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40 फीसदी ही धान का बिचड़ा तैयार

मौसम की मार. अधिक बारिश होने कारण बुआई में पिछड़ रहे जिले के किसान आवश्यकता से अधिक बारिश होने के कारण पिछले वर्ष की तुलना में इस वर्ष धान बिचड़ा डालने की प्रगति धीमी है. रूक-रूक कर 105 मिमी बारिश होने के कारण किसान जुताई के लिए खेत सूखने का इंतजार करते रहे. गोड्डा : […]

मौसम की मार. अधिक बारिश होने कारण बुआई में पिछड़ रहे जिले के किसान

आवश्यकता से अधिक बारिश होने के कारण पिछले वर्ष की तुलना में इस वर्ष धान बिचड़ा डालने की प्रगति धीमी है. रूक-रूक कर 105 मिमी बारिश होने के कारण किसान जुताई के लिए खेत सूखने का इंतजार करते रहे.
गोड्डा : जिले में इस साल धान का बिचड़ा तैयार करने की प्रगति काफी धीमी है. पिछले वर्ष की तुलना में बिचड़ा तैयार करने का लक्ष्य पूरा नहीं किया जा सका है. खरीफ की बुआई के लिए महज 40.11 प्रतिशत ही धान का बिचड़ा तैयार हो पाया है. मालूम हो कि जिले में इस वर्ष धान की खेती का लक्ष्य 46 हजार हेक्टेयर रखा गया है. इसमें मात्र 1845 हेक्टेयर भूमि के लिए बिचड़ा तैयार हो पाया है, जो निराशाजनक है. इसका कारण हाल के दिनों में रूक-रूक हो रही अत्यधिक बारिश होना बताया जा रहा है. किसान खेतों की जुताई के लिए पानी सूखने का इंतजार करते रह गये.
वर्ष 2016 में 25 जून तक 105.5 मिमी बारिश रिकॉर्ड की गयी है. पिछले वर्ष 2015 में बारिश का रिकॉर्ड 81 मिमी था. इस वजह से ही पिछले वर्ष बिचड़ा इस वर्ष की तुलना में 15 प्रतिशत ज्यादा तैयार हो पाया था. पिछले वर्ष बिचड़ा तैयार होने का लक्ष्य 56 प्रतिशत के करीब था. इस वर्ष की स्थिति पिछले वर्ष के अनुपात में अपेक्षाकृत सही नहीं है. हालांकि यह स्थिति सुधरने के पर्याप्त आसार है. यदि एक-दो दिन बारिश नहीं होती है, आंकड़ा 60 प्रतिशत पार कर जायेगा.
रूक -रूक कर हुई बारिश से बढ़ी परेशानी
46.5 प्रतिशत जमीन पर होगी मक्का की बुआई
वहीं खरीफ फसल के रूप में मक्का की बुआई का लक्ष्य आच्छादित भूमि के लक्ष्य के अनुपात में 46.5 प्रतिशत भू-भाग पर हो गया है. जिले में वर्ष 2016 में मक्का बुआई का लक्ष्य 12 हजार 900 हेक्टेयर जमीन पर निर्धारित है. इस अनुपात में अभी तक मात्र 5990 हेक्टेयर भू-भाग पर ही मक्का बुआई का काम पूरा हो पाया है. दलहन व तेलहन में भी अपेक्षाकृत स्थिति अच्छी नहीं है. दलहन की बुआई लक्ष्य के अनुरूप अभी तक मात्र 14 प्रतिशत भू-भाग पर ही हो पाया है. दलहन की बुआई का लक्ष्य पूरे जिले में 19800 हेक्टेयर भू-भाग पर रखा गया था. इसमें मात्र 2772 हेक्टेयर भू-भाग पर ही बुआई का काम पूरा किया गया है.
धान का बिचड़ा तैयार करने का काम तेजी से चल रहा है. जिले में किसान अधिकांश सूखे में ही बिचड़ा तैयार करते हैं. दो से तीन दिन में कई स्थानों पर बिचड़ा तैयार करने का काम पूरा कर लिया जायेगा.’’
-सुरेश तिर्की, जिला कृषि पदाधिकारी
105 मिली मीटर बारिश हुई है वर्ष 2016 के जून माह में
81 मिली मीटर बारिश हुई थी जून माह 2015 में
46 हजार हेक्टेयर भूमि पर है धान खेती का नये वर्ष में लक्ष्य
15 फीसदी कम बिचड़ा तैयार हो पाया है पिछले साल की तुलना में
धड़ल्ले से हो रही पशु तस्करी, प्रशासन बेखबर
सुंदरपहाड़ी के रास्ते हजारों मवेशियों को ले जाया जा रहा पश्चिम बंगाल

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