दुर्जय पासवान, गुमला
उग्रवादियों के डर से बंद पालकोट प्रखंड के कोलेंग पंचायत स्थित राजकीय उत्क्रमित मवि चिरोडीह को ग्रामीणों ने अपनी सुरक्षा में खोलने का निर्णय लिया है. गांव के लोगों ने कहा है कि प्रशासन मदद करे या न करें. अब गांव के लोग खुद अपने बच्चों के भविष्य के लिए स्कूल खोलने में शिक्षकों की मदद करेंगे और सुरक्षा देंगे. साथ ही मैट्रिक व इंटर पास युवक दो-दो दिन ग्रुप बनाकर स्कूल आयेंगे और शिक्षकों को बच्चों के पढ़ाने में सहयोग करेंगे.
अगर शिक्षक नहीं आयेंगे तो ये गांव के पढ़े लिखे युवक-युवती छात्रों को पढ़ायेंगे. गुरुवार को स्कूल खोलने के मसले को लेकर स्कूल परिसर में विद्यालय प्रबंधन समिति की बैठक हुई. अध्यक्षता एसएमसी अध्यक्ष महेंद्र नगेशिया ने की. बैठक में विद्यालय के तहत पोषक गांव चिरोडीह, पहाड़टोली, तेतरचवरहा व तिलईडांड के ग्रामीणों ने विद्यालय को नियमित शुरू करने का निर्णय लिया.
बैठक में चारों गांव के ग्रामीणों ने निर्णय लिया कि चारों गांव से मैट्रिक पास युवक युवतियां रोजाना दो-दो दिन विद्यालय आकर शिक्षकों के पठन पाठन में सहयोग करेंगे. बैठक में उपस्थित अंचल निरीक्षक राजाराम सिंह मुंडा ने कहा कि यह आपका विद्यालय है. यह गांव की धरोहर है. इस विद्यालय को नियमित रूप से चलाने में सहयोग करे. साथ ही शिक्षकों की मदद करे.
पालकोट थाना के एएसआइ इमानुएल कोंगाड़ी ने कहा कि प्रशासन आपके साथ है. आप हमें मदद करे. हम आपको सहयोग करेंगे. आपसी तालमेल बनाकर चले. वहीं, स्कूल के तीनों शिक्षक विक्रम भगत, भोला प्रधान व किरण केरकेट्टा ने प्रतिदिन विद्यालय आकर पठन-पाठन करने की बातें कही. यहां बता दें कि उग्रवादियों द्वारा शिक्षकों से लेवी मांगने व लेवी नहीं देने पर जान से मारने की धमकी देने के बाद 15 दिनों से स्कूल बंद है. प्रभात खबर ने स्कूल बंद होने की खबर प्रकाशित की. इसके बाद प्रशासन व ग्रामीण स्कूल खुलवाने के लिए आगे आये हैं.