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जेपी केंद्रीयकारा में जून से शुरू होगी स्नातक की पढ़ाई

जेल में ही खुलेगा इग्नू का स्टडी सेंटर 25 बंदियों के साथ स्नातक का नया बैच शुरू होगा शंकर प्रसाद हजारीबाग :जेपी केंद्रीयकारा के बंदी स्नातक की पढ़ाई करेंगे. इनके लिये जेल में ही इग्नू का सेंटर खुलेगा. जेल अधीक्षक हमीद अख्तर ने कहा कि बंदियों की पढ़ाई जून 2018 से शुरू होगी. सेंटर खोलने […]

जेल में ही खुलेगा इग्नू का स्टडी सेंटर
25 बंदियों के साथ स्नातक का नया बैच शुरू होगा
शंकर प्रसाद
हजारीबाग :जेपी केंद्रीयकारा के बंदी स्नातक की पढ़ाई करेंगे. इनके लिये जेल में ही इग्नू का सेंटर खुलेगा. जेल अधीक्षक हमीद अख्तर ने कहा कि बंदियों की पढ़ाई जून 2018 से शुरू होगी. सेंटर खोलने की सारी प्रक्रियाएं पूरी कर ली गयी हैं. 25 बंदियों के साथ स्नातक का नया बैच जून से ही शुरू हो जायेगा. वैसे बंदियों की जांच की जा रही है जो इंटर पास है. स्नातक करनेवालों की संख्या बढ़ भी सकती है. जेल प्रशासन की इस पहल को सराहा जा रहा है. जेल में बंद मैट बनाने वाले जूट लूम को भी चालू किया गया है
कई वर्षों से यह लूम बंद था. जेल के अंदर बागवानी को बढ़ावा देने की भी योजना है. जेल अधीक्षक ने कहा कि जेल परिसर में पपीता एवं अन्य फलदार पौधे लगाये जायेंगे. यहां से उत्पादन कर खुले बाजार में बेचा जायेगा. इसके अलावा जेल में कई छोटे बड़े औद्योगिक इकाई लगी हैं. इसमें कुशल शिल्पकार व कारीगारों को रोजगार से जोड़ा गया है. इससे बंदियों को रोजगार तो मिल रहा है, साथ ही जेल को भी आंतरिक आमदनी हो रही है.
जेल में 192 कक्षपालों की जगह मात्र 74 कक्षपाल
जेल में कक्षपाल के स्वीकृत पद 192 है. विभागीय कक्षपाल 38 हैं और पूर्व सैनिक कक्षपाल 36 हैं. इस तरह जेल में कुल 118 कक्षपालों का पद खाली है. वहीं सहायक जेलर का आठ पद स्वीकृत है. जबकि वर्तमान में एक ही सहायक जेलर है. जेल में अतिरिक्त सुरक्षा की व्यवस्था के तौर पर जैप की एक कंपनी महिला सिपाही प्रतिनियुक्त हैं, जो जेल के बाहरी हिस्से की देखरेख करती हैं. वॉच टॉवर से जैप की महिला बल जेल की निगरानी करते हैं. बंदियों की स्वास्थ्य जांच के लिये तीन चिकित्सकों का पद स्वीकृत है. इनमें एक चिकित्सक प्रतिनियुक्ति पर कार्यरत है, जो जेल में बंद लगभग 2000 कैदियों के स्वास्थ्य की जांच करते हैं. महिला बंदियों की जांच के लिये कोई महिला चिकित्सक नहीं है. महिला चिकित्सक नहीं होने के कारण जेल की महिला बंदियों के स्वास्थ्य की जांच करने में परेशानी होती है.
1716 बंदियों में लगे 74 सुरक्षाकर्मी
जेपी केंद्रीयकारा में बंदियों को रखने की क्षमता 1990 है. जबकि वर्तमान में बंदियों की संख्या 1716 हैं, जिनमें 40 से अधिक नक्सली बंद हैं. 10 से अधिक कुख्यात अपराधी हैं. इस जेल में बिहार के कई बंदी भी शामिल हैं. राज्य के अन्य जिले के बंदी को भी इस जेल में रखा गया है. सुरक्षा की दृष्टि से इतने बंदियों के अनुपात में सुरक्षाकर्मी कम है. औसतन 190 बंदियों की सुरक्षा की जिम्मा एक सुरक्षाकर्मी पर है. यह आठ घंटे की पालियों में बंटा है. इस प्रकार प्रति पाली में नौ सुरक्षा कर्मी 1716 बंदियों की सुरक्षा में लगे हैं.
सीसीटीवी व जैमर लगाया गया है
सुरक्षा की दृष्टि से जेल के अंदर 242 सीसीटीवी कैमरे लगे हैं. जिससे पूरे जेल व सभी बंदियों की निगरानी की जाती है. जेल के प्रमुख स्थानों पर लगे सीसीटीवी का मॉनीटरिंग जेल अधीक्षक व जेलर करते हैं. इसी तरह जेल के अंदर तीन जैमर लगाया गया है. जैमर चालू रहने से जेल के अंदर से कोई भी बंदी व अन्य व्यक्ति मोबाइल से बातचीत नहीं कर सकता है.

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