जमशेदपुर : सरायकेला के चौड़ा गांव की गीता मुर्मू की सोमवार को टाटा मेन अस्पताल में इलाज के दौरान मौत हो गयी. 21 नवंबर को खाना पकाने के दौरान कपड़े में आग पकड़ लेने से वह जल कर जख्मी हो गयी थी. आमदा खादी पार्क को छह माह से उदघाटन का इंतजार
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सरायकेला : आग से झुलसी महिला की मौत
जमशेदपुर : सरायकेला के चौड़ा गांव की गीता मुर्मू की सोमवार को टाटा मेन अस्पताल में इलाज के दौरान मौत हो गयी. 21 नवंबर को खाना पकाने के दौरान कपड़े में आग पकड़ लेने से वह जल कर जख्मी हो गयी थी. आमदा खादी पार्क को छह माह से उदघाटन का इंतजार देश का पहला […]
देश का पहला खादी पार्क करीब चार करोड़ रुपये से बना
200 मशीनों पर दो सौ महिलाएं रोजगार प्राप्त करेंगी
पार्क में सूत कताई के लिये दो सौ रीलिंग स्पीनिंग मशीन लगी
बापू का सपना पूरा और खादी वस्त्र को बढ़ावा देने के लिए खरसावां के आमदा में करीब चार करोड़ से देश का पहला खादी पार्क तैयार है. पिछले छह माह से पार्क उद्घाटन की बाट जोह रहा है. खादी एवं ग्रामोद्योग बोर्ड इसे जल्द शुरू करने की बात कह रही है. पार्क शुरू होने पर प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष रूप से हजारों महिलाओं को रोजगार मिलेगा. िरपोर्ट-शचिंद्र दाश की
तीन हजार महिलाओं को मिल चुका है प्रशिक्षण
खादी पार्क आमदा में उत्पादन, प्रशिक्षण व प्रदर्शनी के लिये अलग-अलग हॉल बनाये गये हैं. खरसावां व कुचाई क्षेत्र में बड़ी संख्या में महिलाएं तसर उद्योग से जुड़ी हैं. यहां करीब तीन हजार महिलाओं को प्रशिक्षित किया जा चुका है.
समृद्धि मशीन से घर में समृद्धि लायेंगी महिलाएं
आमदा के खादी पार्क में शुरुआती दौर में करीब 500-700 महिलाओं को स्वरोजगार मिलेगा. प्रतिदिन 25 किलोग्राम तसर सूत का उत्पादन होगा. पार्क में कोकून से सूत कताई के लिये दो सौ रीलिंग स्पीनिंग मशीन लगायी गयी है. सौर ऊर्जा से चलने वाली इन मशीनों का नाम समृद्धि रखा गया है. इन मशीनों से महिलाएं अपने घरों में समृद्धि लायेंगी. 200 मशीनों पर दो सौ महिलाएं सूत कताई कर रोजगार प्राप्त करेंगी. डेमोस्ट्रेशन के तौर पर फिलहाल 90 महिलाएं कार्य कर रही हैं.
ऑनलाइन मिलेंगे खादी बोर्ड के उत्पाद
खादी के उत्पाद अब ऑनलाइन मिलेंगे. इसके लिए बोर्ड डिजिटल की ओर कदम बढ़ा चुका है. अब सारे उत्पाद ऑनलाइन उपलब्ध होंगे. खादी के उत्पाद की बार कोडिंग कर दी गयी है. इससे पारदर्शिता बढ़ेगी. बोर्ड ने रकल फ्री फैब्रिक व उत्पादन का शुभारंभ कर दिया है. खादी के सभी बिक्री केंद्र कंप्यूटराइज्ड हो गए हैं. एक माह के अंदर सभी प्रोडक्शन यूनिट भी कंप्यूटराइज्ड हो जाएंगे.
खादी बोर्ड ने बढ़ाया बुनकरों का पारिश्रमिक
खादी बोर्ड ने 18 संस्थाओं को 86 लाख रुपये दिए हैं. इससे संस्था का काम आगे बढ़ेगा. बुनकरों का पारिश्रमिक बढ़ा दी गयी है. पहले साढे 11 मीटर थान बनाने की मजदूरी 176 रुपये थी. अब 287 रुपये कर दी गयी है. इसी तरह सिल्क का रेट चार सौ रुपये कर दिया गया है. हर महीने 40 से 50 लाख की बिक्री हो रही है.
खादी को बढ़ावा देने के लिए बोर्ड व सरकार ने की पहल
खादी व सिल्क कपड़ों का इंपोरियम बना
खादी पार्क में शुरू में सूत कताई व कपड़ों के उत्पादन पर जोर रहेगा. वहीं क्षेत्र की महिलाओं को प्रशिक्षण देकर दक्ष बनाया जायेगा. पार्क में खादी व सिल्क कपड़ों का एक इंपोरियम बनाया गया है. यहां कपड़ों की प्रदर्शनी के साथ बिक्री की व्यवस्था होगी. यहां तसर कोसा से सूत कताई से लेकर कपडों की बुनाई, डिजाइनिंग व फिनिशिंग का कार्य भी होगा.
राजनगर में खादी पार्क का निर्माण अधर में
अभी पार्क शुरू करने में लगेगा और समय
जिले के राजनगर में खादी पार्क का निर्माण अधर में है. वर्ष 2013 में खादी एवं ग्रामोद्योग बोर्ड ने भव्य कार्यक्रम कर पार्क का शिलान्यास किया था. करीब डेढ़ करोड़ रुपये खर्च कर यहां चहारदीवारी व छोटे आकार का एक भवन बनाया गया. इससे आगे खादी पार्क का कार्य बढ नहीं पाया. खादी पार्क तक जाने के लिये सड़क तक नहीं है. पिछले दिनों बोर्ड के अध्यक्ष संजय सेठ ने स्थानीय सांसद लक्ष्मण गिलुआ से भेंट कर खादी पार्क तक जाने के लिये सड़क निर्माण का आग्रह किया. बोर्ड के अध्यक्ष संजय सेठ ने बताया कि खादी पार्क तक सडक बनने के बाद पार्क शुरू किया जा सकता है. इस पार्क के बनने से करीब एक हजार महिलाओं को प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार मिलता. पार्क में तसर सूत कताई-बुनाई के साथ-साथ आस पास के गांवों को ग्रामोद्योग से जोड़ने की योजना थी. अब इसे अमली जामा नहीं पहनाया जा सका. यहां उद्योग विभाग की ओर से महिलाओं को प्रशिक्षण दिया जा चुका है. कुचाई के कुछ क्षेत्रों में भी बडे पैमाने पर तसर की खेती होती है.
खरसावां के आमदा में खादी पार्क को डबल स्टोरेज किया जायेगा. यहां सूत कताई से लेकर कपड़े की बुनाई व फिनिशिंग कार्य भी होगा. पार्क का उद्धाटन 10 से 15 दिनों में हो जायेगा. इसके लिये मुख्यमंत्री रघुवर दास से समय मांगा गया है. राज्य को तसर व खादी आधारित प्रदेश बनाने में यह पार्क महत्वपूर्ण भूमिका निभायेगा. राजनगर खादी पार्क को शुरू करने में कुछ और समय लगेगा.
– संजय सेठ, अध्यक्ष, खादी एवं ग्रामोद्योग बोर्ड, झारखंड
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