अलपीटो पंचायत में रोजगार की सुविधा नहीं 15हैज50 में- चौथा सड़क से हेठली बोदरा गांव को जोड़ने वाली जर्जर सड़क. 15हैज51 में- चौपाल में उपस्थित लोग. विष्णुगढ़. हजारीबाग जिले के अलपीटो पंचायत का विकास पंचायत चुनाव के बाद बहुत ही कम मात्रा में हुआ. इस पंचायत के अंतर्गत चौथा, अलपीटो, अलकोपी, उपरैली बोदरा, हेठली बोदरा, मायापुर, गुंडरो गांव है. इन सभी गांवों तक जानेवाली कई मार्ग आज भी जर्जर है. कई सड़क पूर्ण रूप से गड्ढों में तब्दील हो चुका है. पंचायत के अधिकांश लोग बाहर पलायन कर गये हैं. पंचायत में रोजगार की कोई सुविधा नहीं है. 15हैज52 में- महेंद्र यादवआपका जनप्रतिनिधि कैसा होमहेंद्र यादव ने कहा कि पंचायत का विकास करनेवाला जनप्रतिनिधि होना चाहिए. गरीब-गुरबों जरूरतमंद लोगों पर विशेष ध्यान देनेवाले प्रतिनिधि चाहिए. रमेश यादव ने कहा कि पढ़ा-लिखा शिक्षित उम्मीदवार का चुनाव करेंगे. 15हैज53 में- भुवनेश्वर यादव,15हैज54 मे- महेश यादव15हैज55 मे- खूबलाल रजवार15हैज56 में- परमेश्वर यादव15हैज57 में- अशोक यादव15हैज58 में- रमेश यादवलोगों की प्रतिक्रियामहेश यादव ने कहा कि पंचायत भवन का कार्य अधूरा है. खूबलाल रजवार ने कहा कि पानी टंकी पगा, लेकिन लोगों को पानी नहीं मिल रहा है. परमेश्वर यादव ने कहा कि किसानों के हित में कोई विशेष काम नहीं हुआ. अशोक यादव ने कहा कि उपरैली बोदरा में नाली नहीं बनने के कारण गंदगी पनप रही है. विकास कार्य कराया मुखियामुखिया प्रभा देवी ने कहा कि पंचायत में विकास का कार्य करवाये गये हैं. अलपीटो गांव में पीसीसी पथ बनाया. करमाटांड़ में पीसीसी पथ. हेठली बोदरा के चौथा में पीसीसी पथ का निर्माण कराया गया. पंचायत के 115 लोगों को वृद्धा अवस्था पेंशन सामाजिक सुरक्षा पेंशन स्वीकृत कराया. 70 लोगों को इंदिरा आवास दिलवाया. मनरेगा से कूप निर्माण कराया. अगर मुझे मौका मिला तो विकास का कार्य जोर शोर से करेंगे. अलपीटो में कुछ बदलाव नहीं दिखादूसरे स्थान पर उषा देवी ने कहा कि मुझे 550 वोट मिला था और मैं चुनाव हार गयी थी. इसके बावजूद भी पंचायत की जनता से मिल जुल कर काम करते रहे. मुझे इस बार मौका मिला तो विकास का कार्य जोर शोर से करेंगे. अलपीटो पंचायत के गांवों में अपेक्षित बदलाव नहीं हुआ है. यादो में13हैज50 में- पूर्व सरपंच मितू सिंहविष्णुगढ़. अलपीटो पंचायत के पूर्व सरपंच मितू सिंह 150 रुपये खर्च कर पंचायत चुनाव जीता था. 1977 से 87 तक वे अलपीटो पंचायत का सरपंच रहे. उन्होंने बताया कि चुनाव के समय 150 रुपये खर्च हुए थे. पैदल चल कर प्रचार करते थे. पहले और अब के चुनाव में बहुत अंतर है. पहले लोगों को प्रत्याशियों पर विश्वास रहता था.जनता अपने खर्च से प्रत्याशी के लिए प्रचार करते थे. पंचायत का बड़ा केस थाना जाता था. छोटे-छोटे मामले को पंचायत स्तर पर ही निबटारा कर लिया जाता था. पहले सरकार ने एक सौ रुपये तक आर्थिक दंड लेने का अधिकार सरपंच को दिया था. पंचायत भवन में रिकॉर्ड सभी मामले का रखा रहता था. .
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अलपीटो पंचायत में रोजगार की सुविधा नहीं
अलपीटो पंचायत में रोजगार की सुविधा नहीं 15हैज50 में- चौथा सड़क से हेठली बोदरा गांव को जोड़ने वाली जर्जर सड़क. 15हैज51 में- चौपाल में उपस्थित लोग. विष्णुगढ़. हजारीबाग जिले के अलपीटो पंचायत का विकास पंचायत चुनाव के बाद बहुत ही कम मात्रा में हुआ. इस पंचायत के अंतर्गत चौथा, अलपीटो, अलकोपी, उपरैली बोदरा, हेठली बोदरा, […]
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