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कस्तूरबा में पढ़ेगी मंगरीता कुमारी

सराहनीय पहल. गुमला की बेटी को प्रशासन ने गोद लिया पालकोट प्रखंड के तिलइडाड़ की मंगरीता बाल विवाह के खिलाफ खड़ी हुई. पढ़ाई के लिए उसने खुद की शादी रुकवा कर मिसाल पेश की. लगन पान के लिए आये बाराती को वापस लौटा दिया. डीसी व डीएसइ ने मंगरीता का कस्तूरबा विद्यालय में नामांकन कराया […]

सराहनीय पहल. गुमला की बेटी को प्रशासन ने गोद लिया
पालकोट प्रखंड के तिलइडाड़ की मंगरीता बाल विवाह के खिलाफ खड़ी हुई. पढ़ाई के लिए उसने खुद की शादी रुकवा कर मिसाल पेश की. लगन पान के लिए आये बाराती को वापस लौटा दिया. डीसी व डीएसइ ने मंगरीता का कस्तूरबा विद्यालय में नामांकन कराया है.
गुमला : पढ़ाई के लिए खुद की शादी रुकवानेवाली मंगरीता कुमारी को जिला प्रशासन ने गोद लिया है. डीसी श्रवण साय व डीएसइ सच्चिदानंद द्विवेंदु तिग्गा की पहल पर गुरुवार को मंगरीता का नामांकन पालकोट के कस्तूरबा गांधी बालिका आवासीय स्कूल में करा दिया गया. आठवीं कक्षा में नामांकन हुआ है. डीसी ने कहा कि इंटर तक मंगरीता कस्तूरबा स्कूल में पढ़ेगी.
पढ़ाई का खर्च प्रशासन वहन करेगा. मंगरीता को एक लाख रुपये प्रोत्साहन राशि देने के लिए सरकार को पत्र लिखा जायेगा. जब मंगरीता की उम्र शादी करने की हो जायेगी, तो उक्त राशि को उसकी शादी में खर्च की जायेगी.
डीसी ने मंगरीता के हौसले को सलाम किया है. वहीं, कोलेंग पंचायत की मुखिया सुषमा केरकेट्टा की पहल की सराहना की है. डीसी ने कहा कि जहां मंगरीता ने अपने हौसले से खुद की शादी रुकवायी है, वहीं मुखिया दुर्गम क्षेत्र में बाल -विवाह के खिलाफ जागरूकता अभियान चला रही हैं. यह अच्छी कोशिश है.
मंगरीता का कदम साहसिक
सीडब्ल्यूसी सदस्य अलख नारायण सिंह व संजय कुमार भगत ने कहा कि मंगरीता से पहले अन्य तीन लड़कियां बाल विवाह के खिलाफ खड़ी हो चुकी हैं. सीडब्ल्यूसी अपने स्तर से प्रयास कर रही है कि बाल विवाह से लोग बचे. बच्चों को पढ़ाने के लिए भी माता -पिता को जागरूक कर रहे हैं
इंटर तक नि:शुल्क पढ़ेगी मंगरीता
डीएसइ सच्चिदानंद द्विवेंदु तिग्गा ने कहा कि मंगरीता कस्तूरबा स्कूल में इंटर तक नि:शुल्क पढ़ेगी. उसे सभी प्रकार की सुविधा दी जायेगी. उन्होंने खुद स्कूल जा कर मंगरीता का नामांकन कराया है.
अब चिंता है दो छोटी बहनों की
पालकोट प्रखंड के तिलइडाड़ की मंगरीता की बड़ी बहन सुमति की भी शादी कम उम्र में हो गयी थी. अभी सुमति मायके में है. मंगरीता ने कहा कि काफी साहस के बाद मैंने यह निर्णय लिया है. आज जरूर मेरी शादी रुक गयी, लेकिन मेरी दो छोटी बहन सुकरमुनी व लालमइत की चिंता उसे है. ये दोनों अभी छोटी हैं. परिवार गरीब है. कहीं इनकी शादी भी कम उम्र में तय नहीं हो जाये. उन्होंने कहा कि वह पढ़ कर अपनी अलग पहचान बनायेगी. वह अपनी छोटी बहनों का बाल विवाह नहीं होने देंगी. उन्हें भी पढ़ाने की व्यवस्था करेंगी.
मैं मंगरी नहीं, मंगरीता बन कर पढ़ूंगी
जब मंगरीता डीसी से मिलने उनके कार्यालय पहुंची, तो डीसी ने उसका नाम पूछा. उसने बताया कि स्कूल में मंगरी नाम लिखा है, लेकिन अब वह मंगरी नहीं मंगरीता बन कर पढ़ेगी. कहीं लड़का पक्ष वाले स्कूल पहुंच कर उसे परेशान नहीं करें. इस पर डीएसइ एसडी तिग्गा ने कहा कि उसे घबराने की जरूरत नहीं है. प्रशासन उसके साथ है.
गुड़मा में भी बचाना है एक बेटी को
मुखिया सुषमा केरकेट्टा ने कहा कि वह कोलेंग पंचायत में बाल विवाह, अंधविश्वास व डायन बिसाही के खिलाफ जागरूकता अभियान चला रही है. इसी का परिणाम है कि मंगरीता आज बाल विवाह के खिलाफ खड़ी हुई है. गुड़मा गांव की एक और लड़की की इसी प्रकार शादी तय हो गयी है. उसके परिवार को समझाने का प्रयास करूंगी.

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