बयान का विरोध, बैठक. गौरीशंकर रोड गुरुद्वारा में प्रधान पद के उम्मीदवार हरदीप सिंह भाटिया की अध्यक्षता में बैठक हुई. इसमें अमरजीत सिंह गांधी द्वारा छह सदस्यीय चुनाव समिति के विरोध में दिये गये बयान की निंदा की गयी.
बैठक में हरदीप सिंह छनिया ने कहा कि अगर गुरुद्वारा गौरी शंकर रोड में छह सदस्यीय कमेटी स्वंयभू बन गयी है, तो अमरजीत सिंह गांधी ने 25 मार्च 14 को 1100 रुपये (रसीद संख्या 8304) देकर चुनाव के लिए नामांकन कैसे किया. बैठक में कहा गया कि एसडीओ के निर्देश पर पत्रांक संख्या 738 दिनांक 20 दिसंबर के आदेश पर गुरुद्वारा गौरीशंकर रोड, जुगसलाई के प्रधान पद के चुनाव करवाने एव गुरुद्वारा के रोजाना कार्य की देखरेख करने के लिये छह सदस्यीय कमेटी बनायी गयी थी.
पिछले चार सालों से कमेटी ही गुरुद्वारे के दैनिक कार्य का देखरेख कर रही है. बैठक में सुरिंदर सिंह, चरणजीत सिंह, मंजीत सिंह, कुलवंत सिंह, जगदीप सिंह, सतविंदर सिंह, हरपाल सिंह, कुलविंदर सिंह, कलसी, बलविंदर सिंह, गुरविंदर सिंह गिन्दी आदि मौजूूद थे.
सोनारी गुरुद्वारा को नहीं मिले मत का अधिकार : तारा सिंह
जमशेदपुर. साेनारी गुरुद्वारा में प्रधान पद के उम्मीदवार तारा सिंह ने एसडीआे, डीसी समेत अन्य प्रशासनिक पदाधिकारियाें काे पत्र लिखकर मांग की है कि सीजीपीसी के चुनाव में साेनारी गुरुद्वारा की माैजूदा कमेटी काे मताधिकार नहीं मिलना चाहिए. वर्तमान कमेटी का कार्यकाल 14 अप्रैल 2018 काे ही सामाप्त हाे चुका है. कमेटी भंग हाे चुकी है, कार्यकारी प्रधान के रूप में कमेटी काम कर रही है.
नये प्रधान के लिए चुनावी प्रक्रिया चल रही है, जिसके जल्द पूरा हाेने की संभावना नहीं है. जब तक नये प्रधान का चुनाव नहीं हाे जाता है, कमेटी अपना कार्यकाल नहीं संभाल लेती है, तब तक सीजीपीसी के चुनाव में साेनारी गुरुद्वारा कमेटी के 10 वाेटाें के मताधिकार से वंचित रखा जाना जरूरी है.
मंजीत बनीं बारीडीह स्त्री सत्संग सभा की प्रधान
जमशेदपुर. बारीडीह गुरुदवारा में रविवार को स्त्री सत्संग सभा की बैठक हुई. इसमें सर्वसम्मति से बीबी मनजीत कौर को प्रधान चुन लिया गया. मंजीत कौर पूर्व में भी प्रधान बनायी गयी थीं. उनके नेतृत्व को देखते हुए महिलाओं ने फिर उन्हें प्रधान बनाया है. श्री गुरु अमरदास जी के प्रकाश पर्व पर स्त्री सत्संग सभा की सदस्यों ने प्रधान मनजीत कौर को साल ओढ़ाकर सम्मानित किया. अपने संबोधन में मनजीत कौर ने सभी को साथ लेकर पंथ एवं संगत की सेवा करने का भरोसा दिया.
सुरजीत ने माथा टेक लिया आशीर्वाद. सीजीपीसी के कन्वेनर पद के उम्मीदवार सुरजीत सिंह ने रविवार को बारीडीह गुरुद्वारा में आयोजित कीर्तन दरबार में माथा टेक आशीर्वाद लिया. कमेटी की ओर से प्रधान जसपाल सिंह एवं वरीय उपाध्यक्ष सविंदर सिंह शाह ने सिरोपा देकर सम्मानित किया.
सुरजीत सिंह के साथ बारीडीह गुरुद्वारा में साकची गुरुद्वारा कमेटी के सीनियर मीत प्रधान सुखविंदर सिंह राजू, रिफ्यूजी कॉलोनी गुरुद्वारा कमेटी के चेयरमैन अजीत सिंह, साहिब सिंह, टिनप्लेट गुरुद्वारा कमेटी के सीनियर मीत प्रधान मंजीत सिंह मौजूद थे.
बारीडीह में गुरु अमर दास जी का प्रकाश पर्व मना
बारीडीह गुरुद्वारा में सिखों के तीसरे गुरु अमर दास जी के प्रकाश पर्व पर कीर्तन दरबार सजा. बीबी इंदरजीत कौर ने भले अमर दास गुण तेरे तेरी उपमा तोहे बन आई.., सतगुरु की सेवा सफल है.., शबद गायन कर संगत काे निहाल किया. संगत को बताया गया कि श्री गुरु अमरदास जी 73 वर्ष की आयु में गुरु गद्दी पर बैठे और 94 वर्ष तक की आयु में पंथ की अगुवाई की.
गुरु अमरदास जी ने लंगर की प्रथा चलायी और अकबर को दर्शन लंगर के बाद ही दिये. कीर्तन दरबार के बाद संगत के बीच लंगर भी वितरित हुआ. कार्यक्रम को सफल बनाने में गुरुद्वारा कमेटी के प्रधान जसपाल सिंह, महासचिव जसवंत सिंह, उपाध्यक्ष रविंद्र सिंह शाह, खुशविंदर सिंह, सुखविंदर सिंह, मोहन सिंह, अवतार सिंह समेत कइयों ने योगदान दिया.
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