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अधिकारियों से कैदी ने कहा: धर्म परिवर्तन के लिए बनाया जा रहा दबाव, जेल में कैदी से तीन घंटे पूछताछ

गुमला: गुमला जेल में बंद हत्या के विचाराधीन कैदी छोटू भुईयां के धर्म परिवर्तन का मामला प्रकाश में आने के बाद जिले के वरीय अधिकारियों ने जांच की. डीसी श्रवण साय, एसपी चंदन कुमार झा, एसडीओ केके राजहंस व एसडीपीओ भूपेंद्र प्रसाद राउत देर रात को जेल पहुंचे. तीन घंटे तक जेल के अंदर रह […]

गुमला: गुमला जेल में बंद हत्या के विचाराधीन कैदी छोटू भुईयां के धर्म परिवर्तन का मामला प्रकाश में आने के बाद जिले के वरीय अधिकारियों ने जांच की. डीसी श्रवण साय, एसपी चंदन कुमार झा, एसडीओ केके राजहंस व एसडीपीओ भूपेंद्र प्रसाद राउत देर रात को जेल पहुंचे.

तीन घंटे तक जेल के अंदर रह कर छोटू भुईयां व अन्य कैदियों से पूछताछ की. सभी अधिकारियों ने एक-एक कर छोटू से पूरी जानकारी ली. पूछताछ में छोटू ने कहा कि हत्या के केस से मुक्त कराने के लिए धर्म परिवर्तन करने का दबाव बनाया जा रहा है. तीन घंटे के पूछताछ के बाद जब उससे अंतिम बार पूछा गया कि अभी तुम किस जाति का हो, तो उसने कहा : मैं हिंदू हूं. इसपर जांच के लिए गये अधिकारियों ने कहा कि जब तुम अपने को हिंदू मान रहे हो, तो तुम्हारा धर्म परिवर्तन कोई नहीं करा सकता है. पूछताछ में छोटू ने यह भी बताया कि उसके ससुर ने उक्त धर्म के धर्मगुरु के माध्यम से धर्म परिवर्तन करने के लिए उस पर दबाव बना रहा है. साथ ही कहा गया है कि जेल से निकलने के बाद धर्म परिवर्तन की पूरी औपचारिकता पूरी की जायेगी और नाम भी बदला जायेगा.

इस दौरान अधिकारियों ने जेल के अन्य कैदियों से पूछताछ की, तो कैदियों ने बताया कि छोटू द्वारा धर्म परिवर्तन करने की जानकारी दूसरे कैदियों को नहीं है.
अधिकारियों की जांच में ये बातें सामने आयी
प्रलोभन व डरा धमका कर धर्म परिवर्तन कराने की योजना है.
छोटू ने हत्या के केस से बचने के लिए झूठी कहानी बनायी होगी.
किसी के कहने पर छोटू भुईयां ने इस प्रकार की कहानी गढ़ी है.
धर्मांतरण की बात सच हुई, तो धर्मांतरण कराने वाले दोषी होंगे.
जांच का विषय यह भी है
छोटू भुईयां हत्या का विचाराधीन कैदी है. उसने अपने हाथ से लिखित आवेदन सीएम के पास प्रेषित किया है. आवेदन किसी के माध्यम से सीएम के पास भेजने के लिए जेल से बाहर निकाला गया है. अब बात यह है कि जब जेल के अंदर आपत्ति जनक सामान प्रवेश नहीं होता है, तो अंदर का भी सामान बाहर नहीं निकल सकता है. छोटू द्वारा लिखा गया पत्र कैसे बाहर आया, क्योंकि जेल नियम के अनुसार अगर कोई कैदी आवेदन लिखता है, तो उक्त आवेदन को जेल प्रशासन के माध्यम से ही बाहर भेजा जा सकता है.

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