दुर्जय पासवान
गुमला : नक्सलियों और उग्रवादी संगठनों के खिलाफ पुलिस प्रशासन ने पिछले दिनों जबरदस्त अभियान चलाया है. इससे उग्रवादी संगठन के कई बड़े कमांडर या तो पकड़े गये या फिर मार गिराये गये. इससे प्रतिबंधित उग्रवादी संगठन पीएलएफआई जैसे संगठन की जड़ें उखड़ने लगी हैं. वैसे में अब ये उग्रवादी संगठन फिर से अपनी जड़ें मजबूत करने की कोशिश में हैं.
महिलाओं को अपनी ताकत बनाने की कोशिश में पीएलएफआई ने उनके आंदोलन से जुड़ने का ऐलान किया है. शराबबंदी को लेकर महिलाएं आंदोलन चला रही है. पीएलएफआई ने इस आंदोलन में महिलाओं को साथ देने का घोषणा की है.
इसके साथ-साथ गुमला व सिमडेगा जिला में जंगल काटने पर रोक लगा दी है. गुमला जिला के पालकोट, बसिया, रायडीह, कामडारा व सिमडेगा जिला के कोलेबिरा, बानो, जलडेगा प्रखंड क्षेत्र के जंगलों से पेड़ काटने पर सजा देने का ऐलान किया है. लकड़ी माफियाओं को सुधरने के लिए कहा है. हड़िया व दारू की बिक्री भी बंद करने की धमकी दी है.
इस संबंध में पीएलएफआई के सिमडेगा व गुमला के सबजोनल कमांडर कुंवर गोप ने फोन पर कहा है कि लकड़ी माफिया जंगल से पेड़ काटना बंद करें. नहीं तो पकड़े जाने पर छह इंच छोटा कर देंगे. जल, जंगल व जमीन पर गांव के लोगों का अधिकार है. गांव के लोग सिर्फ सूखी लकड़ी का उपयोग जलावन के रूप में करते हैं. लेकिन लकड़ी माफिया पूरा जंगल उजाड़ने में लगे हैं. प्रतिबंधित क्षेत्र में भी पेड़ काटा जा रहा है.
संगठन अब कार्रवाई के लिए मजबूर है. पीएलएफआई ने राज्य सरकार से गांव की महिलाओं को रोजगार देने के लिए कहा है. ताकि कोई महिला हड़िया व दारू न बेच अपना रोजगार कर सके. राज्य सरकार से सीएनटी व एसपीटी एक्ट को रद्द करने के लिए कहा है. जिससे गरीब लोगों की जमीन को पूंजीपतियों से बचाया जा सके.