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पानी के लिए तरस रही गुमला, प्रशासन बेखबर

शहर की जनता प्यासी, हाकिम साहब बेखबर बने हुए हैं. पीएचइडी व नप डेड, इनकी कथनी व करनी में भी अंतर. गुमला : गुमला शहर पांच दिनों से पानी के लिए तरस रहा है. सप्लाई पानी ठप है. चापानल भी खराब पड़े हुए हैं. जिनके पास पैसे हैं, वे पानी खरीद कर पी रहे हैं. […]

शहर की जनता प्यासी, हाकिम साहब बेखबर बने हुए हैं.

पीएचइडी व नप डेड, इनकी कथनी व करनी में भी अंतर.
गुमला : गुमला शहर पांच दिनों से पानी के लिए तरस रहा है. सप्लाई पानी ठप है. चापानल भी खराब पड़े हुए हैं. जिनके पास पैसे हैं, वे पानी खरीद कर पी रहे हैं. जिनके पास पानी खरीदने के लिए पैसा नहीं है, वे इधर-उधर से पानी का जुगाड़ कर रहे हैं.
पानी जुगाड़ करने में ही लोगों को समय गुजर जा रहा है. यहां तक कि स्कूली बच्चे भी पानी के लिए भटक रहे हैं. इस कारण वे स्कूल देर से पहुंच रहे हैं. गुमला की जनता परेशान है, लेकिन दूसरी तरफ प्रशासन बेखबर बना हुआ है. यहां तक कि जिले के हाकिम साहब भी पानी सप्लाई कराने की दिशा में पहल नहीं कर रहे हैं. पीएचइडी व नगर परिषद पहले से एक-दूसरे पर आरोप लगाने में व्यस्त हैं. जनता प्यासी है. एक ओर पीएचइडी के अधिकारी कहते हैं कि बिजली नहीं मिल रही है, जबकि बिजली विभाग दावा करता है कि हम बिजली दे रहे हैं. नगर परिषद जो पानी के नाम पर टैक्स वसूल रही है. उन्हें सिर्फ टैक्स से मतलब है.
नगर परिषद चुनाव के बाद नये अध्यक्ष, उपाध्यक्ष व वार्ड पार्षद चुन कर आये हैं. चुनाव के समय इन लोगों ने वादा किया था कि जनता की समस्या दूर करेंगे, लेकिन यहां जितने भी चुने प्रतिनिधि हैं, चुनाव जीतने के बाद जनता की समस्या से किनारा कर लिया है. उल्लेखनीय है कि पानी की समस्या कोई एक दिन की नहीं है. अभी ईद के त्योहार के समय भी एक सप्ताह तक पानी की आपूर्ति बंद कर दी गयी थी. इधर, पुन: गुमला में पानी बंद है. गुमला की जो स्थिति बन रही है, अब यहां के नेताओं व प्रशासन से लोगों का भरोसा उठता नजर आ रहा है. क्योंकि लोगों को जो सुविधा मिलनी चाहिए, वह ठीक ढंग से नहीं मिल पा रही है. सिर्फ कागजों में काम होता दिख रहा है. धरातल पर जनता परेशान व प्रशासनिक महकमा मस्त है.
इंजीनियरों व तकनीकी पदाधिकारी को हटाने की मांग : पानी नहीं मिलने से गुस्साये लोगों ने मंगलवार को पीएचइडी कार्यालय के सामने एनएच-78 करीब ढाई घंटे तक जाम कर नारेबाजी की. नगर परिषद व पीएचइडी के खिलाफ नारे लगाये. आंदोलन का नेतृत्व कर रहे रमेश कुमार चीनी व अकील रहमान ने कहा कि पीएचइडी के इइ, एसडीओ व जेइ को जनता की परेशानी से मतलब नहीं है. इन्हें सिर्फ कुर्सी में बैठने में मजा आता है. जनता पानी के लिए परेशान है,
परंतु पानी सप्लाई की दिशा में सिर्फ कमी व फॉल्ट की दुहाई दे रहे हैं. दोनों ने सभी इंजीनियरों को गुमला से हटाने की मांग की है. रमेश कुमार ने कहा कि जब से ये नये इंजीनियर गुमला में आये हैं, लोगों को पानी के लिए परेशानी झेलनी पड़ रही है. चेंबर ऑफ कामर्स के अध्यक्ष महेश कुमार लाल, सचिव राजेश लोहानी व हिमांशु केसरी जाम के समर्थन में पहुंचे.
इन लोगों ने भी विभाग के खिलाफ भड़ास निकाली. चेंबर ऑफ कामर्स ने पीएचइडी के तकनीकी पदाधिकारी रामसागर राम को गुमला से हटाने की मांग की है, क्योंकि ये लंबे समय से गुमला में जमे हुए हैं. इधर, सिर्फ स्कूल बस व एंबुलेंस को सड़क जाम से मुक्त रखा गया. बाकी सभी गाड़ियों को रोक लिया गया. ढाई घंटे तक रांची व छत्तीसगढ़ का मार्ग बाधित रहा.

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