हजारीबाग : नवाबगंज स्थित चिल्ड्रेन अस्पताल में इलाज के दौरान नवजात शिशु की मौत के बाद परिजनों ने जम कर बवाल काटा. नवजात शिशु के इलाज में लापरवाही बरतने का आरोप परिजनों ने चिकित्सक पर लगाया. सुबह आठ बजे से दोपहर दो बजे तक अस्पताल को बंद करा दिया गया. अस्पताल से चिकित्सक व स्वास्थ्यकर्मी फरार हो गये. घटना की सूचना पाते ही सदर पुलिस चिल्ड्रेन अस्पताल पहुंची. पुलिस के प्रयास से परिजन शांत हुए. परिजनों ने बताया कि डॉ मनोज के खिलाफ सदर थाना में आवेदन दिया गया है.
क्या है मामला : इचाक थाना क्षेत्र के असिया गांव निवासी उमेश कुमार मेहता के नवजात शिशु का जन्म घर में हुआ. छह जुलाई को शिशु बीमार हो गया. इसी दिन 11 बजे रात को शिशु को लेकर चिल्ड्रेन अस्पताल में भरती कराया गया. उमेश कुमार मेहता ने बताया कि रात में कोई चिकित्सक शिशु के इलाज के लिए नहीं पहुंचा. सात जुलाई को शिशु की स्थिति में सुधार आया. शिशु के पिता ने शिशु की छुट्टी कराने की मांग की. अस्पताल के चिकि त्सक मनोज सिंह ने शिशु को जांच कराने के लिए लिखा.
जांच में पीलिया निकला. चिकित्सक ने बच्चे को फोटोथेरेपी (वार्मर) में रखा. बार-बार चिकित्सक से कहा गया कि इसे इलाज के लिए बाहर ले जाना है, छुट्टी दे दीजिए. चिकित्सक ने शिशु को इलाज कराने के लिए छुट्टी नहीं दी. नौ जुलाई को शिशु की छुट्टी कराने को लेकर चिकित्सक के साथ परिजनों की तू-तू-मैं-मैं हुई. 10 जुलाई को सुबह सात बजे शिशु ने दम तोड़ दिया. इसके बाद परिजन व ग्रामीण आक्रोशित हो गये और हंगामा मचाया.
सदर थाना प्रभारी डीएन आजाद ने कहा कि चिल्ड्रेन अस्पताल में इलाज के दौरान नवजात शिशु की मौत हो गयी. इसके बाद परिजन हो-हंगामा करने लगे. सदर पुलिस की एक टीम घटनास्थल पर पहुंची. परिजनों को समझा-बुझा कर शांत कराया गया. डॉ मनोज कुमार सिंह और मृतक के परिजन थाना पहुंचे. थाना प्रभारी ने बताया कि किसी पक्ष ने थाना में लिखित शिकायत नहीं की है. दोनों पक्ष के लोग थाना से वापस चले गये.