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ड्रेनेज का प्रपोजल नहीं, खड़ी हो रही 26 करोड़ की बिल्डिंग

ब्रजेश मिश्रा जमशेदपुर : सरकारी निर्माण में धड़ल्ले से हो रही अनियमितता की पोल एक बार फिर खुल गयी है. राष्ट्रीय उच्चतर माध्यमिक शिक्षा अभियान के फंड से झारखंड राज्य भवन निर्माण निगम लिमिटेड द्वारा जमशेदपुर के बारा फ्लैट में बन रहे प्राेफेशनल कॉलेज के निर्माणाधीन भवन का अस्तित्व खतरे में है. 26 करोड़ की […]

ब्रजेश मिश्रा
जमशेदपुर : सरकारी निर्माण में धड़ल्ले से हो रही अनियमितता की पोल एक बार फिर खुल गयी है. राष्ट्रीय उच्चतर माध्यमिक शिक्षा अभियान के फंड से झारखंड राज्य भवन निर्माण निगम लिमिटेड द्वारा जमशेदपुर के बारा फ्लैट में बन रहे प्राेफेशनल कॉलेज के निर्माणाधीन भवन का अस्तित्व खतरे में है. 26 करोड़ की लागत से बन रहे भवन के बीच से सिदगोड़ा का मेन ड्रेनेज गुजर रहा है. ड्रेनेज के स्थायी निर्माण पर 60 लाख रुपये खर्च होने का अनुमान है.
ऐसे में प्रोजेक्ट में सुधार करने की बजाय विभाग जैसे-तैसे भवन का काम पूरा करा रहा है. कॉलेज भवन का निर्माण करने वाली एजेंसी प्रसाद कंस्ट्रक्शन की मानें तो भवन का प्रोजेक्ट तैयार करने वाली कंसल्टेंसी ने अपनी रिपोर्ट में मेन ड्रेनेज के लिए कोई विकल्प नहीं सुझाया. लिहाजा कॉलेज के भवन का निर्माण शुरू होने के कारण इस रास्ते से होकर गुजरने वाली मेन ड्रेनेज का मार्ग बाधित हो रहा है. ऐसे में प्रोजेक्टर के बीच भारी जल जमाव के हालात पैदा हो गए हैं. पानी लगने के कारण निर्माणाधीन भवन का अस्तित्व खतरे में है.
दावा किया गया कि उन्होंने रास्ते में आ रहे ड्रेनेज की दिशा मोड़कर पक्के नाले के निर्माण की सिफारिश की है. इस संबंध में विभागीय इंजीनियर को पत्र भी लिखा. विभाग की ओर से संबंधित पत्र को ठंडे बस्ते में डाल दिया गया. प्रोफेशनल कॉलेज के बीच आ रहे मेन ड्रेनेज की लंबाई तकरीबन 300 मीटर है. निर्माण एजेंसी में एक मीटर ड्रेनेज के निर्माण पर 19 से 20 हजार रुपये का अनुमानित खर्च बताया. इस हिसाब से ड्रेनेज को मोड़ कर व्यवस्थित करने में करीब 60 लाख रुपये खर्च हो रहा है.
प्रोजेक्ट तैयार करने में हुई अपनी गलती छिपाने के लिए विभाग निर्माण एजेंसी पर दबाव बनाकर जगह-जगह जल जमाव के बीच प्रोजेक्ट पूरा करा रहा है.
भवन के बेस में नहीं बन रही दीवार, पिलर में जोड़ पर आपत्ति. प्रोफेशनल भवन के निरीक्षण को आयी रूसा की टीम ने निर्माणाधीन भवन के बेस में दीवार नहीं जोड़ने तथा पिलर में जगह-जगह जोड़ व कुछ खंभे के टेढ़े होने पर अपनी आपत्ति जतायी थी. टीम का निरीक्षण पूरा होने के बाद बिना दीवार के भवन के बेस में स्लैग व मिट्टी भर दिया गया है. ताकि निरीक्षण में बेस की दीवार नहीं होने की बात पता नहीं चल रहे.
..तो बरसात में भवन का अस्तित्व खतरे में पड़ जायेगा. कॉलेज भवन का निर्माण करने वाली एजेंसी प्रसाद कंस्ट्रक्शन के मुताबिक अगर मेन ड्रेनेज के निकासी की व्यवस्था नहीं की गयी तो अगले बरसात में ही नये भवन का अस्तित्व खतरे पर खतरा आ जायेगा.
विभाग को सूचित किया गया है
हमने ड्रेनेज का रास्ता बाधित होने के कारण निर्माण की गुणवत्ता पर पड़ रहे प्रतिकूल असर के बारे में लिखित रूप से विभाग को सूचित कर दिया.
एस श्रीवास्तव, प्रोजेक्ट हेड, प्रसाद कंस्ट्रक्शन
एजेंसी को सुधार के लिए कहा था
रूसा की टीम के निरीक्षण के दौरान एक्सपर्ट के रूप में मैंने ड्रेनेज की निकासी व्यवस्था सहित कुछ और निर्माण संबंधी खामियों को लेकर आपत्ति जतायी. निर्माण एजेंसी ने भरोसा दिया था कि इसमें सुधार कर लिया जायेगा. अगर खामियों को दूर किये बिना काम हो रहा है तो रूसा संज्ञान लेेगा.
स्नेहा कुमार, रूसा निरीक्षण टीम सदस्य

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