वर्षात-2016
एक साल में नक्सलियों ने 17 लोगों की हत्या कर दी. जवाब में पुलिस ने दो शीर्ष नेताओं को मुठभेड़ में मार गिराया. पुलिस दो नक्सलिसयों को मुख्यधारा से जोड़ने में सफल रही है.
गुमला : गुमला जिले में पुलिस व नक्सलियों के बीच पूरे वर्ष आंख मिचौनी का खेल चलता रहा. कभी पुलिस, तो कभी नक्सली हावी होते रहे. ऐसे देखा जाये, तो नक्सलियों ने विभिन्न घटनाओं में 17 लोगों की हत्या कर दी. जवाब में पुलिस ने भाकपा माओवादी के दो शीर्ष नेता संजय यादव व आशीष यादव को मार गिरा कर इनाम की राशि प्राप्त करने में सफल रही है. वर्ष 2016 पुलिस के लिए इस मायने में अच्छा रहा कि कहीं भी नक्सली पुलिस को नुकसान नहीं पहुंचा सकी है. हालांकि एक साल में कई बार पुलिस व नक्सली आमने-सामने रहे. दोनों में मुठभेड़ भी हुई. एके-47 व कई अत्याधुनिक हथियारों का इस्तेमाल मुठभेड़ में हुआ, लेकिन पुलिस को कहीं खरोंच तक नहीं आयी.
अनुभवी एसपी भीमसेन टुटी के बाद जमशेदपुर से नक्सल क्षेत्र गुमला आये युवा एसपी चंदन कुमार झा ने रणनीति के तहत काम किया. जिसका नतीजा है कि भाकपा माओवादी के एक-एक लाख रुपये के इनामी दो नक्सलियों ने पुलिस के समक्ष आत्मसमर्पण किया. गुमला जिले में सक्रिय भाकपा माओवादी व पीएलएफआइ ने अपने-अपने क्षेत्र में उत्पात मचाने का प्रयास किया, लेकिन पुलिस की लगातार छापामारी के कारण नक्सली अपने मंसूबों पर सफल नहीं हो सके. ऐसे बसिया में पीएलएफआइ ने एक ही साथ चार मजदूरों की हत्या कर राज्य को हिला दिया था. वहीं माओवादी लगातार चुन-चुन कर कुछ लोगों की हत्या कर अपनी उपस्थिति दर्ज कराते रहे. पुलिस रिकॉर्ड के अनुसार, माओवादियों ने इस साल 17 घटनाओं को अंजाम देते हुए 17 लोगों को मार गिराया है. सबसे अच्छी बात रही कि अपनी सुरक्षा के लिए ग्रामीणों भी हथियार उठाये और एक नक्सली को मार गिराया.
पीएलएफआइ यहां हावी रहा है
29 मार्च 2016 को पीएलएफआइ ने सिसई व बसिया के बॉर्डर पर स्थित ओकबा पुल में बम लगाया था, ताकि पुलिस को क्षति पहुंचा सके. पर मंसूबा फेल हो गया, पुलिस ने बम बरामद कर लिया.
17 मार्च 2016 को बसिया थाना क्षेत्र के गुड़ाम गांव में सड़क बना रहे चार मजदूरों को गोलियों से भून दिया.
27 मई 2016 को बसिया थाना क्षेत्र के द्वारसेनी में पीएलएफआइ के उग्रवादियों ने राजू केरकेट्टा व अजय सिंह को गांव से उठा कर ले गये और उनकी हत्या कर दी.
माओवादी के खिलाफ पुलिस को मिली सफलता
23 फरवरी 2016 को पालकोट थाना क्षेत्र के कांदेबेड़ा जंगल में मुठभेड़ में दस लाख रुपये का इनामी कमांडर संजय यादव उर्फ यतीन को मार गिराया.
16 मार्च 2016 को चैनपुर थाना के दरकाना गांव से सबजोनल कमांडर सोमरा उरांव को गिरफ्तार किया. वह पत्नी से मिलने आया था.
11 सितंबर 2016 को पालकोट थाना क्षेत्र के बोराडीह जंगल में 25 लाख रुपये का इनामी नक्सली सैक सदस्य आशीष यादव उर्फ आशीष दा पुलिस मुठभेड़ में मारा गया.
24 अक्तूबर 2016 को पालकोट थाना क्षेत्र के बोराडीह जंगल में पुलिस मुठभेड़ में जान बचा कर भागे नक्सली अजीत खड़िया को गिरफ्तार किया.
माओवादी यहां हावी रहा है
25 फरवरी 2016 को नक्सलियों ने लोहरदगा के युवक बिंदेश्वर गोप की बनालात पिकेट के समीप हत्या कर दी.
25 मई 2016 को गुमला थाना क्षेत्र के आंजन गांव में माओवादियों ने डीलर एतेश्वर उरांव की हत्या कर दी.
30 मई 2016 को चैनपुर थाना क्षेत्र में स्पेशल ब्रांच के सिपाही बदरीनाथ तिवारी उर्फ विनोद तिर्की की हत्या कर दी.
16 सितंबर 2016 को बिशुनपुर के कठठोकवा के वार्ड पार्षद करमा उरांव की हत्या कर दी. शव को गुमला लाने नहीं दिया. गांव में ही ग्रामीणों ने शव को जला दिया.
23 अक्तूबर 16 को पालकोट के खड़पानी में ग्रामीण चिकित्सा नंदलाल सिंह व पूर्व वार्ड सदस्य फ्लोरेंस सोरेंग को घर से उठा कर ले गये और गोली मार कर हत्या कर दी.
12 दिसंबर 2016 को गुमला के लुटो गांव निवासी पशु व्यवसायी सह किसान रसूल अंसारी की एसपीओ के शक में गोली मार कर हत्या कर दी.
31 अक्तूबर 2016 को घाघरा थाना के सेहल सेमरटोली निवासी सुगंबर उरांव को जेजेएमपी का समर्थक बता कर हत्या कर दी.
पीएलएफआइ के खिलाफ पुलिस को मिली है
15 मार्च 2016 को रायडीह थाना क्षेत्र के भलमंडा गांव से हार्डकोर उग्रवादी रघु खड़िया पकड़ाया.
25 मार्च 2016 को पालकोट के बोरहाडीह से करम सिंह व ललित सिंह को पकड़ा गया.
12 मार्च 2016 को बसिया थाना क्षेत्र के चरका टांगर से एरिया कमांडर पारस राम पकड़ाया.
27 जून 2016 को गुमला के जामटोली से पीएलएफआइ का एरिया कमांडर मिठू गोप पकड़ाया. दो राइफल व पिस्तौल मिला.
10 जुलाई 2016 को कामडारा के पोकला रेलवे फाटक से पुलिस ने सक्रिय सदस्य भरत मांझी को पकड़ा.
23 जुलाई 2016 को बसिया से गोपालपुर गांव के ललित किंडो व आरया गांव के दिलीप गोप को गिरफ्तार किया.
25 जुलाई 2016 को कामडारा के पकरा रेलवे स्टेशन से एरिया कमांडर सहदेव राम गिरफ्तार. सात लोगों की हत्या की थी.
18 अगस्त 2016 को पालकोट के कुलबीर से सक्रिय सदस्य गोनू साहू दो राइफल के साथ गिरफ्तार हुआ.
10 सितंबर 2016 को पालकोट के दतली डैम के समीप से एरिया कमांडर कुंवर गोप समेत छह उग्रवादी तीन पिस्तौल, गोली व परचा के साथ गिरफ्तार.
बिशुनपुर प्रखंड के जमटी व बनालात की घटना
28 फरवरी 2016 : भाकपा माओवादी के शीर्ष नेता नकुल यादव ने बिशुनपुर प्रखंड के जमटी गांव में बैठक कर एक-एक बच्चे मांगे थे.
28-29 फरवरी व एक मार्च : बच्चे नहीं देने पर नकुल ने जमटी गांव को नजरबंद कर दिया था. गांव में ही नक्सली कैंप करने लगे थे.
चार मार्च 2016 : रेहेलदाग गांव में सबजोनल कमांडर मदन यादव व निरासी में जोनल सचिव बलराम उरांव के घर की कुर्की जब्ती की गयी.
सात मार्च 2016 : बिशुनपुर प्रखंड के जमटी व कटिया गांव में नक्सलियों का फरमान था. 250 रुपये दो, तब सूखी लकड़ी ले जाने देंगे.
26 मार्च 2016 : राज्य के डीजीपी डीके पांडेय बिशुनपुर प्रखंड पहुंचे. जोरी गांव में पुलिस कैंप का उद्घाटन किया. 24 बच्चों से मिले.
16 अप्रैल 2016 : बिशुनपुर प्रखंड में पुलिस प्रशासन ने नक्सलियों से पहले दो सौ बच्चों को अपने संरक्षण में ले स्कूल में दाखिला कराया.
आत्मरक्षा : ग्रामीणों ने भी उठाया हथियार
13 अक्तूबर 2016 को गुमला थाना से 21 किमी दूर कसीरा गांव निवासी मोबाइल दुकानदार रमेश साहू को मारने आये पीएलएफआइ के एक उग्रवादी को ग्रामीणों ने मार डाला. यहां एक महिला ने साहस का परिचय दिया था. उसने खुद उग्रवादी को पकड़ा और मार गिराया.
अच्छी खबर : मुख्यधारा से जुड़े दो नक्सली
24 नवंबर 2016 को भाकपा माओवादी के मारक दस्ता के दो सक्रिय सदस्य सारूबेड़ा गांव के दीपक उरांव उर्फ दीपक कुजूर व चीरोडाड़ गांव के सुशील मिंज ने पुलिस के समक्ष आत्मसमर्पण किया. इन दोनों पर सरकार ने एक-एक लाख रुपये का इनाम रखा है. दोनों माओवादी के शीर्ष नेता विनोद पंडित के दस्ते में थे. 12 सितंबर को बोराडीह जंगल में पुलिस मुठभेड़ में दीपक बच गया था.