जमशेदपुर : टाटा स्टील के कर्मचारियों के वेज रिवीजन समझौता को लेकर बुधवार को भी बैठक हुई. बैठक के दौरान लगभग तय हो चुका है कि डीए पूर्ववत रहेगा, क्योंकि टाटा वर्कर्स यूनियन की ओर से इस पर कड़ी आपत्ति जता दी गयी है. बताया जाता है कि टाटा स्टील प्रबंधन की ओर से जो चार्टर्ड ऑफ डिमांड दिया गया था, उसके तहत डीए (महंगाई भत्ता) को एनएस ग्रेड के जैसा ही करने की बात कही गयी है.
एनएस ग्रेड के डीए को लेकर किसी तरह की कोई आपत्ति मैनेजमेंट की नहीं थी. वैसे यह माना यह भी जा रहा है कि डीए को लेकर यूनियन पर दबाव बनाने की रणनीति मैनेजमेंट ने बनायी थी, जिसको लेकर काफी दिनों तक दबाव रहा, लेकिन बाद में चलकर यह तय हो चुका है कि डीए (महंगाई भत्ता) के साथ स्टील वेज के कर्मचारियों में किसी तरह का कोई छेड़छाड़ नहीं होगा. इसको लेकर लगभग सहमति बन चुकी है. जहां तक एलाउंस की बात है तो उसको लेकर भी बातचीत हो रही है.
यूनियन का दबाव है कि एलाउंस को छह फीसदी पूरे बेसिक का कर दिया जाये, जिस तरह एनजेसीएस में समझौता हुआ है. हालांकि, इसको लेकर यूनियन या मैनेजमेंट कोई भी जवाब देने की स्थिति में फिलहाल नहीं है. दोनों ओर से पूरी गोपनीयता बरतने की कोशिश हो रही है. समय और एमजीबी के मसले पर अभी चुप्पी साधी गयी है और जो भी टर्म एंड कंडीशन (नियम और शर्ते) हैं, उसको तैयार करने में समय लग रहा है. चूंकि, एनजेसीएस से अलग होने के बाद स्वतंत्र तौर पर पहली बार इस तरह की मीटिंग हो रही है, इस कारण थोड़ा समय लग रहा है.