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रिकॉर्ड तोड़ राजस्व मिलेगा, कोडरमा-हजारीबाग-रांची रेलवे लाइन से
हजारीबाग रेल लाइन से रेलवे को प्रतिदिन रैक ढुलाई से तीन करोड़ 60 लाख रुपये भाड़ा मिलेगा पैसेंजर ट्रेन कोलकाता, दिल्ली व पटना तक चलेगी तो लाभकारी होगा सलाउद्दीन/हजारीबाग : कोडरमा-हजारीबाग-रांची रेलवे लाइन परियोजना से रेलवे को आशा से अधिक राजस्व की वसूली होगी. यह देश का सर्वाधिक लाभ देने वाला रेल परियोजना बनेगी. शुरुआती […]
हजारीबाग रेल लाइन से रेलवे को प्रतिदिन रैक ढुलाई से तीन करोड़ 60 लाख रुपये भाड़ा मिलेगा
पैसेंजर ट्रेन कोलकाता, दिल्ली व पटना तक चलेगी तो लाभकारी होगा
सलाउद्दीन/हजारीबाग : कोडरमा-हजारीबाग-रांची रेलवे लाइन परियोजना से रेलवे को आशा से अधिक राजस्व की वसूली होगी. यह देश का सर्वाधिक लाभ देने वाला रेल परियोजना बनेगी. शुरुआती दिनों में रेलवे विभाग को भी यह अंदाजा नहीं था कि रेलवे की यह परियोजना इतनी उपयोगी व राजस्व देने वाला होगी. नहीं तो कोडरमा से हजारीबाग तक सिंगल लाइन की यह परियोजना डबल व विद्युतीकरण साथ-साथ होता. रेलवे अधिकारियों की मानें तो वह दिन दूर नहीं. जब कोडरमा-हजारीबाग रेलवे लाइन सभी सुविधाओं से युक्त होगा.
रेलवे को ऐसे मिलेगा सर्वाधिक राजस्व: सीसीएल व अन्य कंपनियों के कोयला खनन का ट्रांसपोर्टिग रेलवे रैक से होगा. सीसीएल के अम्रपाली व मगध कोलियरी इस वर्ष तीन मिलियन टन कोयला उत्पादन करने का लक्ष्य है. अगले वर्ष कोयला उत्पादन क्षमता बढ़ कर 15 मिलियन टन हो जायेगा. इसमें सीसीएल के कोलियरी के अलावा अन्य कंपनी एनटीपीसी चट्टी बारियातु व भी कंपनियां शामिल होगी.
अभी कोयला खनन के बाद ट्रक से कोयला टोरी रेलवे साइड पहुंचता है. शिवपुरी टोरी रेलवे स्टेशन, बरकाकाना रेलवे स्टेशन, खलारी रेलवे सीमेंट फैक्टरी स्टेशन, हटिया रेलवे स्टेशन से कोयला का ट्रांसपोटिंग रैक से होता है. जो उत्पादन की मांग को पूरा नहीं कर पा रहा है.
नौ मिलियन टन कोयला का उत्पादन बढ़ने वाला है. इसका ट्रांसपोटिंग इसी एरिया हजारीबाग कोडरमा से होना है. नयी रेलवे लाइन कोडरमा हजारीबाग शुरू होने से कोयले की ढुलाई रैक से होगी. इस रेलवे लाइन से 10 से 12 रैक प्रतिदिन कोयले की ढुलाई होगी.
तीस लाख रुपये प्रति रैक भाड़ा मिलता है, तो एक दिन में तीन करोड़, 60 लाख भाड़ा राजस्व के रूप में रेलवे को मिलेगा. इसके अलावा देश के विभिन्न पावर प्रोजेक्ट में भी कोयला समय पर पहुंचेगा. देश में बिजली उत्पादन में कोयले की दिक्कत दूर होगी. कोयला का उत्पादन लक्ष्य के अनुरूप होगा.
शिवपुर टोरी रेलवे स्टेशन से हजारीबाग को जोड़ना होगा
शिवपुरी टोरी से हजारीबाग रेलवे लाइन की जरूरत है. इससे हजारीबाग रेलवे लाइन का विस्तार होगा. स्टेशन राजस्व वसूली में भी बढ़ोतरी करेगा. फिलहाल शिवपुर टोरी से रेलवे लाइन बिछ रहा है. जो हजारीबाग स्टेशन आने के बजाय कठौतिया कटकमसांडी से जुड़ने वाला है. हजारीबाग रेलवे स्टेशन शुरू होने के बाद रेलवे का यह प्रस्ताव हजारीबाग से जोड़ने का हो सकता है. ताकि हजारीबाग स्टेशन से कोडरमा तक रैक चल सके.
हजारीबाग से खुलने वाले पैसेंजर ट्रेन भी लाभकारी होंगे
हजारीबाग, रामगढ़ व चतरा से प्रतिदिन कोलकाता दो हजार से अधिक लोग जाते हैं. इसी तरह दिल्ली व अन्य महानगरों में भी काफी संख्या में लोग यात्रा करते हैं. हजारीबाग से रांची जुड़ने पर प्रतिदिन हजारों लोग राजधानी विभिन्न कामों से जायेंगे. ऐसे में पैसेंजर ट्रेन भी अत्यधिक राजस्व देने वाला होगा.
हजारीबाग से कोलकाता, दिल्ली व पटना तक ट्रेन चलायी जाये
हजारीबाग : हजारीबाग रेलवे स्टेशन से कई महत्वपूर्ण ट्रेन को चलाने से रेलवे को राजस्व का फायदा होगा. वहीं हजारीबाग, चतरा व रामगढ़ जिले के विभिन्न प्रखंडों के लोगों को भी यात्रा की सुविधा मिलेगी.
– हजारीबाग से कोलकाता के लिए डबल डेकर(एसी कोच चेयर ट्रेन) चलाने की मांग जनता की है. डबल डेकर में 10 से 12 कोच (सभी एसी) होते हैं. अभी कोलकाता से धनबाद तक डबल डेकर चल रही है. इस ट्रेन का धनबाद से हजारीबाग तक एक्सटेंशन किया जा सकता है.
– हजारीबाग से दिल्ली व दिल्ली से हजारीबाग तक ट्रेन नंबर 22409/2410 आनंद विहार-गरीब रथ एक्सप्रेस (सभी एसी कोच) साप्ताहिक हजारीबाग रेलवे स्टेशन से शुरू हो सकता है. वर्तमान में यह ट्रेन आनंद विहार दिल्ली से सासाराम तक चल रही है. इसे गया, कोडरमा व हजारीबाग स्टेशन तक बढ़ायी जा सकती है. हजारीबाग स्टेशन से ट्रेन शुरू होने पर समय का कोई नुकसान नहीं होगा. क्योंकि हजारीबाग से यह ट्रेन कोडरमा, गया, सासाराम समय से (जो वर्तमान में है) ट्रेन वहां तक पहुंच जायेगी.
– हजारीबाग स्टेशन से तीन स्लीप कोच का डीजल इंजन ट्रेन कोडरमा तक चलायी जा सकती है. जो कोडरमा स्टेशन में ट्रेन नंबर 18626/18625 हटिया-पटना/पटना से हटिया एक्सप्रेस से जुड़ जायेगा.
– हजारीबाग स्टेशन से तीन स्लीप कोच वाला डीजल इंजन ट्रेन (डीएमयू) कोडरमा तक चलायी जाये. कोडरमा स्टेशन में यह तीनों कोच ट्रेन नंबर 18624/18623 हटिया-राजेंद्र नगर पटना व राजेंद्र नगर पटना से हटिया तक चलने वाली एक्सप्रेस से जुड़ जायेगा. इस तरह हजारीबाग के लोग कोडरमा से पटना तक जायेंगे. वहीं पटना से कोडरमा होते हुए हजारीबाग तक आयेंगे.
रेलवे परियोजना 1022 करोड़ से 2900 करोड़ हुई
– अटल बिहारी वाजपेयी ने शिलान्यास किया, नरेंद्र मोदी करेंगे उदघाटन
– शिलान्यास में भी थे व उदघाटन में शामिल होंगे यशवंत सिन्हा
हजारीबाग : कोडरमा-हजारीबाग-रांची रेलवे लाइन का शिलान्यास छह मार्च 1999 में हुआ था. तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी, केंद्रीय वित्त मंत्री यशवंत सिन्हा समेत कई राजनेता उपस्थित थे. उस दौरान यशवंत सिन्हा ने कहा था कि मेरे सपनों की योजना की आधारशिला आज रखी गयी है.
इसे हर हाल में पूरा कराउंगा. 20 फरवरी को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रेलवे परियोजना का उदघाटन करेंगे. रेल परियोजना के शिलान्यास प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के हाथों व उदघाटन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हाथों. दोनों समारोह में यशवंत सिन्हा उपस्थित होंगे.
कोडरमा-हजारीबाग-रांची टाटी सिलवे रेल परियोजना का प्राक्कलन 1022.617 करोड़ से बढ़ कर 2900 करोड़ हुआ- कोडरमा से हजारीबाग, रांची, टाटीसिलवे तक 199.47 किलोमीटर पटरी पर रेल दौड़ाने की योजना है. इस रेल परियोजना के लिए 1998-99 के रेल बजट में प्रावधान किया गया. योजना शुरू होने के समय कोडरमा से रांची तक रेलवे परियोजना का प्राक्कलन 1022.617 करोड़ था.
जो अब बढ़ कर लगभग 2900 करोड़ पहुंच गया है. शुरुआती दिनों में रेलवे को 33 प्रतिशत राशि व झारखंड सरकार को 67 प्रतिशत राशि देनी थी. बाद में यह 50-50 प्रतिशत राशि देने पर सहमति बनीं. कोडरमा से हजारीबाग तक 332 करोड़ प्राक्कलन राशि 935 करोड़ पहुंची. इसी तरह हजारीबाग से बरकाकाना तक प्राक्कलन राशि 307 करोड़ से बढ़ कर 838 करोड़ पहुंची है. बरकाकाना से रांची टाटीसिलवे तक प्राक्कलन राशि 384 करोड़ से बढ़ कर 1126 करोड़ पहुंची.
कोडरमा से हजारीबाग तक 79.61 किमी
परियोजना का पहला चरण कोडरमा से हजारीबाग तक 79.61 किमी ट्रेन शुरू हुआ. अभी कोडरमा से हजारीबाग तक छह बोगी पैसेंजर डीजल ट्रेन चलेगा. प्रधानमंत्री व रेलमंत्री हजारीबाग से धनबाद, गया, कोलकाता व दिल्ली तक ट्रेन चलाने की घोषणा कर सकते हैं.
कोडरमा-हजारीबाग से बरकाकाना तक इस साल ट्रेन चलेगी
परियोजना के दूसरे चरण में कोडरमा से हजारीबाग-बरकाकाना तक छह माह के अंदर ट्रेन चलनी शुरू हो जायेगी. हजारीबाग से बरकाकाना तक 79.61 किमी से 136.74 किमी तक रेल चलनी है. 57.13 किमी तक रेल पटरी का विस्तार हो जायेगा. हजारीबाग से बरकाकाना तक छह रेलवे स्टेशन होंगे. सभी स्टेशन का भवन बन गया है. छह बड़े पुल का निर्माण कार्य को पूरा करना है.
57.13 किमी में से मात्र 10 किमी पटरी और बिछायी जानी है. राज्य सरकार से लगभग 400 करोड़ रुपये उपलब्ध होते ही अधूरे कार्य अब तेजी से पूरे हो जायेंगे. इस वर्ष 2015 में बरकाकाना तक ट्रेन चलना लगभग तय है.
कोडरमा से रांची तक 23 स्टेशन
कोडरमा से रांची टाटीसिलवे तक 24 स्टेशन होंगे. कोडरमा स्टेशन के बाद पहला स्टेशन 7.8 किलोमीटर पर पिपराडीह स्टेशन, दूसरा 13.50 किमी पर उरवां स्टेशन, तीसरा 22.40 किमी पर बरही स्टेशन, चौथा 34.80 किमी पर पदमा स्टेशन, पांचवां 42.20 किमी पर कुरहागढ़ा स्टेशन, छठा 49.50 किमी पर कठौतिया स्टेशन, सातवां 55.55 किमी पर कटकमसांडी स्टेशन, आठवां 72.60 किमी पर कंडसार स्टेशन, नौवां 79.61 किमी पर हजारीबाग स्टेशन, दसवां 89.60 किमी पर बेस स्टेशन, 11वां 107.00 किमी पर चरही स्टेशन, 12वां 112.49 किमी पर मांडू स्टेशन, 13वां 122.20 किमी पर कुज्जू स्टेशन, 14वां 133.38 किमी पर अरगड्डा स्टेशन, 15वां 136.74 किमी पर बरकाकाना स्टेशन, 16वां 143.14 किमी पर शिवधर स्टेशन, 17वां 153.84 किमी पर हेहल स्टेशन, 18वां 165.4 किमी पर दरिदाग स्टेशन, 19वां 169.85 किमी पर सानिली स्टेशन, 20वां 176.34 किमी झंझीटोली स्टेशन, 21वां 183.31 किमी पर हुनरू स्टेशन, 22वां 191.05 किमी पर बीआइटी मेसरा स्टेशन, 23वां 199.47 किमी पर टाटीसिलवे स्टेशन बनाया जा रहा है.
यात्री ट्रेन से बनें रेलवे लाइन की पहचान
बरही : बरही के लोगों का रेल का सपना पूरा होने जा रहा है. 20 फरवरी से यहां के ग्रामीण बरही में रेल चलते हुए देख सकेंगे. इस नयी रेल लाइन पर रेल यात्रा कर सकेंगे. यह उनका वर्षों पुराना सपना था. रेल विभाग ने अभी हजारीबाग-कोडरमा नवनिर्मित रेल लाइन पर मात्र दिन भर में दो फेरा पैसेंजर ट्रेन चलाने की घोषणा की है.
जनता चाहती है कि पैसेंजर ट्रेन के अलावा हजारीबाग से भाया बरही कोडरमा फिलहाल कम से कम चार एक्सप्रेस ट्रेन चलायी जाये. लोगों की सुविधा के अनुसार हजारीबाग-रांची, हजारीबाग-पटना, हजारीबाग-कोलकता व हजारीबाग-नयी दिल्ली तक भाया बरही तक सुपर फास्ट ट्रेन चलें. अभी लोगों को ट्रेन पकड़ने के लिए 22 किमी दूर कोडरमा स्टेशन जाना पड़ता है. रात के समय बरही से कोडरमा आने-जाने के लिए वाहन भी नहीं मिलते हैं. बरही के व्यवसायी गण दिल्ली व कोलकाता से भी व्यवसाय करते हैं. बरही स्टेशन से एक्सप्रेस ट्रेन की सुविधा मिलने पर ही यह नयी रेल लाइन उनके लिए लाभदायक हो सकेगा.
यात्री ट्रेन से रेलवे लाइन की पहचान बनें: यात्राी ट्रेन पर्याप्त संख्या में नहीं चलाये जाने व केवल कोयला ढ़ोने के लिए मालगाड़ी चलाये जाने से आम लोगों का रेल का सपना पूरे नहीं होगा. इस नयी रेल लाइन का उपयोग झारखंड से कोयला व खनिज संपदा बाहर ले जाने के लिए हो. लेकिन यात्राियों के लिए भी ट्रेन उसी मात्र में होनी चाहिए.
रेल बचाओ संघर्ष मोरचा ने किया था आन्दोलन: हजारीबाग-कोडरमा नयी रेल लाइन का श्रेय लोग वरिष्ठ भाजपा नेता व पूर्व केंद्रीय मंत्री यशवंत सिन्हा को देंगे.
साथ ही साथ बरही रेल बचाओ संघर्ष मोरचा का भी आंदोलन है. खासकर बरही के संदर्भ में. बरही के लोग यह नहीं भूले हैं कि कोडरमा-रांची लाइन का स्थान पर्वितन हो गया था. झारखंड के पहले मुख्यमंत्री कोडरमा-रांची रेल लाइन को बदल कर कोडरमा के बजाय गिरिडीह से सरिया बगोदर-हजारीबाग होते हुए रांची ले जाने की स्वीकृति दे दी थी. मगर बरही के लोग इस पर्वितन के विरोध में सड़क पर उतर आये थे. बरही रेल बचाओ संघर्ष मोरचा बना कर धारावाहिक आंदोलन चलाया था. कोडरमा-रांची रेल लाइन पूर्व निर्धारित योजना के अनुसार पूरी हो सकी है.
बरही चौक से एक किमी पर रेलवे स्टेशन: बरही चौक से एक किमी की दूरी पर स्थित है बरही रेलवे स्टेशन. पश्चिम दिशा लगभग 400 सौ मीटर ओल्ट जीटी रोड पर बढ़ने के बाद बरही रेलवे स्टेशन का विहंगम दृश्य दिख पड़ता है. रिक्शा व ऑटो रिक्शा से पहुंचा जा सकता है. स्टेशन राजस्व ग्राम बरहीडीह में स्थित है.
पूरा नहीं हुआ है स्टेशन रोड: ओल्ड जीटी रोड से स्टेशन तक रोड का निर्माण चल ही रहा है. स्टेशन परिसर में स्टाफ क्वार्टर निर्माणाधीन है.
नहीं मिला पूरा मुआवजा: सुदामा देवी (पति- सच्चिदानंद सिंह) का व्यवसायिक भवन रेल सीमा के अंर्तगत अभी भी मौजूद है. भवन लगभग तीन डिस मील भूमि पर है. सुदामा देवी का कहना है कि मेरा मकान तोड़ दिया जायेगा. तो मैं विस्थापित हो जाउंगी. रहने के लिए मेरे पास अन्य जमीन व मकान भी नहीं है. मकान व जमीन का मुआवजा भी बहुत कम मिला. मुङो और मुआवजा व नौकरी दी दिया जाए.
नौकरी दी जाए.जाये.
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