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प्रधान लिपिक पर लगे आरोप सही

सिविल सर्जन को जांच टीम ने सौंपी रिपोर्ट, कहा-महिला बयान पर कायम, नहीं आये आरोपी नौकरी के लिए उमेश सिंह ने लिये थे 40 हजार रुपये जमशेदपुर : सदर अस्पताल की महिला कर्मी द्वारा प्रधान लिपिक पर लगाये गये आरोपों की जांच कर रही तीन सदस्यीय टीम ने अपनी रिपोर्ट सिविल सर्जन को सौंप दी […]

सिविल सर्जन को जांच टीम ने सौंपी रिपोर्ट, कहा-महिला बयान पर कायम, नहीं आये आरोपी

नौकरी के लिए उमेश सिंह ने लिये थे 40 हजार रुपये
जमशेदपुर : सदर अस्पताल की महिला कर्मी द्वारा प्रधान लिपिक पर लगाये गये आरोपों की जांच कर रही तीन सदस्यीय टीम ने अपनी रिपोर्ट सिविल सर्जन को सौंप दी है. टीम में सदर अस्पताल की उपाधीक्षक डॉ वीणा सिंह, डॉ एबीके बाखला व डॉ विमलेश कुमार शामिल थे. जांच टीम ने रिपोर्ट में प्रधान लिपिक पर लगाये गये आरोपों को प्रथम दृष्टया सही ठहराया है. रिपोर्ट में स्पष्ट लिखा गया है कि पीड़िता अब भी अपने बयान पर कायम है कि उसने कई बार शारीरिक संबंध बनाने के लिए प्रधान लिपिक द्वारा दबाव बनाये जाने की बात कही है. इधर, प्रधान लिपिक बार-बार बुलाये जाने के बावजूद जांच टीम के समक्ष अपना पक्ष रखने नहीं आये.
इससे टीम इस निष्कर्ष पर पहुंची है कि उनके खिलाफ लगाये गये आरोप सत्य हैं. 27 जुलाई 2017 से वार्ड गर्ल के रूप में पीड़िता स्नेहा इंटरप्राइजेज के अधीन काम कर रही है. उमेश सिंह के माध्यम से प्रधान लिपिक से उसकी पहचान हुई. प्रधान लिपिक के कहने पर ही उमेश सिंह को नौकरी लगाने के लिए 40 हजार रुपये भी दिये. इस दौरान प्रधान लिपिक बार-बार शारीरिक संबंध बनाने के लिए बोलते थे. वह चेतावनी देते थे कि बात नहीं मानी तो नौकरी जायेगी. प्रधान लिपिक ने सिविल सर्जन को फंसाने के लिए उसे प्रलोभन दिया था. कहा था कि बात नहीं मानी तो इतना तंग करेंगे की अपने आप नौकरी छोड़ दोगी.

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