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अधिकारी मुख्यालय में रहें : सुरेंद्र मीणा

हजारीबाग : आयुक्त सुरेंद्र मीना ने कहा कि जिला, प्रखंड व पंचायत स्तर के अधिकारी व कर्मचारी मुख्यालय में रहें. मुख्यालय में रहने से लोगों के 50 प्रतिशत समस्याओं का हल हो जायेगा. इसी तरह सरकारी योजनाओं में राज्य, जिला व प्रखंड के अधिकारियों को समय सीमा के अंदर निरीक्षण भी करना अनिवार्य है. उ […]

हजारीबाग : आयुक्त सुरेंद्र मीना ने कहा कि जिला, प्रखंड पंचायत स्तर के अधिकारी कर्मचारी मुख्यालय में रहें. मुख्यालय में रहने से लोगों के 50 प्रतिशत समस्याओं का हल हो जायेगा. इसी तरह सरकारी योजनाओं में राज्य, जिला प्रखंड के अधिकारियों को समय सीमा के अंदर निरीक्षण भी करना अनिवार्य है.

त्तरी छोटानागपुर प्रमंडल के जिले हजारीबाग, चतरा, रामगढ़, कोडरमा, गिरिडीह, बोकारो और धनबाद में सरकारी योजनाओं की समीक्षा और औचक निरीक्षण पर आयुक्त ने लंबी बातचीत की.

प्रस्तुत है बातचीत के मुख्य अंशस्वास्थ्य विभाग की योजना : आयुक्त सुरेंद्र मीना ने बताया कि एनआरएचएम के अधीन सभी योजनाएं जरूरतमंदों तक पहुंचनी चाहिए. बच्चे गर्भवती महिलाओं को टीकाकरण, संस्थागत प्रसव, परिवार नियोजन, स्वास्थ्य केंद्र में चिकित्सक कर्मियों के कार्य, मलेरिया रोकथाम के लिए स्लाइन जांच और ग्राम स्वास्थ्य समिति प्रभावी है या नहीं, इन सारे पहलुओं पर समीक्षा करूंगा.

शिक्षा विभाग की योजना : मॉडल स्कूल, कस्तूरबा विद्यालय और हाई स्कूल के संचालन संसाधन की समीक्षा होगी. स्कूलों में मध्याह्न् भोजन के निर्माण वितरण सही तरीके से होना चाहिए. स्कूलों में किताब का वितरण सही मात्र में समय पर हुआ है या नहीं इस पर जानकारी लूंगा.

मनरेगा : आयुक्त ने कहा कि मनरेगा में बिचौलियों का कोई स्थान नहीं है. सरकारी एजेंसी में शामिल लोग जब सही कार्य नहीं करेंगे तो बिचौलियों की उपस्थिति होती है. मनरेगा कार्य स्थल पर रोजगार सेवक काम करनेवाले मजदूरों के साथ पारदर्शिता रखें. मस्टर रोल भरने की जानकारी भी तत्काल मजदूरों को दें. मजदूरी का भुगतान कब होगा यह भी सही जानकारी दें.

आयुक्त ने बताया कि मनरेगा में बीडीओ और नीचे स्तर के कर्मचारी के चाहने पर ही बिचौलिये आते हैं. योजना के सामग्री आपूर्ति में भी बिचौलियों की भूमिका नहीं बनने दें. मनरेगा मजदूरों में अविश्वास सरकारी मिशनरी के प्रति नहीं होना चाहिए. मनरेगा में पुरानी योजना को हर हाल में पूरा कराया जायेगा. अधिकारियों के रुचि के अनुसार योजनाओं का बदलना संवैधानिक नहीं है. उपयोगी योजना ग्रामसभा के माध्यम से चयनित हो.

लंबित बड़ी योजना : आयुक्त ने कहा कि प्रमंडल के अंतर्गत जो भी बड़ी योजनाएं लंबित हैं, उस पर अलग से बैठक कर समीक्षा करूंगा. योजना पर कितनी राशि खर्च हुई है. पूरा नहीं होने का मुख्य कारण क्या है, जवाबदेही तय की जायेगी. कल्याण विभाग के कई छात्रवास और भवन लंबित होने की जानकारी मुझे है इस पर भी निर्णय लूंगा.

बिजली विभाग : आयुक्त ने कहा कि राजीव गांधी विद्युतीकरण और आम विद्युत आपूर्ति दोनों के बारे में शीघ्र समीक्षा करूंगा. बारिश थोड़ी हवा चलने पर दोतीन दिन तक बिजली गुल होना कहीं से उचित नहीं है. समीक्षा के बाद संबंधित लोगों को निर्देश कार्रवाई करूंगा.

पथ विभाग : प्रमंडल के सात जिलों में सड़क निर्माण में बाधा को दूर किया जायेगा. लंबित योजना पूरा कराया जायेगा. विभिन्न विभागों का समन्वय होगा. ताकि सड़क निर्माण में रूकावट सके.

भूमि अधिग्रहण : आयुक्त ने कहा कि भूमि अधिग्रहण के कारण कोई भी योजना को रुकने नहीं दिया जायेगा. अंतर जिला समन्वय बना कर समस्या का समाधान करूंगा. प्रशासनिक विलंब इस कार्य में नहीं होने दिया जायेगा.

उग्रवाद प्रभावित क्षेत्र की योजना : आयुक्त ने कहा कि उग्रवाद प्रभावित क्षेत्रों में गांव के लोग पारदर्शिता के साथ काम करायेंगे तो कोई परेशानी उत्पन्न नहीं होगी. कोई तत्व बाधा नहीं डालेगा. दलाली, ठेकेदारी, अपराधियों और भ्रष्टाचार पर भी लगाम लगेगा.

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