जमशेदपुर: शहर के कई क्षेत्रों में जल संकट दूर करने के लिए विभिन्न सरकारी योजनाओं (विधायक निधि, नगर विकास, लोक स्वास्थ्य प्रमंडल समेत अन्य) से डीप बोरिंग कराये गये हैं और हर वर्ष नये बोरिंग गाड़े जाने पर लाखों खर्च किये जा रहे हैं, लेकिन कई पुराने डीप बोरिंग रख-रखाव व देखरेख के अभाव में बंद हो चुके हैं.
पूर्व में हुए डीप बोरिंग किस स्थिति में हैं इसकी कभी समीक्षा नहीं की जाती है न ही विभागीय पदाधिकारी इसके बारे में उतनी गंभीरता दिखाते हैं. वैसे कुछ डीप बोरिंग ऐसे हैं जो बेहतर रख-रखाव के कारण ठीक चल रहे हैं और लोगों को पर्याप्त पानी भी मिल रहा है.
कैसे होता है बोरिंग का संचालन
डीप बोरिंग होने के बाद मोहल्ले के युवकों की स्थानीय समिति बनायी जाती है. समिति आसपास के घरों में पानी का कनेक्शन देती है और प्रतिदिन जलापूर्ति की जाती है. इसके एवज में गृहस्वामी से कनेक्शन शुल्क व प्रतिमाह शुल्क लिया जाता है. उसी शुल्क से डीप बोरिंग का रख-रखाव, बिजली बिल जमा किया जाता है. कई स्थानों पर उचित रख-रखाव या बिजली बिल जमा नहीं होने के कारण डीप बोरिंग बंद हो गया.