राज्यों पर पड़ेगा बड़ा बोझ, अनुदान में मिलने वाली करीब दो तिहाई राशि की हुई कमी
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सातवें वेतनमान में शिक्षकों के वेतन मद में 50 फीसदी ही अनुदान देगा केंद्र
राज्यों पर पड़ेगा बड़ा बोझ, अनुदान में मिलने वाली करीब दो तिहाई राशि की हुई कमी जमशेदपुर : सातवें वेतन आयोग की सिफारिश लागू होने की उम्मीद पाल बैठे विश्वविद्यालय एवं कॉलेज शिक्षकों के लिए हैरान करने वाली खबर है. मानव संसाधन विकास मंत्रालय, भारत सरकार की ओर से विश्वविद्यालय अनुदान आयोग को भेजी गयी […]
जमशेदपुर : सातवें वेतन आयोग की सिफारिश लागू होने की उम्मीद पाल बैठे विश्वविद्यालय एवं कॉलेज शिक्षकों के लिए हैरान करने वाली खबर है. मानव संसाधन विकास मंत्रालय, भारत सरकार की ओर से विश्वविद्यालय अनुदान आयोग को भेजी गयी सिफारिश में छठवें वेतनमान की अपेक्षा सातवें वेतनमान के अनुदान में भारी कटौती की गयी है.
पूर्व के मुकाबले केंद्र से राज्यों को मिलने वाली राशि की दो तिहाई राशि कम हो गयी है. नये मापदंड के अनुसार सातवें वेतन आयोग की सिफारिश के अनुसार केंद्र राज्यों को शिक्षकों के वेतन मद में दी जाने वाली राशि का 50 फीसदी हिस्सा 39 माह तक वहन करेगा. छठवें वेतन आयोग की सिफारिशों में केंद्र सरकार ने 51 माह में 80 फीसदी राशि अनुदान के रूप में देती रही. अखिल भारतीय विश्वविद्यालय एवं महाविद्यालय शिक्षक महासंघ ने सिफारिशों के समग्र अध्ययन के बाद इन बिंदुओं पर अपनी आपत्ति दर्ज की है. इसके अलावा 8000 रुपये की एजीपी पाने वाले आइआइटी शिक्षकों को जहां 1,01, 500 रुपये मिलेंगे, वहीं समान ग्रेड पे वाले विवि व कॉलेज शिक्षकों को वेतन मद में 79,800 रुपये मिलेंगे. ऐसे में विवि व काॅलेजों में सेवा देने वाले शिक्षकों को सीधे-सीधे 20,000 रुपये का मासिक घाटा हो रहा है. इसके बाद यहां काम करने वाले शिक्षकों में भी आक्रोश पनप रहा है.
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