दुर्जय पासवान, गुमला
गुमला में 13 वर्षीय संदीप बन गयी संदीपा. दरअसल, हुआ यह कि जब इस लड़की को सिसई पुलिस ने बरामद कर सीडब्ल्यूसी को सौंपा तो उसके व्यवहार, चलने के तरीके व पहनावा से सभी ने उसे लड़का समझ लिया. सीडब्ल्यूसी ने उसका नाम संदीप रखा. लेकिन जिस बालगृह में उसे रखा गया था. वहां तीन दिन के बाद पता चला कि वह लड़का नहीं लड़की है. फिर उसका नाम बदलकर संदीपा रख दिया गया.
साथ ही लुथेरान खुशमारना बालगृह से हटाकर उसे जवाहर नगर के बालगृह में रखा गया है. जानकारी के अनुसार यह लड़की अपने घर से भटक गयी है. यह मानसिक रोगी है. इसलिए नाम व पता नहीं जानती है. 28 जुलाई को सिसई थाना की पुलिस ने उक्त लड़की को सड़क पर भटकते हुए पाया था. इसके बाद उसे गुमला सीडब्ल्यूसी को सौंप दिया.
पुलिस व सीडब्ल्यूसी उक्त लड़की के घर व परिजनों की तलाश कर रही है. लेकिन एक सप्ताह हो गया. अभी तक संदीप के परिजनों का पता नहीं चला है. सीडब्ल्यूसी के सदस्य संजय कुमार भगत ने कहा कि सिसई पुलिस जब भटकती लड़की को बरामद की तो पुलिस भी उसे लड़की समझ बैठी थी.
हमलोग भी उसे लड़का समझकर उसका नाम संदीप रख दिये. लेकिन तीन दिन के बाद पता चला कि वह लड़का नहीं लड़की है. इसलिए हमलोगों ने उसका नाम संदीप की जगह संदीपा रख दिया. चूंकि बालगृह में उसे पुकारने के लिए कोई नाम देना था. इसलिए उसका नाम संदीपा रखा गया है.
संजय ने बताया कि संभवत: मानसिक रोगी होने के कारण यह लड़की अपने घर से भटककर सिसई प्रखंड के इलाके में घूमने लगी थी. अभी उसे गुमला के बालगृह में रखा गया है. उसके घर व परिजनों की खोजबीन की जा रही है. चूंकि वह लड़की है. इसलिए वह दोबारा न भटके. इसका पूरा ख्याल रखा जा रहा है. क्योंकि वह कई बार बालगृह से भागने का प्रयास कर चुकी है.
सिर्फ खाना के समय वह चिल्लाती है तो बालगृह के लोग समझ जाते हैं कि उसे भूख लगी है. वह इशारा करके खाना मांगती है. अपील है कि अगर कोई उक्त लड़की को पहचानते हैं तो सीडब्ल्यूसी में संपर्क कर जानकारी दें. ताकि लड़की को उसके परिजनों से मिलाया जा सके.