सऊदी अरब सरकार के इस फैसले का हज यात्रा 2018 पर जाने वालाें पर भी काफी असर पड़ता दिखायी दे रहा है. 2017 में काफी लाेगाें ने उमरा किया था, लेकिन अब वे 37 हजार रुपये अधिक चुकाने की स्थिति में नहीं है. हाजियाें की खिदमात में लगे आफाक हैदर ने बताया कि एक परिवार से कम से कम तीन लाेग यात्रा पर जाते हैं, ताे यह रकम एक लाख पार कर जायेगी.
काफी लाेगाें के पासपाेर्ट अभी तक बनकर नहीं आये हैं, जिसके कारण वे आवेदन नहीं कर पा रहे हैं. हज यात्रा पर जाने के लिए जमशेदपुर से महज 295 लाेगाें ने ही अभी तक फॉर्म भरा है, जबकि विगत वर्ष यह संख्या 450 के पार थी. 22 दिसंबर काे फॉर्म भरने की अंतिम तिथि है. सेंट्रल हज कमेटी यदि फॉर्म भरने की तिथि नहीं बढ़ायेगी ताे संख्या काफी कम हाे जायेगी. साकची जामा मसजिद हज कमेटी के माेहम्मद इकबाल ने बताया कि 260 लाेगाें के फॉर्म अॉनलाइन भरे जा चुके हैं, जबकि 20 फाॅर्म आैर आने की संभावना है. 2017 में 326 लाेगाें ने जामा मस्जिद हज कार्यालय से फाॅर्म भर कर यात्रा की थी. काफी लाेगाें के पासपाेर्ट अभी लंबित है, जिसके कारण लाेग परेशान हाे रहे हैं.
धातकीडीह मदरसा फैजुल उलूम हज कमेटी के कारी इसहाक अंजुम ने बताया कि 95 लाेगाें के अॉनलाइन फार्म भरे जा चुके हैं, जबकि 25 के फाॅर्म तैयार हाे रहे हैं. पिछले साल 128 लाेगाें ने फैजुल उलूम हज तरबियती सेंटर से फार्म भर कर यात्रा की थी. इस बार हज का फॉर्म भरने की तिथि भी जल्द आ गयी है. इसके अलावा काफी पाबंदी भी लगा दी गयी हैं. रांची की तुलना में काेलकाता से उड़ान भरनेवालाें काे 24 हजार रुपये की छूट प्रदान किये जाने का भी असर यहां दिखायी दे रहा है. काफी लाेगाें के पासपाेर्ट जांच के लिए नहीं पहुंचे हैं, जिसके कारण वे चाहकर भी फॉर्म नहीं भर पा रहे हैं.