महिला बनेगी समिति की अध्यक्ष, 18 से 35 साल के युवा बनेंगे सचिव
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प्रत्येक गांव में गठित होगी आदिवासी विकास समिति
महिला बनेगी समिति की अध्यक्ष, 18 से 35 साल के युवा बनेंगे सचिव जमशेदपुर : जिले के सभी गांव में आदिवासी विकास/ ग्राम विकास समिति का गठन किया जायेगा. पंचायत राज विभाग के सचिव विनय कुमार चौबे ने इस संबंध में विभागीय संकल्प जारी किया है. जारी संकल्प में कहा गया है कि गांवों का […]
जमशेदपुर : जिले के सभी गांव में आदिवासी विकास/ ग्राम विकास समिति का गठन किया जायेगा. पंचायत राज विभाग के सचिव विनय कुमार चौबे ने इस संबंध में विभागीय संकल्प जारी किया है. जारी संकल्प में कहा गया है कि गांवों का विकास ग्रामीणों की सहभागिता के बगैर किया जाना संभव नहीं है. ग्रामीण विकास में जन-जन की सहभागिता सुनिश्चित करने के लिए प्रत्येक गांव में आदिवासी विकास/ ग्राम विकास समिति की भूमिका स्पष्ट किया जाना आवश्यक था, जिसे देखते हुए समिति का गठन करने का निर्णय लिया गया है. ग्राम विकास समिति/ आदिवासी विकास समिति में अध्यक्ष के रूप में महिला सदस्य का चयन किया जायेगा एवं 18 से 35 साल के युवा सदस्य को सचिव के रूप में चयनित करने की कार्रवाई की जायेगी.
समिति का स्वरूप
वैसी चिरागी गांव, जहां अधिकतम एक सौ परिवार आवासित हों, उन प्रत्येक गांवों में नौ सदस्यीय समिति का गठन होगा. जिन चिरागी गांव में सौ से अधिक परिवार रहते हैं, उन गांवों में 11 सदस्यीय समिति का गठन किया जायेगा.
समिति के सदस्य
अनुसूचित क्षेत्र के सभी ग्रामों में एवं गैर अनुसूचित क्षेत्र के वैसे ग्राम, जहां 50 प्रतिशत से अधिक परिवार अनुसूचित जनजातियों के हों, वहां आदिवासी विकास समिति का गठन होगा. नौ सदस्यीय समिति में दो महिला तथा 11 सदस्यीय समिति में तीन महिला तथा अनूसूचित जन जाति को न्यूनतम दो, अनुसूचित जाति के दो सदस्य रहेंगे. साथ ही नौ सदस्यीय समिति में तीन गणमान्य व्यक्ति अौर 11 सदस्यीय समिति में चार गणमान्य व्यक्ति सदस्य रहेंगे, मुखिया/ ग्राम प्रधान/ मानकी मुंडा विशेष आमंत्रित सदस्य होंगे. आदिवासी विकास समिति में अध्यक्ष, कोषाध्यक्ष एवं सचिव अनुसूचित जन जाति के सदस्य में से ही चयनित किये जायेंगे.
सदस्यों का चयन
सदस्यों का चयन गांव में विकास से निमित एक विशेष आम सभा के माध्यम से किया जायेगा. इसके लिए पंचायत सेवक द्वारा प्रत्येक गांव के व्यस्क सदस्य विशेष बैठक की नोटिस दी जायेगी अौर बैठक की अध्यक्षता मुखिया/ ग्राम प्रधान/ मानकी मुंडा की अध्यक्षता में की जायेगी. सभी सदस्यों का चयन सर्वसम्मति से किया जायेगा. समिति का कार्यकाल दो साल का होगा.
समिति का कार्य
राज्य सरकार के विभिन्न विभागों द्वारा करायी जानी वाली स्थानीय महत्व की चेकडैम, जल संचयन संरचनायें, तालाब, आहर, डोभा जैसी छोटी-छोटी कच्ची योजनायें, जिसकी अधिकतम लागत पांंच लाख रुपये तथा क्रियान्वयन एक वर्ष के अधिक का हो, का चयन कर समिति द्वारा कार्यान्वय कराया जायेगा. बीडीअो के वित्तीय एवं प्रशासनिक नियंत्रण में यह समिति काम करेगी.
प्रमुख बातें
जिन गांव में 50 प्रतिशत से कम परिवार अनुसूचित जन जाति के होंगे वहां ग्राम विकास समिति का गठन होगा, जिसकी नौ सदस्यीय समिति में दो महिला तथा 11 सदस्यीय समिति में तीन महिला, दो अनुसूचित जन जाति, दो अनुसूचित जाति, 3/ 4 योग्य गणमान्य व्यक्ति तथा मुखिया विशे, आमंत्रित सदस्य होंगे.
किसी गांव में पर्याप्त संख्या में अनुसूचित जन जाति के सदस्य उपलब्ध नहीं हैं, तो वैसी परिस्थिति में अनुसूचित जाति के सदस्यों से श्रेणी की अनुसूचित जन जाति की रिक्ति की प्रतिपूर्ति की जायेगी तथा इसी प्रखार किसी गांव में अनुसूचित जाति के सदस्य / परिवार नहीं हैं, तो वैसी परिस्थिति में अनुसूचित जन जाति के सदस्यों से अनुसूचित जाति की श्रेणी की रिक्ति को पूरा किया जायेगा.
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