जमशेदपुर : कोल्हान विवि के करीब आधे दर्जन अंगीभूत काॅलेजों में वर्ष 2010 से अब तक करोड़ों रुपये की किताबें खरीदी गयी. इन सभी खरीद में क्रय के लिए निर्धारित सामान्य सरकारी प्रक्रिया तक का पालन नहीं किया गया.
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केयू के कॉलेजों में बिना टेंडर खरीदी गयीं करोड़ों की किताबें, राजभवन में शिकायत
जमशेदपुर : कोल्हान विवि के करीब आधे दर्जन अंगीभूत काॅलेजों में वर्ष 2010 से अब तक करोड़ों रुपये की किताबें खरीदी गयी. इन सभी खरीद में क्रय के लिए निर्धारित सामान्य सरकारी प्रक्रिया तक का पालन नहीं किया गया. इस मामले में शुक्रवार को झारखंड के राज्यपाल सह कुलाधिपति को शिकायत पत्र भेजा गया. इसमें […]
इस मामले में शुक्रवार को झारखंड के राज्यपाल सह कुलाधिपति को शिकायत पत्र भेजा गया. इसमें कहा गया कि बिना टेंडर के विवि के कई कॉलेजों में किताबों की खरीद की गयी. किताबों की खरीद में हुई अनियमितता के मामले में जमशेदपुर को-ऑपरेटिव कॉलेज के तत्कालीन प्राचार्य डॉ. आरके दास पर कार्रवाई की गयी,
लेकिन संबंधित खरीद में मोटी कमाई करने वाले करीब आधे दर्जन कॉलेजों के तत्कालीन प्राचार्य बेहद सफाई से बच गये. पिछले आठ वर्षों में विवि के अलग-अलग कॉलेजों में दिनेश शर्मा की ओर से अलग-अलग एजेंसियों के नाम से करीब तीन करोड़ रुपये से अधिक की किताबों की आपूर्ति की गयी.
दावा किया गया कि इन सभी खरीद में 40 फीसद राशि बकायदा कमीशन के रूप में अलग-अलग लोगों तक पहुंचायी गयी. इसी दौरान कमीशन के पैसे के बंटवारे को लेकर दिनेश शर्मा और उसकी मदद करने वाले लोगों के बीच विवाद हो गया. इसके बाद ही पूरा खेल बिगड़ गया. दिनेश शर्मा ने काॅलेजों की सर्वाधिक आपूर्ति विस्टा के नाम पर की.
जमशेदपुर को-ऑपरेटिव कॉलेज के मामले में एजेंसी का नाम बदनाम होने एवं पैसे का भुगतान फंसने के कारण शर्मा ने दिशा इंटरप्राइजेज के नाम से अपना कारोबार जारी रखा. किताबों के बदले कमीशन के साथ-साथ कई शिक्षाविदों को उपकृत करने के लिए अलग-अलग प्रकाशन के नाम से आधे दर्जन से अधिक लोगों की किताबें तक प्रकाशित कराई गयी. शैक्षणिक सत्र 2013-14 तथा सत्र 2014-15 के बीच करीब आधे दर्जन से अधिक कॉलेजों में करीब दो करोड़ से अधिक की किताबों की सप्लाई के ऑर्डर दिये गये.
छात्र आजसू ने पूरे मामले की जांच के लिए लिखा पत्र
कोल्हान विवि में हुए किताब घोटाले की जांच की मांग को लेकर छात्र आजसू ने झारखंड की राज्यपाल सह कुलाधिपति द्रौपदी मुर्मू को पत्र लिखा है. इसमें विवि के अलग-अलग कॉलेजों में वर्ष 2010 से 2018 तक हुई किताबों की आपूर्ति के मामले की जांच कराने की मांग की गयी है. संगठन के कोल्हान विवि अध्यक्ष हेमंत पाठक ने कहा कि विवि में इस दौरान जितने कुल छात्र पास हुए हैं. उनके मुकाबले कहीं ज्यादा किताबें खरीदी गयी है. लिहाजा बिना टेंडर किताबों का ऑर्डर देने वाले संबंधित कॉलेजों के तत्काली प्राचार्य की भूमिका की जांच कराने तथा संबंधित सप्लायर को गिरफ्तार कर कड़ाई से पूछताछ करने की मांग की गयी है.
पाठक ने अपने पत्र में जमशेदपुर वीमेंस कॉलेज, जमशेदपुर को-ऑपरेटिव कॉलेज, एबीएम कॉलेज, जमशेदपुर वर्कर्स कॉलेज, घाटशिला कॉलेज घाटशिला, ग्रेजुएट कॉलेज तथा महिला कॉलेज चाईबासा में हुई किताबों की खरीद से संबंधित पूरे मामले की जांच की मांग की है.
कोल्हान विवि के अंगीभूत कॉलेजों में किताबों की खरीद में अनियमितता की कोई शिकायत विवि के पास नहीं है. अगर इस संबंध में कोई शिकायत प्राप्त होती है, तो इसका संज्ञान लेते हुए आवश्यक कार्रवाई की जायेगी.
डॉ. एके झा, प्रवक्ता, कोल्हान विवि
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