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बड़कागांव में 18 घंटे से बिजली गुल

बड़कागांव : बड़कागांव प्रखंड में 18 घंटे से बिजली नहीं है. इससे पूरा जन-जीवन अस्त-व्यस्त हो गया है. आर्थिक नुकसान हो रहा है, सो अलग. 21 अगस्त की मध्य रात्रि से गुल हुई बिजली 22 अगस्त देर शाम तक नहीं आयी थी. इससे पहले 16 अगस्त को महज पांच-छह घंटे लोगों को बिजली मिली. फिर […]

बड़कागांव : बड़कागांव प्रखंड में 18 घंटे से बिजली नहीं है. इससे पूरा जन-जीवन अस्त-व्यस्त हो गया है. आर्थिक नुकसान हो रहा है, सो अलग. 21 अगस्त की मध्य रात्रि से गुल हुई बिजली 22 अगस्त देर शाम तक नहीं आयी थी. इससे पहले 16 अगस्त को महज पांच-छह घंटे लोगों को बिजली मिली. फिर 17 अगस्त की आधी रात से 20 अगस्त की शाम 4:45 बजे तक बड़कागांव अंधेरे में डूबा रहा. लगातार बिजली की आपूर्ति नहीं होने से क्षेत्र के लोगों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. मोबाइल चार्ज नहीं कर पा रहे हैं.
बच्चों का पठन-पाठन ठप हो गया है. लघु एवं कुटीर उद्योगों के संचालन के लिए जेनरेटर का उपयोग करना पड़ रहा है. इससे उद्योग-धंधे भी प्रभावित हो रहे हैं. एक अनुमान के मुताबिक, उद्योगों को लाखों रुपये का नुकसान हुआ है. ज्ञात हो कि बड़कागांव में अनियमित बिजली की आपूर्ति की समस्या तीन दशक से अधिक पुरानी है. ग्रामीणों ने कई बार विभाग से इसकी शिकायत की, लेकिन अफसरों के कान पर जूं तक नहीं रेंगी.
बिल ज्यादा, बिजली कम : उपभोक्ताओं का कहना है कि विद्युत सब स्टेशन में बिजली आती है, लेकिन बड़कागांव को बिजली कम मिलती है. देहात क्षेत्रों में अधिक विद्युत की आपूर्ति की जाती है. उन्होंने कहा कि शहरी क्षेत्र में दुकान के लिए 800 और आवास के लिए 400 रुपये का बिल देना पड़ता है. वहीं, देहात में 88 रुपये प्रतिमाह उपभोक्ता को देना पड़ता है.
बावजूद इसके, शहरी क्षेत्र में पर्याप्त बिजली की सप्लाई नहीं होती.
आश्वासन मिला, बिजली नहीं : उपभोक्ताओं ने कहा कि कई बार आश्वासन मिला कि बड़कागांव के लिए अलग फीडर बनेगा और नियमित बिजली की आपूर्ति होगी. लेकिन, आज तक आश्वासन धरातल पर नहीं उतरा. लोगों का कहना है कि बिजली के अभाव में ही बड़कागांव का समुचित विकास नहीं हो पा रहा है. लोगों में बिजली विभाग के साथ-साथ स्थानीय विधायक और सांसद के प्रति भी आक्रोश है, क्योंकि उनकी समस्या की ओर किसी का ध्यान नहीं है.

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