जमशेदपुर : बैंकों का एक अप्रैल से वैधानिक ऑडिट किया जाना है. इसके लिए सबसे ज्यादा सतर्कता की जरूरत है. यह बातें इंस्टीट्यूट ऑफ चार्टर्ड एकाउंटेंट ऑफ इंडिया (आइसीएआइ) के सेमिनार में आइसीएआइ के चेयरमैन ज्ञान चंद्र मिश्रा ने कहीं. बिष्टुपुर स्थित एक होटल के सभागार में मंगलवार को आइसीएआइ का सेमिनार आयोजित हुआ. सेमिनार का मुख्य विषय था-‘चार्टर्ड एकाउंटेंट द्वारा विभिन्न बैंकों की वैधानिक ऑडिट का कार्य अप्रैल माह में किया जाये’.
सेमिनार में मुख्य अतिथि आइसीएआइ के चेयरमैन (गाजियाबाद निवासी) ज्ञान चंद्र मिश्रा थे. तकनीकी सत्र के मुख्य वक्ता लखनऊ से आये मुकेश शरण और नयी दिल्ली से आये भगवान दास गुप्ता थे. उदघाटन ज्ञान चंद्र मिश्रा, पवन कुमार अग्रवाल, शाखा सचिव विवेक चौधरी, मुख्य वक्ता शिशिर मिश्रा ने किया. स्वागत भाषण में चेयरमैन पवन अग्रवाल ने कहा कि जमशेदपुर शाखा को वर्ष 2017-2018 में बेस्ट शाखा का पुरस्कार मिला है.
श्री अग्रवाल ने कहा कि इस वर्ष सभी चार्टर्ड एकाउंटेंट को बैंक ऑडिट के दौरान बहुत जागरूक रहना होगा. आइसीएआइ चेयरमैन ज्ञान चंद्र मिश्रा ने कहा कि इंस्टीट्यूट ने अपने सदस्यों के लिए बैंकों के विभिन्न पहलुओं पर विस्तृत गाइडेंस नोट्स इश्यू किया है. साथ ही रिजर्व बैंक द्वारा जो दिशा-निर्देश जारी होता है, उसका अध्ययन करने के बाद अपनी ऑडिट रिपोर्ट प्रस्तुत करें. सेमिनार के प्रथम तकनीकी सत्र में मुकेश शरण ने सीबीएस अर्थात कोर बैंकिंग प्रणाली में बैंकों के लोन डाटा और बैलेंस शीट के प्रभावी तरीके से जांच करने पर चर्चा की. दूसरे तकनीकी सत्र में भगवान दास गुप्ता ने प्रुडेंसियल नॉर्मस, इनकम रिकगनिशन और एसेट क्लासिफिकेशन के बारे में चर्चा की. मुख्य अतिथि ज्ञान चंद्र मिश्रा ने कहा कि चार्टर्ड एकाउंटेंट को विशेष सतर्कता बरतनी होगी. सेमिनार में 125 चार्टर्ड एकाउंटेंट शामिल हुए. सेमिनार का संचालन शाखा सचिव विवेक चौधरी ने और धन्यवाद ज्ञापन नंदन जालुका ने किया.