जमशेदपुर : पीएनबी फ्रॉड के मामले काे लेकर जमशेदपुर के कुलदीप एंड संस के बाद आदित्यपुर में शेर ए पंजाब दयाल ट्रेड सेंटर के पास स्थित न्यू निर्मला ज्वैलर्स में मंगलवार की शाम छह बजे से इडी की टीम ने छापेमारी की. देर रात करीब 12 बजे तक इडी के अधिकारी कर्मचारियाें से लगातार पूछताछ कर रहे थे. काफी संख्या में कीमती पत्थर आैर जेवर की जांच की जा रही थी.
कार्रवाई से पूर्व ही सभी कर्मचारियाें के फाेन स्वीच अॉफ करा दिये गये. उक्त दुकान के मालिक रवि प्रकाश ने गीतांजलि ब्रांड का भी काराेबार अपने नाम ले रखा है.
गीतांजलि का जमशेदपुर आैर अन्य शहराें से काराेबार ठप हाेने के बाद रवि प्रकाश ने अपनी फर्म की स्थापना कर व्यवसाय शुरू किया, साथ ही गीतांजलि ब्रांड काे भी बनाये रखा. स्थानीय लाेगाें ने बताया कि आदित्यपुर में रहनेवाले एक प्राेफेसर द्वारा हाथ देखने के बाद अंगूठी में कीमती पत्थर लगाने का सुझाव लाेगाें काे दिया जाता है. न्यू निर्मला ज्वैलर्स एंड संस में काफी लाेग ऐसे पत्थर जड़ित अंगूठियां लेने पहुंचते हैं. इडी की टीम ने वाणिज्य कर विभाग की टीम काे व्यवसायिक काराेबार देखने के लिए आदित्यपुर न्यू निर्मला ज्वैलर्स बुलाया है.
राज्य को अपने मद से करना पड़ सकता है 68 हजार पारा शिक्षकों का मानदेय भुगतान
रांची : झारखंड के करीब 68 हजार पारा शिक्षक, बीआरपी-सीआरपी समेत अन्य कर्मियों के मानदेय का भुगतान राज्य सरकार को अपने मद से करना पड़ सकता है. केंद्र सरकार ने इसके लिए राशि क्रमश: घटा दी है. इससे राज्य सरकार पर सालाना 200 करोड़ तक का बोझ बढ़ सकता है. चालू वित्तीय वर्ष के लिए स्वीकृत 906 करोड़ में केंद्र ने सर्व शिक्षा अभियान के तहत अब तक 555 करोड़ ही दिये हैं. पिछले वित्तीय वर्ष में भी मानदेय मद की पूरी राशि केंद्र सरकार ने नहीं दी थी.
वर्ष 2017-18 में केंद्र ने स्वीकृत किये 906 करोड़, दिये 555 करोड़
पिछले वित्तीय वर्ष 871 करोड़ में से मात्र 484 करोड़ ही दिये थे
पारा शिक्षकों के मानदेय में 750 करोड़ खर्च
राज्य में पारा शिक्षकों के मानदेय पर सालाना लगभग 750 करोड़ खर्च होता है. इसमें 60 फीसदी केंद्र और 40 फीसदी राशि राज्य सरकार देती है. पिछले साल के तीन माह के मानदेय का भुगतान इस वित्तीय वर्ष किया गया है.
प्रभावित हो सकती हैं दूसरी योजनाएं
केंद्र सरकार बच्चों की पोशाक व पुस्तक, शिक्षकों के प्रशिक्षण, कंप्यूटर शिक्षा, आवासीय विद्यालय खोलने, अनाथ बच्चों के लिए चलाये जानेवाले विद्यालयों के लिए भी राशि देती है. ऐसे में अब तक इन योजनाओं का संचालन प्रभावित हो सकता है.
वित्त को स्थिति से अवगत करायेगा जेइपीसी
झारखंड शिक्षा परियोजना कार्यकारिणी परिषद की पिछले दिनों मुख्य सचिव की अध्यक्षता में बैठक हुई थी. बैठक में निर्णय लिया गया कि परियोजना पूरे मामले से वित्त विभाग को अवगत करायेगा. राज्य सरकार पर आनेवाले वित्तीय बोझ का आकलन किया जायेगा.
केंद्र अगर किसी कारण से मानदेय भुगतान का पूरा पैसा नहीं देता, तो भी कर्मियों को भुगतान करना होगा. वित्त विभाग के साथ बैठक की जायेगी. रास्ता निकाला जायेगा. केंद्र ने वित्तीय वर्ष 2017-18 के लिए 906 करोड़ में से अब तक 555 करोड़ दिये हैं. – एपी सिंह, प्रधान सचिव, स्कूली शिक्षा व साक्षरता विभाग