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रैयतों के लिए विस्थापन बना अभिशाप : भुवनेश्वर
हजारीबाग :पूर्व सांसद भुवनेश्वर प्रसाद मेहता ने कहा कि झारखंड में विस्थापन रैयतों के लिये अभिशाप बन गया है. सरकार कॉरपोरेट घरानों को गरीबों की जमीन जबरन देने में लगी है. लोगों को जमीन का उचित मुआवजा नहीं मिल रहा है. जमीन अधिग्रहण के लिये सरकार कानून में संशोधन करना चाहती है. श्री मेहता ने […]
हजारीबाग :पूर्व सांसद भुवनेश्वर प्रसाद मेहता ने कहा कि झारखंड में विस्थापन रैयतों के लिये अभिशाप बन गया है. सरकार कॉरपोरेट घरानों को गरीबों की जमीन जबरन देने में लगी है. लोगों को जमीन का उचित मुआवजा नहीं मिल रहा है. जमीन अधिग्रहण के लिये सरकार कानून में संशोधन करना चाहती है.
श्री मेहता ने उक्त बातें बुधवार को पार्टी कार्यालय मंजूर भवन में आयोजित संवाददाता सम्मेलन में कही. उन्होंने कहा कि रघुवर दास के कार्यकाल में सांप्रदायिक तनाव काफी बढ़ा है. इन तमाम मुद्दों को लेकर सीपीआइ 23 अगस्त को रांची के डीसी हॉल में सेमिनार करेगी. वहं इन सभी मुद्दों को लेकर आंदोलन की रणनीति बनायी जायेगी. उन्होंने कहा कि बड़कागांव केरेडारी में एनटीपीसी मुआवजा देने के नाम पर रैयतों के साथ अन्याय कर रही है.
श्री मेहता ने एक समान कम से कम 40 लाख रुपये मुआवजा देने की मांग की है. मौके पर शंभु कुमार, निजाम अंसारी, रामनरेश कुमार, एनुल हक व मो चांद मौजूद थे.
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