जमशेदपुर : मानगो स्थित जमशेदपुर वर्कर्स कॉलेज में अब डीपीआर का गाेलमाल सामने आया है. पुरानी भवन की मरम्मत के लिए बने डीपीआर पर निजी निर्माण एजेंसी ने दूसरे भवन की मरम्मत करा दी है. आश्चर्यजनक है कि गलत डीपीआर के बदले कॉलेज प्रशासन बिना किसी जांच के ही अधिकांश राशि का भुगतान भी कर […]
जमशेदपुर : मानगो स्थित जमशेदपुर वर्कर्स कॉलेज में अब डीपीआर का गाेलमाल सामने आया है. पुरानी भवन की मरम्मत के लिए बने डीपीआर पर निजी निर्माण एजेंसी ने दूसरे भवन की मरम्मत करा दी है. आश्चर्यजनक है कि गलत डीपीआर के बदले कॉलेज प्रशासन बिना किसी जांच के ही अधिकांश राशि का भुगतान भी कर चुका है. यह गोलमाल नये प्राचार्य डॉ बीएन प्रसाद के पदस्थापना का नोटिफिकेशन होने के समय किया गया. प्राचार्य ने निर्माण संबंधी बकाया राशि के भुगतान पर फिलहाल रोक लगा दी है.
मामले की जांच करायी जा रही है. घटना की सूचना मिलने के बाद शुक्रवार को विवि स्तर पर दस्तावेज खंगाले गये. विवि प्रशासन ने अपने आधिकारिक बयान में कहा कि संबंधित सूचना के बारे में प्राचार्य से रिपोर्ट ली जा रही है. फिलहाल कुछ भी नहीं कहा जा सकता.
विवादों में रही है निर्माण एजेंसी : जमशेदपुर वर्कर्स काॅलेज में डीपीआर की अवहेलना कर कार्य करने वाली एजेंसी रांची विवि के समय से विवादाें में रही है. एजेंसी ने नये प्रशासनिक भवन के निर्माण में 40 हजार पुरानी ईंटों का इस्तेमाल किया जबकि नई ईंट की दर से भुगतान लिया था. मामले का खुलासा होने के बाद टाटा से रांची तक जांच चली, फिर एजेंसी का निर्माण कार्य का आवंटित होने लगा.
डीपीआर की अवहेलना कर बिल्डिंग की मरम्मत कराने की शिकायत मिली है. मामले में पूर्व में गलत तरीके से अधिकांश राशि का भुगतान तक ले लिया गया है. जांच कर मामले में कार्रवाई के लिए विवि को लिखेंगे.
डॉ. बीएन प्रसाद, प्राचार्य, जमशेदपुर वर्कर्स कॉलेज