ग्रामीणों का कहना था कि जब तक मिथिलेश सिंह को हटा कर ग्रामीणों की भागीदारी से चुनाव नहीं होता, तब तक स्कूल का ताला नहीं खुलेगा.
समिति के गठन में मुखिया द्वारा अनिमितता बरती गयी. मुखिया ने अपने पद का दुरुपयोग कर चयनित सदस्यों का नाम काट कर पंचायत से बाहर के अपने रिश्तेदार को सदस्य बनाया. विरोध करने पर बबली देवी, गंगिया देवी, सरिता देवी, बिरनी देवी, संगीता देवी, किरण देवी, रेणु देवी, आरती देवी, मुनिया देवी, बैजंती देवी, शिवरानी देवी, बबिता देवी, सोनिया देवी आदि के साथ अभद्र व्यवहार किया. इधर, मुखिया ने उनके ऊपर लगाये गये आरोपों को निराधार बताया है. उन्होंने कहा कि चुनाव पारदर्शिता के साथ हुआ था.