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रणनीति के तहत काम करें : डीआइजी
तीन जिला के एसपी को टास्क. पीएलएफआइ का करें सफाया गुमला, सिमडेगा व खूंटी जिला के सीमावर्ती गांवों में पीएलएफआइ के सफाये तक चलेगा ऑपरेशन. गुमला : गुमला, सिमडेगा व खूंटी जिला के एसपी को पीएलएफआइ का सफाया करने का टास्क मिला है. तीनों जिला के सीमावर्ती गांव में पुलिस का संयुक्त ऑपरेशन लांच भी […]
तीन जिला के एसपी को टास्क. पीएलएफआइ का करें सफाया
गुमला, सिमडेगा व खूंटी जिला के सीमावर्ती गांवों में पीएलएफआइ के सफाये तक चलेगा ऑपरेशन.
गुमला : गुमला, सिमडेगा व खूंटी जिला के एसपी को पीएलएफआइ का सफाया करने का टास्क मिला है. तीनों जिला के सीमावर्ती गांव में पुलिस का संयुक्त ऑपरेशन लांच भी कर दिया गया है. जब तक इन क्षेत्रों से पीएलएफआइ का सफाया नहीं हो जाता है, पुलिस का ऑपरेशन बंद नहीं होगा. गुमला के बसिया प्रखंड पहुंचे डीआइजी अमोल विनुकांत होमकर ने तीनों जिला के एसपी काे टास्क देते हुए कहा है कि रणनीति के तहत काम करें और नक्सलियों को करारा जवाब दें. उन्होंने कहा है कि नक्सलियों ने जिस प्रकार कायरतापूर्ण काम किया है, उसका जवाब देना है.
बैठक में गुमला एसपी चंदन कुमार झा, सिमडेगा एसपी राजीव रंजन, खूंटी जिला के एसपी अश्विनी कुमार सिन्हा, एसटीएफ के एसपी, एसडीपीओ बच्चनदेव कुजूर सहित कई वरीय पुलिस पदाधिकारी मौजूद थे. बैठक में सिमडेगा जिला के बानो अंतर्गत महाबुआंग में पीएलएफआइ के साथ मुठभेड़ में थाना प्रभारी व पुलिस जवान के शहीद होने के संबंध में चर्चा की गयी. इसके बाद तीनों जिला के सीमावर्ती गांवों में नक्सलियों की उपस्थिति, सहयोग करने वालों व अन्य बिंदुओं पर जानकारी ली गयी.
नक्सली अभी भी जमे हुए हैं : पीएलएफआइ का सेफ जोन गुमला, सिमडेगा व खूंटी जिला है. कुछ इलाका रांची जिला का भी सटता है. इन चारों जिले के सीमावर्ती गांव एक-दूसरे से सटते हैं और जंगली इलाका है. यही वजह है कि पीएलएफआइ के नक्सली इस क्षेत्र में घटना को अंजाम देने के बाद एक क्षेत्र से दूसरे क्षेत्र में आसानी से आते-जाते हैं. ऐसे कामडारा, रनिया, बानो, बसिया व तोरपा में पीएलएफआइ सबसे ज्यादा सक्रिय हैं. पुलिस को जिस प्रकार की सूचना मिली है उसके अनुसार, महाबुआंग में नक्सली घटना को अंजाम देने के बाद उसी क्षेत्र में भ्रमणशील हैं.
पहली बार पीएलएफआइ हावी हुआ : सिमडेगा व गुमला के सीमावर्ती पर स्थिम महाबुआंग में पहली बार पीएलएफआइ हावी हुआ है. वह भी किसी थानेदार पर हमला. इससे पहले जितनी बार भी पुलिस व पीएलएफआइ के बीच मुठभेड़ हुई है, नक्सलियों को पीछे हटना पड़ा है.
यही वजह है कि वर्ष 2015 के जून माह से लेकर अबतक गुमला पुलिस ने 50 से अधिक नक्सलियों को गिरफ्तार किया है. 40 से अधिक हथियार व 250 गोली बरामद कर चुकी है. ऐसे सिमडेगा में भी पुलिस को लगातार सफलता मिली है. पुलिस ने कई नक्सलियों को मुठभेड़ में मार गिराया है, लेकिन महाबुआंग की घटना में पुलिस को हार मिली है. इसका जवाब देने के लिए अब पुलिस ने कमर कस ली है.
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