वेज रिवीजन वार्ता : छह साल के लिए मैनेजमेंट तैयार, यूनियन भी पड़ी नरम
जमशेदपुर : टाटा स्टील में वेज रिवीजन को लेकर वार्ता तेज हो चुकी है. बचे हुए नौ दिनों में (अप्रैल) समझौता करने पर काम चल रहा है, लेकिन बात नहीं बनी तो मई माह तक मामला खींच सकता है. उच्चस्तरीय मीटिंग को हालांकि गोपनीय रखने की कोशिश हो रही है.अब तक जो बातें सामने आयी है उसके मुताबिक, टाटा स्टील में मिनिमम गारंटीड बेनीफिट (एमजीबी) 18 फीसदी तक होने की उम्मीद है. कंपनी प्रबंधन और यूनियन के बीच इसको लेकर बातचीत हो चुकी है.
मैनेजमेंट ने इस बातचीत के दौरान कहा है कि एनजेसीएस में 17 फीसदी एमजीबी दिया गया है, टाटा स्टील में 18 फीसदी एमजीबी देने में ज्यादा दिक्कत नहीं है, लेकिन समय को एक साल कम से कम बढ़ाना होगा. यानी पांच साल के बजाय छह साल का समझौता किया जायेगा. पहले मैनेजमेंट ने दस साल का समझौता करने का दबाव बनाया था, जो बाद में घटकर सात साल तक पहुंचा. अब छह साल का हो चुका है. लेकिन इस पर मैनेजमेंट और यूनियन दोनों की ओर से कोई भी बात अधिकारिक तौर पर नहीं बतायी जा रही है. यह कोशिश हो रही है कि अंडरग्राउंड तरीके से बातचीत होने के बाद अचानक से समझौता कर लिया जाये. दूसरी ओर, यूनियन पांच साल का समझौता करने के लिए अड़ी हुई है.
तीसरा प्वाइंट महंगाई भत्ता (डीए) का है, जिस पर तय हो चुका है कि एक जनवरी 2012 तक ऑल इंडिया प्राइस इंडेक्स के तहत तय डीए को बेसिक में समायोजित करने के बाद नये सिरे से डीए तय किया जायेगा. फिर साल में चार बार रिवाइज होता रहे, जिसका आधार एक अप्रैल, एक जुलाई, एक अक्तूबर और एक जनवरी बनाया जायेगा. वैसे इंक्रीमेंट को 3} तक रखने की बात तय हुई है. समय पर जिच बरकरार है, जिसे दूर करने के बाद समझौता हो सकता है.