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दोषी प्रतिनिधियों पर होगी प्राथमिकी
कूड़ादान, बस पड़ाव, राजस्व वसूली सहित अन्य मामलों में लाखों रुपये का हेराफेरी व गरीब लाभुकों से घूस लिया गया है. एसडीओ की जांच में पुष्टि हो गयी है. डीसी ने प्राथमिकी दर्ज करने का निर्देश जारी किया. दुर्जय पासवान गुमला : नगर पंचायत गुमला में व्याप्त भ्रष्टाचार की शिकायत की जांच पूरी हो गयी […]
कूड़ादान, बस पड़ाव, राजस्व वसूली सहित अन्य मामलों में लाखों रुपये का हेराफेरी व गरीब लाभुकों से घूस लिया गया है. एसडीओ की जांच में पुष्टि हो गयी है. डीसी ने प्राथमिकी दर्ज करने का निर्देश जारी किया.
दुर्जय पासवान
गुमला : नगर पंचायत गुमला में व्याप्त भ्रष्टाचार की शिकायत की जांच पूरी हो गयी है. इसमें नगर पंचायत के कई लोग दोषी पाये गये हैं. इन लोगों के खिलाफ नामजद प्राथमिकी दर्ज होगी. डीसी श्रवण साय ने कई चरणों में जांच कराने के बाद भ्रष्टाचार का मामला सही पाये जाने पर जांच का आदेश दिया है. सभी दोषियों पर एक सप्ताह के अंदर केस होगा. डीसी श्रवण साय ने बताया कि कूड़ादान खरीद, बस पड़ाव, राजस्व वसूली व मलीन बस्ती आवास योजना में ली गयी घूस की शिकायत व एसडीओ केके राजहंस द्वारा की गयी जांच के बाद एफआइआर करने का आदेश जारी किया गया है. जिन लोगों पर प्राथमिकी दर्ज होनी है.
उन सभी नगर पंचायत के प्रतिनिधियों की सूची तैयारी हो गयी है. नगर पंचायत के कार्यपालक पदाधिकारी के माध्यम से केस दर्ज कराया जायेगा. डीसी ने कहा कि भ्रष्टाचार की लगातार मिल रही शिकायत के बाद टीम बना कर नगर पंचायत के कार्यो की जांच करायी गयी थी. इसमें भ्रष्टाचार की पुष्टि हो गयी है. जांच टीम ने जांच रिपोर्ट प्रस्तुत कर दिया. इसके बाद आगे की कार्रवाई शुरू कर दी गयी है. नगर पंचायत में जो भी दोषी हैं. सभी फंसेंगे. इस संबंध में नगर पंचायत के कार्यपालक पदाधिकारी रामाशंकर राम ने बताया कि डीसी के माध्यम से एफआइआर करने के लिए पत्र प्राप्त हुआ था. उस समय किसपर प्राथमिकी दर्ज करनी थी, उसमें नाम दर्ज नहीं था. इसलिए डीसी से मंतव्य मांगा गया था कि किस पर केस करना है. डीसी के पास जैसे ही दोबारा पत्र मेरे पास आयेगा, केस दर्ज किया जायेगा.
इन मामलों में हुआ था गड़बड़झाला
गुमला में 117 कूड़ादान खरीद में भारी घोटाला हुआ था. जो कूड़ादान गुमला में सस्ती दर पर मिल जाता, उसे पटना से ऊंचे दाम में खरीदा गया. 43 हजार व 33 हजार रुपये प्रतिपीस कूड़ादान खरीदा गया था. 48 लाख रुपये का कूड़ादान खरीद हुआ था. उसमें कई प्रतिनिधियों ने कमीशन खाया था.
बस पड़ाव, टेंपो स्टैंड व सब्जी मार्केट के टेंडर नहीं निकाल कर विभागीय कर उसमें भारी घोटाला किया गया था. इसमें लाखों रुपये का घोटाला हुआ है. मलीन बस्ती आवास योजना में कमीशन लेकर घर दिया गया था. इसमें कई लोगों का अभी तक घर नहीं बना. लेकिन पूरा पैसा निकल गया.
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