बड़कागांव : हजारीबाग के चिरूडीह में एक अक्तूबर 2016 को पुलिस की गोली से चार लोगों की मौत के मामले में बड़कागांव थाना में गुरुवार को मामला दर्ज कराया गया. बड़कागांव थाना कांड संख्या 141-18 में पुलिस फायरिंग में चार लोगों की मौत के मामले में हजारीबाग के डीसी रविशंकर शुक्ला, एनटीपीसी के तत्कालीन जीएम समेत 24 लोग नामजद हैं.
घटना के बाद तत्कालीन एसडीजीएम ऋचा श्रीवास्तव ने 22 मार्च 2017 को बड़कागांव थाना में मामला दर्ज कर अनुसंधान करने का निर्देश दिया था. बाद में हाइकोर्ट में विधायक निर्मला देवी द्वारा दायर क्रिमिनल रिट याचिका 145/18 पर कोर्ट नंबर चार में पांच सितंबर को सुनवाई हुई. कोर्ट ने सरकारी अधिवक्ता से इस मामले पर जवाब मांगा है.
हाइकोर्ट के जवाब मांगते ही मामला दर्ज : इधर हाइकोर्ट के जवाब मांगते ही बड़कागांव पुलिस ने डेढ़ साल बाद मामला दर्ज कर लिया. पुलिस ने धारा 210 को भी व्यवहार में नहीं लाया.
वहीं निर्मला देवी के शपथ पत्र के अनुसार आरोपियों में डीसी रविशंकर शुक्ला, एएसपी कुलदीप कुमार, नारायण विज्ञान प्रभाकर, सीओ शैलेश कुमार, एसडीपीओ प्रदीप पल कच्छप, इंस्पेक्टर अखिलेश कुमार सिंह, सब इंस्पेक्टर अकील अहमद, सुदामा दास, परमानंद मेहरा समेत एनटीपीसी और त्रिवेणी सैनिक माइनिंग कंपनी के पदाधिकारी शामिल हैं. पुलिस ने इन्ही आरोपियों को नामजद बनाया है.
क्या है मामला
सितंबर, 2016 में चिरूडीह में कफन सत्याग्रह चलाया जा रहा था. इसका नेतृत्व विधायक निर्मला देवी कर रही थीं. 29-30 सितंबर को सत्याग्रह के बाद एक अक्तूबर 2016 को पुलिस ने निर्मला देवी को हिरासत ले लिया, लेकिन समर्थकों ने विधायक को पुलिस हिरासत से छुड़ा लिया.
इस पर मामला भड़क गया. पुलिस और आंदोलन कर रहे लोगों में झड़प हो गयी. भीड़ ने पुलिस पर पथराव किया, तो पुलिस ने फायरिंग की. इस गोलीकांड में चार युवक अभिषेक राय, महताब आलम, पवन साव और रंजन राम की मौत हो गयी थी. वहीं कई लोग घायल हो गये थे.
तत्कालीन डीडीसी थे डीसी के प्रभार में
चिरूडीह सत्याग्रह व गोलीकांड के दिन तत्कालीन डीसी रविशंकर शुक्ला दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के इंडोसाइन कॉन्फ्रेंस में भाग लेने गये हुए थे.
29-30 सितंबर को दिल्ली में प्रधानमंत्री के कार्यक्रम में रविशंकर शुक्ला ने प्रतिवेदन भी प्रस्तुत किया था. चिरूडीह गोली की घटना एक अक्तूबर को घटी थी. उस दिन हजारीबाग के डीसी का प्रभार डीडीसी राजेश पाठक के पास था, जबकि हाइकोर्ट में दिये गये शपथ पत्र में विधायक निर्मला देवी ने कहा है कि घटना के दिन नामित आरोपियों के साथ उपायुक्त रविशंकर शुक्ला भी मौजूद थे.